नजरिया

पैंगोंग में चीन का पीछे हटना नए भारत की ताकत को ही दिखाता है

अब चूंकि भारतीय सेना के साहस और सरकार की दृढ़ता के परिणामस्वरूप चीन पीछे हट गया है, ऐसे में विपक्षियों के पास सिवाय खींसे निपोरने के कुछ बचा नहीं है।

क्या अपनी प्रासंगिकता खो रहा है किसान आंदोलन ?

देश इस बात को बहुत अच्छे से समझता है कि देश का किसान जो इस देश की मिट्टी को अपने पसीने से सींचता है वो देश के उस जवान पर कभी प्रहार नहीं कर सकता जो इस देश की आन को अपने खून से सींचता है।

पश्चिम बंगाल चुनाव : ये लड़ाई सत्ता परिवर्तन की नहीं, बंगाल को ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की है

यूँ तो भाजपा हर चुनाव को लेकर गंभीर रहती है, लेकिन बंगाल में बनी राजनीतिक स्थितियों को समझें तो भाजपा अपनी पूरी शक्ति बंगाल के विजय के लिए लगा रही है।

किसान आंदोलन की दशा और दिशा

अब किसान आंदोलन किसानों से निकल कर ऐसे ही संदिग्ध हाथों में पहुँच गया है। ऐसे में सरकार जिस धैर्य से काम ले रही है वो ठीक ही है।

पश्चिम बंगाल : भाजपा की परिवर्तन यात्रा ने बढ़ाई ममता की परेशानी

भाजपा की इस परिवर्तन यात्रा को बंगाल चुनाव की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से व्यापक जनसंपर्क अभियान को गति प्रदान की जाएगी।

‘जो भारत कल तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक था, अब वो हथियार निर्यात कर रहा है’

आज हमारे देश की अनेक सरकारी कंपनियां विश्व स्तर के हथियार बना रही हैं और भारत विश्व के 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है।

राहुल गांधी का अहंकार बची हुई कांग्रेस को भी समेट देगा!

राहुल गाँधी ने कहा कि कौन नड्डा ? अब अगर कोई पलट के पूछ दे कि कौन राहुल ? क्योंकि हर समय जिम्मेदारियों से भागने वाले राहुल गाँधी इस समय क्या हैं ?

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने वाले बताएं कि पुराने कानूनों के रहते खेती घाटे का सौदा क्यों बन गयी?

नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने वाले किसान यह क्‍यों नहीं बता रहे हैं कि पुराने कानूनों से खेती-किसानी घाटे के सौदे में क्‍यों तब्‍दील हो गई?

अनुच्छेद-370 हटने के बाद तेजी से बदल रहा जम्मू-कश्मीर, आतंकी घटनाओं में आई कमी

अनुच्छेद-370 हटने के बाद जो अनेक सकारात्मक संकेत हमें देखने को मिल रहे हैं, यही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को सुनिश्चित करेंगे।

कोरोना से लड़ाई में क्यों फेल हो रहे हैं ये चार राज्य ?

महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ – इन चार राज्यों की सरकारों को केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों पर पत्र लिखना पड़ा है।