नवसंवत्सर विशेष : ठोस गणितीय और वैज्ञानिक काल गणना पद्धति पर आधारित है हिन्दू नववर्ष
भारत में सनातन हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष को नवसंवत्सर कहा जाता है एवं यह देश के विभिन्न भागों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।
भारत के प्राचीन मंदिरों में विज्ञान
कोणार्क सूर्य मंदिर की चुंबकीय शक्ति इतनी ताकतवर थी कि जब इस मंदिर के निकट से अंग्रेजों के समुद्री जहाज गुजरते हुए मंदिर के चुंबकीय परिधि में आ जाते थे, तो उनके ‘दिशा निरूपण यंत्र’ काम करना बंद कर देते थे।
ऑस्कर में भारतीयता के सुरों की अनुगूँज
‘नाटू नाटू’ और ‘द एलीफैंट व्हिस्पेरर्स’ को ऑस्कर मिलने से विश्व पटल पर भारतीयता के भावों की अनुगूंज हुई है। इसके बाद भारतीय सिनेमा को देखने के विदेशी नजरिये में बदलाव आने की उम्मीद है।
क्वाड के तेवर से सहमा चीन
क्वाड का उद्देश्य प्रशांत महासागर, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में विस्तृत नेटवर्क के जरिए जापान और भारत के साथ मिलकर इस क्षेत्र में एक ऐसा वातावरण निर्मित करना है..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सफलता के नित नए सोपान चढ़ रही भारतीय विदेश नीति
भारत और इटली के बीच एक ‘स्टार्टअप ब्रिज’ की स्थापना की भी घोषणा की गई। रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भी दोनों देश एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं।
जी-20 देशों में स्वामी विवेकानंद के पदचिन्ह
विश्व बंधुत्व एवं वेदांत के प्राचीन संदेश को लेकर ही आज से लगभग 128 वर्ष पहले (1893) स्वामी विवेकानंद पश्चिम के प्रवास पर गए थे।
मुख्यमंत्री योगी की मजबूत इच्छाशक्ति से सुशासन के पथ पर अग्रसर यूपी
योगी का यह कहना कि जो जिस भाषा को समझेगा उससे उसी भाषा में बात की जाएगी, राज्य के माफिया और अराजक तत्वों के लिए स्पष्ट संदेश है।
वीर सावरकर ऐसी धातु से बने हुए थे जो तपाने पर और भी निखरने लगती है
समय के निष्पक्ष हाथों ने उन सच्चाइयों को ढूंढ निकाला है। उन्हें प्रकाश में लाने के प्रयत्न होने लगे हैं। उस नए इतिहास के एक स्वर्णिम अध्याय का ही नाम है “स्वातंत्र्यवीर सावरकर”।
ये भारतीय राजनीति में महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम काल है!
इस बार भारतीय जनता पार्टी का महिला मोर्चा एक ऐसे देशव्यापी अभियान के साथ आगे आया है जो निश्चित तौर पर सभी राजनीतिक दलों में महिलाओं की भूमिका को बदल देने वाला सिद्ध हो सकता है।
गड़ौली धाम : अलग अर्थों में विस्तृत होती जा रही है काशी
अब बाबा विश्वनाथ, संकटमोचन और प्रचलित घाटों के अतिरिक्त भी काशी के पास एक ऐसा स्थान है जहाँ गौ-गंगा और गौरी-शंकर का दर्शन सुलभ होगा।