आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ वित्तीय वर्ष 2023-24
वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भी भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है जो पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही थी। पूरे विश्व में प्रथम 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक विकास दर भारत की आर्थिक विकास दर के कहीं आसपास भी नहीं रही है। अमेरिका की
वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में वृद्धि से गरीब वर्ग तक सहायता पहुंचाना हुआ आसान
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता होती है और यह धन देश की जनता से ही करों के रूप में उगाहे जाने के प्रयास होते हैं। उस कर व्यवस्था को उत्तम कहा जा सकता है जिसके अंतर्गत नागरिकों को कर का आभास बहुत कम हो। जिस
मोबाइल विनिर्माण की वैश्विक धुरी बनता भारत
मोदी सरकार के जमीनी प्रयासों का नतीजा है कि जिस देश में 2014 में मात्र 2 मोबाइल फोन कारखाने थे, वही देश आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है। वर्ष 2022-23 में भारत में 3.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का उत्पादन हुआ। इस समय सैमसंग, एप्पल सहित कई
विकसित देश बनने की राह पर भारत
1947 से ठीक 60 सालों के बाद भारत की जीडीपी 2007 में 1 ट्रिलियन डॉलर की हुई और 2014 में बढ़कर 2 ट्रिलियन डॉलर की हो गई और 2019 में 3 ट्रिलियन डॉलर की। 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई थी, जबकि 2019 में यानी सिर्फ 5 सालों के
वैश्विक एजेंसियों के अनुसार मजबूत बनी रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की “बीबीबी” की रेटिंग को बरकरार रखा है। इसका यह अर्थ हुआ कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी रहेगी। इस एजेंसी के अनुसार भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2024 में 6.9 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी और आगामी कुछ सालों तक दुनिया की सबसे तेज गति से आगे
आवासीय निर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ता भारत
अब तो देश में बड़े बड़े रिहायशी मकान के प्रोजेक्ट, सूचना प्रौद्योगिकी पार्क, शॉपिंग माल्स आदि भारी मात्रा में विकसित किए जा रहे हैं। अति महंगे एवं बड़े आकार के फलैट्स भी भारत में आसानी से हाथों हाथ बिकने लगे हैं। वर्ष 2024 आते आते भारत का रियल एस्टेट बाजार अब पूरे विश्व में सबसे
ये आंकड़े बताते हैं कि वैश्विक मंदी के बीच भी तेजी से आगे बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था!
भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार मजबूत रहने के कारण ही एस एंड पी ग्लोबल ने 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है
बड़े बाजार के रूप में स्थापित होने के बाद अब वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित होता भारत
वैश्विक स्तर पर भारत एक बड़े बाजार के रूप में स्थापित होने के बाद अब विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। मेक इन इंडिया बड़ी ताकत बनता जा रहा है।
तेजी से आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था
जीडीपी अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को मापने का सबसे सशक्त पैमाना है। यह एक निश्चित समय में सभी उत्पादों और सेवाओं के मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है।
सहकारिता क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में बढ़ रही मोदी सरकार
सहकारिता को जन-जन तक पहुंचाने के क्रम में मोदी सरकार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को 2000 जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति देने के साथ-साथ