रेलवे के आधुनिकीकरण में कामयाब हो रही मोदी सरकार
देश के एकीकरण में अहम भूमिका निभाने और अर्थव्यवस्था की धमनी होने के बावजूद भारत में रेलवे का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं हुआ। आजादी के बाद से ही रेलवे का इस्तेमाल राजनीति चमकाने के लिए किया जाने लगा। यही कारण है कि रेल सेवाओं के मामले में भारी असंतुलन फैला। 1990 के दशक में शुरू हुई गठबंधन की राजनीति में इस क्षेत्रीय असंतुलन ने समस्या का रूप ले लिया।
न्यूनतम मजदूरी में पांच गुना तक वृद्धि का प्रस्ताव, आएंगे मजदूरों के अच्छे दिन!
केंद्र सरकार ने मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में इजाफा करने के लिये वीवी गिरि नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट के फेलो अनूप सत्पथी के नेतृत्व में विगत वर्ष एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट का प्रकाशन 11 फरवरी को किया गया है
वंदे भारत एक्सप्रेस: अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन
शुक्रवार का दिन भारत के इतिहास में दर्ज हो गया। देश को वंदे भारत एक्सप्रेस का उपहार मिला जो कि देश की पहली स्वदेशी, सेमी-हाईस्पीड ट्रेन है। भारतीय रेलवे के लिए भी यह उपलब्धि बहुत खास है क्योंकि इस प्रोजेक्ट पर लंबे समय से काम चल रहा था और इस अत्याधुनिक, सर्वसुविधायुक्त ट्रेन के आने से सार्वजनिक परिवहन को भी गति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के रेल्वे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रवाना किया।
स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रही मोदी सरकार
गरीबी पैदा करने वाले कारणों में महंगा इलाज पहले स्थान पर है। खुद सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल साढ़े छह करोड़ लोग महंगे इलाज के कारण गरीबी के बाड़े में धकेल दिए जाते हैं। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार दूर करने के साथ–साथ गरीबी मिटाने के दीर्घकालिक उपायों पर भी काम करना शुरू किया।
किसानों की तकदीर बदलने वाला है ये बजट
किसानों की समस्या को दूर करने एवं कृषि से जुड़ी परेशानियों को कम करने के लियेकेंद्रीय बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बनाने की घोषणा की गई है,जिसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को एक सुनिश्चित आय सहायता के रूप में दी जायेगी।
मोदी सरकार के दस सूत्रीय विजन से होगा नए भारत का निर्माण
गत 1 फरवरी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट संसद में पेश किया। इसमें आयकर में दी गई बड़ी छूट के अलावा अन्य कई ऐसी बातें शामिल थीं जो कि देश की जनता के लिए राहत लेकर आईं। हालांकि इन पर अधिक बात नहीं हो पाई। मोदी सरकार का यह बजट सर्वहितैषी और समावेशी कहा जा सकता है, क्योंकि इसमें अन्नदाता किसान से लेकर मतदाता और करदाताओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है।
देश के अन्नदाता की समस्याओं को दूर करने वाला सर्वसमावेशी बजट
अंतरिम बजट में किसानों को अधिकतम लाभ देने की कोशिश की गई है। मनरेगा के लिये 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे गाँवों को निकट के शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
दलहन क्रांति : मोदी सरकार के प्रयासों से दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की राह पर देश
भारतीय खेती की बदहाली की एक बड़ी वजह एकांगी कृषि विकास नीतियां रही हैं। वोट बैंक की राजनीति के कारण सरकारों ने गेहूं, धान, गन्ना, कपास जैसी चुनिंदा फसलों के अलावा दूसरी फसलों पर ध्यान ही नहीं दिया। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव दलहनी व तिलहनी फसलों पर पड़ा। घरेलू उत्पादन में बढ़ोत्तरी न होने का नतीजा यह हुआ कि दालों व खाद्य तेल का आयात तेजी से
प्रयागराज : कुम्भ से प्रवाहित हुई विकास की धारा
कुंभ का ऐतिहासिक महत्व विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार का आयोजन अन्यत्र कहीं भी नहीं होता है। यह उचित है कि प्रत्येक सरकारें अपने स्तर पर इसके निर्बाध आयोजन का प्रयास करती रही हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे यहीं तक सीमित नहीं रखा। उसने अपने को भावनात्मक रूप से भी कुम्भ से जोड़ा है। यह अंतर तैयारियों में भी दिखाई दिया।
गैस पाइपलाइन का राष्ट्रीय नेटवर्क बना रही है मोदी सरकार
हर घर तक बिजली, सड़क, शौचालय, रसोई गैस पहुंचाने के बाद मोदी सरकार देश भर में पाइपलाइन से गैस आपूर्ति का नेटवर्क तैयार कर रही है। सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में प्राकृतिक गैस को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का विशाल नेटवर्क जरूरी है।