कामकाज

हर गाँव तक बिजली पहुँचाने में कामयाब रही मोदी सरकार !

आजादी के सत्‍तर साल बाद ही सही लेकिन अब तक अंधेरे में डूबे 18,452 से अधिक गांवों में समय सीमा से पहले बिजली पहुंचना एक बड़ी उपलब्‍धि है। गौरतलब है कि प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त, 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिनों में देश के इन गांवों में बिजली पहुंचाने का समयबद्ध लक्ष्‍य तय किया था। इसके लिए दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना शुरू की गई, जिसके तहत ग्रामीण घरों और कृषि

विश्व बैंक की रिपोर्ट में आया सामने, तेजी से डिजिटल हो रहा इंडिया !

विश्व बैंक ने 19 अप्रैल को जारी अपनी रिपोर्ट “ग्लोबल फिन्डेक्स” में भारत में वित्तीय समावेशन की दिशा में उठाये गये प्रयासों की सराहना की है। साथ ही, कहा कि भारत में डिजिटल लेनदेन में भी तेजी आ रही है। विश्व बैंक के अनुसार व्यापक पैमाने पर जनधन खाते खोलने और “आधार” को बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया में शामिल करने से ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक एवं सामाजिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इससे वित्तीय

मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों का दिखने लगा असर, चीन से आगे बढ़ा भारत!

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार भारत द्वारा किये जा रहे आर्थिक सुधारों का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन के अनुसार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को अमलीजामा पहनाने से प्रणाली को पारदर्शी और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। लिप्टन के मुताबिक, बैंकों की समस्याओं से निपटने के लिये उठाये गये कदम समीचीन एवं महत्वपूर्ण हैं।

कर चोरी पर लगाम लगाने में कारगर साबित होगा ई-वे बिल !

इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई-वे बिल) व्यवस्था फिर से शुरू की गई है। इस बार इस व्यवस्था को पूरी तैयारी के साथ उतारा गया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की सफलता के लिये इस व्यवस्था का मजबूत होना जरूरी है। इस बार सरकार ने ई-वे बिल के कई नियमों को सरल बनाकर छोटे कारोबारियों को राहत देने की कोशिश की है। ई-वे बिल से छूट के दायरे को 10 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया गया है, जिसे छोटे

रोजगार सृजन के लिए स्टार्टअप इंडिया को और सरल बनाने में जुटी सरकार !

सरकार “स्टार्टअप इंडिया” के लिये पूँजी जुटाने की प्रक्रिया को आसान बनाने जा रही है। इस योजना की सफलता के लिये सरकार “स्टार्टअप इंडिया” शुरू करने वाले कारोबारियों को राहत देने की तैयारी कर रही है। आयकर विभाग और उद्योग मंत्रालय मिलकर “स्टार्टअप इंडिया” में लगने वाले एंजेल टैक्स में राहत देने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे “स्टार्टअप इंडिया” की राह में आने वाली मुख्य समस्या, जो पूँजी की

विश्व बैंक और फिच के ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी के प्रति आश्वस्त करते हैं !

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत-कोरिया व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए हाल ही में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 7 से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले 10 से 20 सालों तक भारत दुनिया की सबसे तेज वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा। वित्त मंत्री के अनुसार बीते महीनों में भारत में कारोबार करना सुगम हुआ है। जीएसटी की प्रक्रिया सरल हुई है और

महिलाओं को चूल्‍हे के धुंए से आजादी दिलाने में कामयाब रही मोदी सरकार !

आजादी के बाद गरीबी मिटाने की सैकड़ों योजनाओं के बावजूद गरीबों की तादाद में अपेक्षित कमी नहीं आई तो इसका कारण है कि हमने उन कारणों को दूर नहीं किया जो लोगों को गरीबी के बाड़े में धकेलती हैं। आजादी के बाद से ही सरकारों का पूरा जोर सस्‍ता राशन और भत्‍ता बांटने पर रहा ताकि गरीबों में असंतोष न पनपे और वोट बैंक की राजनीति बदस्‍तूर चलती रहे। यदि सरकारों ने बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य,

जीडीपी में निरंतर वृद्धि दिखाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रफ़्तार पकड़ रही है !

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ताजा आंकड़े अर्थव्यवस्था को लेकर आश्वस्त करते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर से दिसंबर, 17 की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर बढ़ कर 7.2 प्रतिशत पहुंच गई, जो वित्त वर्ष, 17 की दूसरी तिमाही में 6.5% थी। यह वृद्धि पिछली 5 तिमाहियों में सबसे अधिक है। यही नहीं, ताजा आंकड़ों के साथ भारत ने जीडीपी की वृद्धि दर के मामले में चीन को भी पीछे

बेघरों को घर मुहैया कराने में जुटी मोदी सरकार !

दुनिया के सबसे उपजाऊ मैदानों, सदानीरा नदियों और मेहनतकश आबादी के बावजूद आज देश के करोड़ों लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है तो इसकी वजह भ्रष्‍टाचार ही है। इसी को देखते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत से बाद आजाद होने वाले देश विकास के मामले में हमसे कई कदम आगे निकल गए हैं।

मोदी केयर : आम जन के स्वास्थ्य की सुध लेने वाली योजना

सरकार ने वित्त वर्ष, 2019 के बजट में “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) नाम से एक नई योजना की घोषणा की है। इसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवार (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) लाभान्वित होंगे और