कामकाज

मोदी सरकार की नीतियों से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ता भारत !

मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार का दौर जारी है, जिसके  कारण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 के 6.4 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2018 में 7.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019 में 7.7 प्रतिशत पर पहुँच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार बैंकों के बैलेंस शीट को साफ-सुथरा करने की कोशिश कर रही है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण फैसलों को

उर्वरकों की कमी दूर करने में कामयाब रही मोदी सरकार !

कांग्रेसी सरकारें हर स्‍तर पर बिचौलियों-मुफ्तखोरों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी करने के मामले में कुख्‍यात रही हैं। जिन–जिन राज्‍यों में कांग्रेस की जगह जातिवादी सरकारें आई उन्‍होंने तो भ्रष्‍टाचार को राजधर्म बना डाला। यहां उत्‍तर प्रदेश के बहुचर्चित राशन घोटाले का उल्‍लेख प्रासंगिक है, जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज से लदी मालगाड़ी गोंडा से सीधे बांग्‍लादेश पहुंचा दी गई थी। इसी तरह करोड़ों लोग फर्जी पहचान के

मोदी सरकार की नीतियों से बेहतरी की ओर अर्थव्यवस्था

विनिर्माण क्षेत्र में 7.0%, बिजली, गैस, और अन्य उपयोगी सेवाओं में 7.6%, संचार, व्यापार, होटल, परिवहन आदि क्षेत्रों में 9.9% की दर से विकास के होने के कारण सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.1% दर से वृद्धि हुई, जबकि पहली तिमाही में यह 5.6% थी, जबकि जीडीपी में वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही के 5.7% के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2018 की दूसरी तिमाही में 6.3% की दर से वृद्धि

पेमेंट कंपनी वीजा की रिपोर्ट : नोटबंदी के बाद भारतीयों में डिजिटल पेमेंट का बढ़ रहा चलन

इसमें कोई शक नहीं है कि अब भारत क्रमिक रूप से और तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। इस डिजिटल क्रांति का सबसे प्रभावी और सकारात्‍मक असर अर्थव्‍यस्‍था पर ही पड़ा है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नोटबंदी के बाद से ही देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन का ग्राफ बढ़ गया था। हालांकि विपक्षी दलों ने इसे विवशता करार दिया और कहा कि यह सरकार की विफलता है, लेकिन ग्‍लोबल

ग्रामीण क्षेत्रों में उज्ज्वला योजना से मुद्रास्फीति में आ रही कमी

भारत, खास करके ग्रामीण इलाकों, में उपभोग के तरीकों में बदलाव के साथ-साथ लोगों के रहने के तौर-तरीकों में भी लगातार परिवर्तन आ रहा है। जीवनयापन को बेहतर बनाने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों एवं सेवाओं की माँग में बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2016 से ग्रामीण इलाकों में विवेकाधीन उपभोग में गिरावट की प्रवृति देखी जा रही है। इसका संभावित कारण बड़ी-बड़ी विनिर्माण या

उम्मीद जगाती है योगी सरकार की औद्योगिक नीति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास का कारगर रोडमैप तैयार किया है। इसके प्रति निवेशकों ने उत्साह दिखाया है। इसमें संदेह नहीं कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास की दौड़ में बहुत पीछे रह गया। अब ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्थिति में सुधार का बीड़ा उठाया है। उनकी सरकार ने एक साथ कई मोर्चे पर कार्य शुरू किया है। योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी निगरानी में

सिंचाई तंत्र को सुदृढ़ करने में जुटी मोदी सरकार

इसे पिछले साठ सालों में सरकारों की नाकामी ही माना जाएगा कि अमेरिकी उपग्रहों को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने वाले देश की खेती-किसानी अभी भी “मानसून का जुआ” बनी हुई है। हर साल देश का कोई न कोई इलाका सूखे की चपेट में रहता है और सिंचाई के लिए पानी की किल्‍लत तो कमोबेश हर जगह बनी रहती है। इस विडंबना को दूर करने का बीड़ा प्रधानमंत्री मोदी ने उठाया है।

मूडीज रेटिंग : सरकार के आर्थिक सुधारों से बढ़ी भारत की रेटिंग, भविष्य में और बढ़ने की संभावना !

अमेरिकी एजेंसी मूडीज ने 13 सालों के बाद भारत सरकार के स्थानीय एवं विदेशी मुद्रा जारीकर्ता साख का उन्नयन किया। भारत की साख को अपने वर्गीकरण में ऊँचा करते हुए मूडीज ने बीएए-2 श्रेणी में रखा है। पहले उसने भारत को इससे नीचे बीएए-3 श्रेणी में रखा था। मूडीज ने भारत के परिदृश्य को भी ‘स्थिर’ से ‘सकारात्मक’ कर दिया। स्थानीय मुद्रा के असुरक्षित साख को भी मूडीज ने बीएए-3 से उन्नयन करके बीएए-2 कर

रोजगार सृजन की दिशा में प्रभावी सिद्ध हो रही मुद्रा योजना

देश में अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन को लेकर बहस गर्मायी हुई है। विपक्ष अलग-अलग दावों से प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठा रहा है और यह दिखाना चाह रहा है कि प्रधानमंत्री ने लोगों की उम्मीदों को तोड़ा है। मगर, जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। आर्थिक नीतियों में न केवल मोदी सरकार ने बेहद ठोस और अनुशासित कदम उठाये हैं, बल्कि देश की सम्पूर्ण अर्थनीति में एक सकारात्मक

एक साल में देश के लिए हर तरह से लाभकारी रही नोटबंदी !

आज से एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिये एक सार्थक पहल नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 व 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। नोटबंदी, देश के आर्थिक विकास के लिए बहुत ही अच्छा और सराहनीय कदम था। इससे आने वाले समय में देश में सुख और समृद्धि ही आएगी। विपक्ष नोटबंदी के फैसले का भले विरोध करता रहा हो, पर शुरूआती परेशानियों के