दो हजार के नोट को चलन से बाहर करना राष्ट्रहित में लिया गया एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय सही समय पर उठाया गया एक उचित कदम ही कहा जाएगा।
यूपी : आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में कारगर सिद्ध होती ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना
‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना का ही परिणाम है कि यूपी का जो निर्यात 2018 से पूर्व 88000 करोड़ रुपए का था वह 2021-22 में बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपए का हो गया है।
बेहद मजबूत है भारतीय बैंकों का कारोबारी मॉडल, विदेशी बैंकों के डूबने का नहीं होगा कोई असर
भारतीय बैंकों का “कारोबारी मॉडल” दोषपूर्ण नहीं है और इसी वजह से वैश्विक घटनाक्रमों का इस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव देखने को नहीं मिला है।
भारत की ‘डिजिटल क्रांति’ अन्य देशों के लिए बन रही है उदाहरण
जी-20 के डिजिटल इकॉनामी वर्किंग ग्रूप की दूसरी बैठक 17 से 19 अप्रेल के बीच हुई। इस बैठक में भारत को वैश्विक स्तर पर डिजिटल अर्थव्यवस्था का आधार माना गया।
वैश्विक स्तर पर मजबूत होता रुपया
भारत सरकार की पहल से रूपये में अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार करने में काफी तेजी आई है। रुपया में अगर सिर्फ 30 देश भी कारोबार करने लगेंगे तो यह अंतरराष्ट्रीय कारोबारी मुद्रा बन जायेगा।
मोदी सरकार की नीतियों के फलस्वरूप गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में विश्व को राह दिखाता भारत
पिछले लगभग 9 वर्षों के दौरान भारत के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिवेश में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जिसके चलते भारत में गरीबी तेजी से कम हुई है..
कृषि क्षेत्र में दूरगामी सुधारों को लागू करने में कामयाब रही मोदी सरकार
सरकार ने पिछले नौ वर्षों में कृषि क्षेत्र में दूरगामी सुधारों को लागू किया ताकि खेती फायदे का सौदा बने और गांवों में कृषि आधारित उद्योग-धंधों की शुरुआत हो।
भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चहुँमुखी प्रगति
नागरिक विमानन का तो एक तरह से लोकतांत्रीकरण हो गया है क्योंकि पूर्व के खंडकाल में अमीर वर्ग के नागरिक ही हवाई यात्रा के बारे में सोच सकते थे परंतु अब…
विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रही अयोध्या
अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है।
अप्रैल 2023 में उच्चतम स्तर पर पहुँचा जीएसटी संग्रह, आर्थिक विकास दर को मिलेगी गति
नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण 187,035 करोड़ रुपए का रहा है और इस तरह यह एक नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है।