स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरी की उम्मीद जगाती राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति
वर्ष 2014 में सत्तारूढ़ होने के बाद मोदी सरकार द्वारा नयी स्वास्थ्य नीति को लेकर कवायदे शुरू की गयीं। नयी स्वास्थ्य नीति का एक प्रारूप लोगों की राय जानने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला गया। उसपर तमाम लोगों के सुझाव आए जिनका मिला-जुला रूप आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के रूप में देश के सामने आया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को सरकार के केन्द्रीय मंत्रिमंडल से
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल है राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति
मोदी सरकार की केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति – 2017 को मंज़ूरी दे दी गयी। इसके जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार की इस नीति के तहत अब देश का हर नागरिक स्वास्थ्य लाभ का हकदार होगा। दरअसल इस नीति की भूमिका सन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आते ही तैयार कर दी गयी थी, जब इसके एक प्रारूप को जनसामान्य की राय के
मोदी सरकार की कोशिशों का दिखने लगा असर, बेरोजगारी दर में आयी भारी गिरावट
देश की सत्ता पर काबिज होते ही जनता के सपनों के बारे में सोचने वाली मोदी सरकार ने जनहित की दिशा में अब एक और उपलब्धी हासिल की है। गत दिनों आई एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी की दर में पिछले 6 महीनो में गिरावट दर्ज की गई है। एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने एक नोट में कहा, हमारा मानना है कि बेरोजगारी में गिरावट का प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नये
सीएसओ ने जारी किए आंकड़े, नोटबंदी का नहीं पड़ा अर्थव्यवस्था पर कोई दुष्प्रभाव
नोटबंदी पिछले तीन महीनो से देश के सबसे चर्चित विषयों में से एक रही है। विपक्षियों द्वारा नोटबंदी के बाद इस बात को लेकर बहुत शोर किया गया कि नोटबंदी से देश की कृषि और अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, कुछ समय पहले आये फसल उत्पादन में वृद्धि के आंकड़ों के बाद जहां यह साफ़ हो गया कि नोटबंदी से कृषि पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है; वहीँ अभी हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी
सरकार की कृषि नीतियों का दिखने लगा असर, फसलों के उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
नोटबंदी के बाद विरोधियों द्वारा सबसे ज्यादा इस बात पर बवाल किया गया कि इससे किसानों और खेती को बहुत नुकसान पहुंचेगा। कृषि व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, अगर इस साल के पैदावार से सम्बंधित आंकड़ों पर गौर करें तो विरोधियों के सभी दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। चालू फसल वर्ष में अबतक की सर्वाधिक पैदावार हुई है। पैदावार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है मानसून; जो कि
अंतरिक्ष क्षेत्र की बड़ी शक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित करने के साथ ही विश्व पटल पर अग्रणीय होने का दर्जा हासिल किया। इसके पहले एक साथ इतने सैटेलाइट कभी किसी देश ने नहीं छोड़े थे। इसके पूर्व यह रिकॉर्ड अभी तक रूस के पास था, जिसने 2014 में एक साथ 37 सैटेलाइट भेजने
‘सबका साथ, सबका विकास’ के एजेंडे को प्रतिबिंबित करता बजट
विगत एक फ़रवरी को केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बज़ट पेश किया, जिसमें कि उन्होंने अनावश्यक लोकलुभावन वादों से परहेज़ करते हुए राष्ट्र के सर्व-समावेशी विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की। विपक्षी दल अभी तक भाजपा सरकार पर धनाढ्य और कुलीनतंत्रों की हिमायती होने का फ़िज़ूल आरोप लगाते आये हैं, लेकिन इस बजट से केंद्र सरकार ने अपना एजेंडा स्पष्ट कर दिया है कि सरकार देश के गांवों
बज़ट 2017-18 : राष्ट्र के दूरगामी हितों और नागरिकों के सर्वांगीण विकास को समर्पित
१ फरवरी २०१७ को अरुण जेटली ने २०१७-१८ के वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्तुत किया। वित्त वर्ष २०१७-१८ का यह बज़ट पिछले कई वर्षो से पेश किये जा रहे अन्य बजटों की अपेक्षा ज्यादा चर्चित रहा, क्योंकि इस बार समय से पहले बज़ट पेश करने को लेकर विपक्ष सहित तमाम लोग यह अनुमान लगा रहे थे कि इस बजट में केंद्र की मोदी सरकार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र लोक-लुभावने ऐलान कर सकती
सर्व-समावेशी एवं दूरगामी सोच से परिपूर्ण बज़ट
बज़ट सत्र आते ही सारे देश की निगाहें बज़ट पर आ जाती हैं कि आखिरकार इस बार केंद्रीय वित्त मंत्री उनके लिए क्या खास लेकर आए हैं। मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी गत दिनों देश का आम बजट पेश किया। इस बार का बजट हर मायनों में खास रहा है। चाहे वो महंगाई पर काबू पाने की बात हो या फिर बुनियादी सुविधाओं की व्य़वस्था को दुरूस्त करने की। आख़िर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपना
उज्ज्वला योजना : महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक कदम
मोदी सरकार द्वारा गत वर्ष आरम्भ की गयी उज्ज्वला योजना न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवारों की अधिकांश महिलाएं आज भी मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाती हैं। ऐसे परिवारों को उज्ज्वला योजना के अंतर्गत भारत सरकार एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। एलपीजी कनेक्शन गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को दिया जाएगा। केंद्र