ग्रामीण विकास को गति दे रही दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
ग्रामीण भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरूआत की। सरकार की अन्य योजनाओं की तरह की इसका लाभ आम जनता को मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने इसे मजबूत बनाने के लिए प्रमुख भाग में अलग-अलग फीडर की व्यवस्था कर बिजली के वितरण नेटर्वक को मजबूत किया है। इसके साथ ही सभी घरों में बिजली की सप्लाई
काले धन के बाद अब बेनामी संपत्ति पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की तैयारी में सरकार
अच्छे दिन लाने के साथ सत्ता मे आई मोदी सरकार जनता के लिए अच्छे दिन ला रही है और भष्ट्राचारियों के लिए बुरे दिनों का आगाज कर चुकी है। सरकार के नोटबंदी के फैसले से कालेधन के जमाखोर जिस तरह छटपटा कर अपने नोटों को इधर-उधर ठिकाने लगा और नष्ट कर बचने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक कुछ उसी तरह अब बेनामी सम्पत्ति के मालिक भी अपने–अपने नाम को भष्ट्रचारियों की सूची मे आने से
काले धन पर मोदी सरकार का एक और वार, शुरू हुई बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई की तैयारी!
नोटबंदी के बाद आम जनता की परेशानियों का बहाना बनाकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किए जाने की तैयारियां तो विपक्ष द्वारा खूब की गईं, लेकिन सब विफल हो गया। जनता मजबूती के साथ इस कदम में देश और सरकार के साथ खड़ी है। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा बेनाम संपत्ति वालों पर भी नकेल कसने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। चूंकि, काले धन का बड़ा हिस्सा इस तरह की संपत्ति में लगाकर
नकदी के जाल से निकलकर डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने का समय
लेखक अमिष त्रिपाठी की तीन खण्डों में शिव की एक काल्पनिक कहानी है, जो सोमरस नामक अमरता देने वाले द्रव्य की कथा है। यह एक अमृत था, परन्तु इस अमृत के दुष्प्रभाव भी थे, जिसको वहां के राजा दक्ष प्रजा से छुपा रहे थे। जिस तरह समुद्र मंथन में अमृत के साथ विष भी निकला, उसी तरह इस अमृत की निर्माण प्रक्रिया में इसके साथ-साथ विष भी बनता था। इस कहानी में जो सबसे महत्वपूर्ण है, वो यह कि
काला धन धारकों पर मोदी सरकार का करारा वार
30 सितम्बर, 2016 की तारीख इतिहास में दर्ज हो चुकी है। इसी रोज भारतीय सेना के डीजीएमओ द्वारा प्रेस वार्ता करके यह सूचना दी गई कि सेना ने पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में जाके आतंकी कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। देश सेना के इस सर्जिकल स्ट्राइक पर गर्वित हुआ, मगर तब उसे अंदाजा नहीं था कि इस तारीख के बाद ही एक और बहुत बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की पटकथा तैयार हो रही थी।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : कृषि उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ कृषि आज भी देश की सर्वाधिक आबादी का कार्यक्षेत्र है। ऐसा कहने में दो राय नहीं है कि यहां के लोग सीधे मिट्टी से जुड़े हुए हैं। जिस तरह भारत के लोगों मिट्टी से जुड़े हुए है, ठीक उसी तरह फसल को लहलहाने और फसल से उसे सोना बनाने के लिए मिट्टी उतनी ही जरूरी है। मिट्टी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य
सांसद आदर्श ग्राम योजना से ग्रामीण स्तर पर हो रहे व्यापक बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू सांसद आदर्श ग्राम योजना को लेकर सरकार की तरफ से काफी जोर-शोर से पहल की गई है। प्रधानमंत्री स्वयं इस सम्बन्ध में अक्सर सांसदों से अपील करते रहे हैं। इस योजना को लेकर सरकार की इन प्रतिबद्धताओं का जमीनी स्तर पर भी काफी असर देखने को मिल रहा है। इस योजना द्वारा ग्रामीण स्तर पर आ रहे बदलावों को इन उदाहरणों के जरिये समझा जा सकता है।
सांसद आदर्श ग्राम योजना : ग्रामीण विकास की दिशा में एक सार्थक पहल
दिनांक 11 अक्टूबर 2014 को मोदी जी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद वर्ष 2016 तक प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक आदर्श ग्राम की स्थापना एवं वर्ष 2019 तक इन आदर्श ग्रामों की संख्या बढ़ाते हुए तीन तक करने की है। फिर इन पांच वर्षों में इस क्षेत्र में हुए क्षमता विकास की मदद से आगामी पांच वर्षों में यानी की 2024 तक पांच और गाँव को आदर्श ग्राम की तरह विकसित
सरकार की कौशल विकास नीतियों से ख़त्म हो रहा बेरोजगारी का संकट
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू किये 31 मार्च 2016 को दो वर्ष पूरा हो गया। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरू की गई नयी नीतियों में यह एक महत्वपूर्ण नीति है। देश में युवाओं के कौशल विकास के लिए यह नीति तैयार की गई है ताकि पूरे देश में सभी तरह के कौशल प्रशिक्षण के प्रयासों में निरंतरता, सामंजस्य और समन्वय स्थापित किया जा सके। इस नीति के लागू करने का
नमामि गंगे : निर्मल और अविरल गंगा के लिए भागीरथ प्रयास
प्रत्येक नदी अपने आप में सभ्यता का प्रतीक मानी जाती हैं और गंगा तो हजारों साल पुराने इस देश की न सिर्फ सभ्यता है, बल्कि जीवन रेखा है, वह भी अटूट श्रद्धा लिए हुए। इसका उल्लेख दो हजार साल पहले यूनानी राजदूत मैगस्थनीज ने अपनी किताब “इंडिका” में भी किया। सनातन धर्म के शास्त्र-पुराणों में यहां तक जिक्र है कि कलियुग में गंगा ही पापनाशिनी और मोक्ष प्रदायिनी है। ऋग्वेद, महाभारत, रामायण व