मोदी सरकार के प्रयासों से मजबूत हो रहे सरकारी बैंक
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में सरकारी क्षेत्र के बैंकों का लाभ एक लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।
दुनिया में भले आर्थिक सुस्ती हो, मगर भारत में बरकरार रहेगी विकास की तेज गति
महंगाई और विकास की सुस्त वृद्धि दर से विकसित देशों समेत दुनिया भर के अधिकांश देश मंदी की ओर बढ़ रहे हैं, जबकि भारत मजबूती से विकास की दिशा में अग्रसर है।
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में वृद्धि से महँगाई में आएगी कमी
रेपो दर में बढ़ोतरी से महँगाई कम होती है, इसलिए, महँगाई को सहनशीलता सीमा के अंदर लाने के लिये रिजर्व बैंक को ताजा मौद्रिक समीक्षा में भी रेपो दर में इजाफ़ा करना पड़ा।
पीएम-श्री योजना : स्कूली शिक्षा में सुधार की पहल
पीएम-श्री योजना के तहत विकसित स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा निर्धारित कसौटियों के अनुरूप स्वयं को एक उदाहरण की तरह प्रस्तुत करते हुए अपने आसपास के स्कूलों को भी अपनी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए प्रेरित करेंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का नया अध्याय लिख रही मोदी सरकार
भारत में आज ग्रामीण नागरिकों की आय में लगातार अच्छी वृद्धि दृष्टिगोचर है। इससे भारत के ग्रामीण इलाके आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित होते जा रहे हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देते बैंक
कर्ज वितरण में तेजी आने, सीडी अनुपात के सकारात्मक रहने और बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन में बेहतरी आने से अर्थव्यवस्था की मजबूती के ही संकेत मिल रहे हैं।
वैश्विक मंदी के असर से मुक्त रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
आंकड़ों से साफ़ है, दुनिया के विकसित देश मंदी की गिरफ्त में आने के कगार पर हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत बनी हुई है।
मोटे अनाज को बढ़ावा देने में जुटी मोदी सरकार
मोटे अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं अतः इनके निर्यात की अच्छी संभावनाएं हैं। सरकार की मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की नीति खेती के पूरे परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है।
मोदी सरकार के प्रयासों से भारतीय पर्यटन उद्योग में आ रही है रोजगार के नए अवसरों की बहार
भारत में वित्त वर्ष 2022-23 के जून-अगस्त 2022 की अवधि के दौरान यात्रा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के नए अवसरों में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
सेमीकंडक्टर क्रांति की ओर अग्रसर होता भारत
सेमीकंडक्टर निर्माण होने से भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स आयात घटेगा और इससे इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन के लिए नया इको सिस्टम तैयार होगा।