गठबंधन के लिए कांग्रेस के आगे घुटने क्यों टेक दिए हैं केजरीवाल?
राजनीति बदलने का दावा कर सत्ता तक का सफर तय करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति को तो नहीं बदल पाए, लेकिन खुद जरूर बदल गए हैं। आज केजरीवाल अपनी कही हर बात से पलटते हुए नज़र आ रहें है। हैरत इस बात की भी है कि जो केजरीवाल कभी किसी दल से गठबंधन नहीं करने की कसमें खाते थे, आज कांग्रेस के समक्ष घुटने टेक दिए हैं
नया भारत: जिसकी ताकत को विश्व महसूस ही नहीं कर रहा, स्वीकार भी रहा है
वो भारत जो 1971 में जेनेवा समझौते के बावजूद 90000 पाक युद्ध बंदियों और जीते हुए पाक के हिस्से के बदले अपने 54 सैनिक वापस नहीं ले पाया, आज पाक को 36 घंटे के भीतर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते भारी घरेलू विरोध के बावजूद भारतीय पायलट बिना शर्त सकुशल लौटाने के लिए बाध्य कर देता है।
एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने की शर्मनाक राजनीति से बाज आए विपक्ष
पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना ने नियंत्रण पार कर आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला कर खलबली मचा दी। 26 फरवरी की सुबह भारतीय वायु सेना ने अपने मिराज़ 2000 लड़ाकू विमानों की मदद से नियंत्रण रेखा को पार किया। अगले 19 मिनट तक भारतीय सेना आतंकी ठिकानों पर बम बरसाती रही।
नेहरू से राहुल तक मुस्लिम तुष्टिकरण को समर्पित रही है कांग्रेस!
आजादी के बाद देश में जिस मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति की बीजवपन हुआ वह आगे चलकर वटवृक्ष बन गया। भारत दुनिया का इकलौता देश बना जहां बहुसंख्यकों के हितों की कीमत पर अल्पसंख्यकों को वरीयता दी गई। कांग्रेसी तुष्टिकरण का पहला नमूना आजादी के तुरंत बाद देखने को मिला जब देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने गुलामी के पहले कलंक (सोमनाथ मंदिर के ध्वस्तीकरण) को मिटाने के लिए भव्य सोमनाथ मंदिर बनाने की पहल की।
ओआईसी सम्मेलन: भारतीय विदेश नीति में जुड़ा नया अध्याय
ओआईसी द्वारा भारत को अपने सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में बुलाना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए मेजबान और अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान की गुहार को भी नजरअंदाज कर दिया। वह भारत को रोकने के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। जबकि पाकिस्तान इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा है।
सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता है वीर अभिनंदन की सकुशल वापसी
पराक्रम, शौर्य और अदम्य साहस भारतीय सेना के पर्यायवाची शब्द हैं। जब हम कहते हैं कि हमारी सेना सभी तरह की स्थितियों का सामना करने को तैयार है, तो इसका उदारहण हम मिग-21 के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन के साहस से समझ सकते हैं।
वैचारिक प्रतिबद्धताओं को छोड़ किसी भी तरह सत्ता बचाने की जुगत में जुटे केजरीवाल
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को देखते हुए भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने अनशन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया हो, लेकिन उन्होंने अपनी सिकुड़ती राजनीतिक जमीन को संभालने के लिए कांग्रेस से गठबंधन की आस नहीं छोड़ी है।
आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के बाद देश की एक ही आवाज – मोदी हैं तो मुमकिन है!
पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए कायराना हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने जैश के ठिकानों को तबाह कर बदला लिया है। सरकार की तरफ से ये कदम अपेक्षित था। यह स्पष्ट हो चुका है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस कार्रवाई को बाखूबी अंजाम दिया गया।
पुलवामा का प्रतिशोध: ‘ये मोदी का न्यू इंडिया है जो घर में घुसेगा भी और मारेगा भी’
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आश्वस्त किया था कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने 12 दिन के बाद ही पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर कड़ी कार्यवाई करते हुए नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर उनके नकारात्मक मंसूबों पर विराम लगा दिया।
‘2014 के चुनाव के समय उभरी आप 2019 के चुनाव में पूर्ण पतन की कगार पर है’
जिस कांग्रेस को केजरीवाल कोसते नहीं थकते थे, आज गठबंधन के लिए उसकी खुशामद करने में लगे हैं। इससे उनके अवसरवादी और दोमुंहे चरित्र का भी पता चलता है।