पॉलिटिकल कमेंटरी

चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ : पर्यावरण के मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी के सजग प्रयासों का सम्मान

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के सबसे बड़े पर्यावरण सम्मान ‘चैंपियन्स ऑफ़ द अर्थ’ से सम्मानित  किया है, यह सम्मान उन्हें पॉलिसी लीडरशिप कैटिगरी में दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंन  को भी यह सम्मान दिया गया है।

राफेल के रूप में राहुल गांधी ने जो आग लगाई है, वो कांग्रेस के ही हाथ जलाएगी!

लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने आनन-फानन में राफेल के रूप में ऐसी आग सुलगाने का दुष्प्रयास किया है, जिसमें उनके व कांग्रेस के हाथ झुलसने के अलावा कुछ और परिणाम निकलता नहीं दिख रहा है। राफेल को लेकर राहुल के आरोपों में कितनी गंभीरता है, इसको समझने के लिए भारी-भरकम तथ्यों की आवश्यकता नहीं है।

कांग्रेस के लिए जीवन-मरण का प्रश्न हैं पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा के साथ ही सत्ता का सेमिफाइनल शुरू हो गया है। रणभेरियाँ बज चुकी हैं। वैसे तो यह राज्यों का चुनाव है, लेकिन इन्हीं प्रदेशों की राजधानियों से निकलकर आगे रास्ता दिल्ली के लिए जाएगा। इन पाँचों राज्यों में मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव पर सबकी विशेष नजर है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में

एस-400 के अलावा भारत-रूस के बीच हुए कई और महत्वपूर्ण समझौते

अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह न करते हुए भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक सौदा किया, जिस पर पूरे विश्‍व की निगाहें थीं। यह भारत की महत्‍वपूर्ण कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। एस-400 की बड़ी उपलब्धि के अलावा भारत ने रूस की सरकार के साथ अन्‍य समझौते भी किए जो कि दोनों देशों के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माने जा

ये छप्पन इंच की छाती का ही दम है कि अमेरिकी धमकियों के बावजूद रूस से रक्षा सौदा हो सका!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबित किया कि उनके लिए राष्ट्रीय हित और सुरक्षा सर्वोच्च है। इसके लिए देश के भीतर कांग्रेस और बाहर अमेरिका का विरोध उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम के रक्षा सौदे को अंजाम तक पहुंचाया। अमेरिका ने इस समझौते को रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। कांग्रेस राफेल की तरह इस

भाजपा सरकारों ने तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम कर दीं, अन्य दलों की सरकारें कब करेंगी?

केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत दी है। केंद्र ने खुद तो उत्पाद शुल्क कम करके पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में ढाई रुपये की कमी की ही है, राज्यों से भी इतनी ही कमी करने की अपील की है। केंद्र सरकार की इस अपील  के बाद भाजपा शासित लगभग सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल का मूल्य ढाई रुपये कम करने का ऐलान कर दिया।

मायावती के झटके के बाद महागठबंधन की खिचड़ी पकना आसान नहीं

गत मई में हुआ कुमारस्वामी का शपथ ग्रहण समारोह विपक्ष के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था। विपक्ष का शायद ही कोई बड़ा नेता ऐसा रहा हो, जिसने वहां अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई हो। जिनको कर्नाटक में कोई ठीक से जानता पहचानता नहीं था, वह भी विजेता भाव के प्रदर्शन में पीछे नहीं थे।

राम को काल्पनिक बताने वाली कांग्रेस की रामभक्ति पर कोई कैसे यकीन करे!

मध्यप्रदेश में कांग्रेस का नया रूप दिखाई दिया। चुनाव ने उसे रामभक्त बना दिया है। उसने ‘राम वनगमन पथ यात्रा’ निकाली। इसमें श्रीराम जानकी के जयकारे लगे। कांग्रेस द्वारा पन्द्रह  दिन की यात्रा में पैंतीस विधानसभा क्षेत्रों पर नजर रखी गई। रामघाट, गुप्त गोदावरी, मैहर अमरकंटक तक राजनीतिक सन्देश दिया गया।

वामपंथी कार्यकर्ताओं की नजरबंदी बढ़ने से साबित होता है कि पुणे पुलिस के आरोप बेदम नहीं हैं!

भीमा कोरेगांव हिंसा, प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश और शहरी नक्सलवाद के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने नक्‍सली संबंध के आरोपी वामपंथी कार्यकर्ताओं को खासा झटका देते हुए इनकी नजरबंदी की मियाद भी बढ़ा दी और एसआईटी जांच की मांग भी सिरे से खारिज कर दी। कोर्ट के निर्णय के बाद महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री

जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर कब उठेगी कांग्रेस?

लोकसभा चुनाव का माहौल बनने लगा है। इसके मद्देनजर राजनीतिक दलों की रणनीतियां भी आकार लेने लगी हैं। सत्तारूढ़ भाजपा जहां मोदी के नेतृत्व में विकास को मुद्दा बनाती नजर आ रही, वहीं कांग्रेस का जोर जाति-धर्म के समीकरण साधने की ओर दिख रहा। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी हिन्दू उपासना स्थलों की यात्रा के जरिये अपनी हिन्दूवादी छवि बनाने की कोशिश