विपक्षी क्यों नहीं समझ रहे कि आयुष्मान भारत को ठुकराना मोदी का नहीं, जनहित का विरोध है!
किसी भी देश के विकास की एक प्रमुख कसौटी यह होती है कि वह अपने देशवासियों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में कितना सफल है। इसमें भी जो गरीब तबका है, उस तक इन सुविधाओं की पहुंच आवश्यक है, क्योंकि स्वस्थ नागरिक ही सुदृढ़ और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव रखते हैं।
संघ के प्रति कुप्रचारित भ्रमों को दूर करने का प्रयास
जब तमाम प्रकार की सच्ची-झूठी बातें किसी सामाजिक संगठन को लेकर फैलाई जा रही हों, तब ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि वह संगठन अपना पक्ष व विचार देश के समक्ष रखे। आरएसएस जैसे विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन के लिए तो यह और जरूरी हो जाता है, क्योंकि आज़ादी के पश्चात् ही संघ को लेकर तमाम प्रकार की भ्रांतियों और मिथकों को बड़े स्तर
मोहन भागवत ने संघ के विषय में जो बताया, संघ हमेशा से वैसा ही है!
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका समाज में राजनीतिक विमर्श की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में संघ ने एक मार्गदर्शक की यथोचित भूमिका निभाई थी। गत दिनों संघ ने अपने मंच पर देश की अलग-अलग विचारधाराओं से सम्बंधित लोगों को आमंत्रित करके एक सन्देश देने की कोशिश की है कि राष्ट्र निर्माण में सभी जाति, समुदाय
स्मार्ट फेंसिंग : भारत-पाक सरहद पर खड़ी हुई अदृश्य दीवार, घुसपैठियों की आएगी शामत
भारत का भौगोलिक संकट ही है कि वो चीन और पाकिस्तान के रूप में दो बेहद खतरनाक और संदिग्ध पड़ोसियों से घिरा हुआ है। वैसे चीन की तरफ से सैन्य गतिरोध के कुछ मामलों के अलावा सीमा-क्षेत्र में बहुत अधिक कोई समस्या खड़ी नहीं की जाती है। लेकिन पाकिस्तान द्वारा अक्सर ही सरहद पर तैनात भारतीय जवानों पर फायरिंग की आड़ में आतंकी घुसपैठ की कोशिशें
मायावती के झटके के बाद क्या होगा महागठबंधन का भविष्य?
मायावती जानती हैं कि गठबन्धन की बात विकल्पहीनता की स्थिति के कारण चल रही है। यदि सपा कमजोर नहीं होती तो आज भी बुआ के संबोधन में तंज ही होता। ऐसे में मायावती गठबन्धन नहीं सौदा करना चाहती हैं। गोरखपुर और फूलपुर में भी उन्होंने समझौता ही किया था। उन्होंने शर्तो के साथ ही समर्थन दिया था। इसमें उच्च सदन के लिए समर्थन की शर्त लगाई गई थी। लेकिन अखिलेश मायावती की शर्त को पूरा नहीं कर पाए थे।
माल्या पर भाजपा सरकार को फिजूल में घेरने से कांग्रेस के अपराध धुल नहीं जाएंगे!
अरुण जेटली पर दिए गए बयान से सनसनी फैलाने के बाद विजय माल्या ने स्पष्ट किया है कि यह तथाकथित मुलाकात संसद के गलियारे में अचानक हुई थी, लेकिन कांग्रेस इस बात से बेखबर हंगामा मचाने में लगी हुई है। विजय माल्या ने कहा कि मीडिया ने उसके बयान को गलत तरीके से पेश किया।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भारत बंद करने वाली कांग्रेस पहले अपने गिरेबां में तो झांके!
वेनेजुएला की राजनीतिक उथल-पुथल, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध, मुद्रा बाजार की उठा-पठक जैसे कारणों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने देश के सत्ताच्युत व जनाधार विहीन नेताओं को ऑक्सीजन देने का काम किया है। इन नेताओं से सबसे अहम सवाल यह है कि जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने घरेलू तेल उत्पादन बढ़ाने, वैकल्पिक ईंधन के विकास, तेल की बचत जैसे दूरगामी
राष्ट्रीय कार्यकारिणी: 2019 में भाजपा की जीत के प्रति अमित शाह के आत्मविश्वास की वजह क्या है?
भारतीय जनता पार्टी की दो दिनों तक चली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई ऐसी बातें सामने निकल कर आईं जो आगामी लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रहीं हैं। गौरतलब है कि यह बैठक 18 और 19 अगस्त को प्रस्तावित थी, किन्तु अटल जी के निधन के पश्चात् इसे टाल दिया गया था। दिल्ली के अम्बेडकर इन्टरनेशनल सेंटर में आठ तथा नौ
टू प्लस टू वार्ता : भारत-अमेरिका संबंधों में मील का पत्थर साबित होगा कॉमकासा समझौता!
अमेरिका से टू प्लस टू प्लस वार्ता करने वाला भारत तीसरा देश है। इससे पूर्व उसकी इस स्तर की वार्ता केवल आस्ट्रेलिया और जापान से थी। यह प्रयोग सफल रहा। दोनों देशों के बीच कॉमकासा करार हुआ। नाटो देशों के अलावा केवल तीन देशों के साथ अमेरिका का यह समझौता है। ‘कॉमकासा’ अर्थात कम्युनिकेशंस एंड इन्फॉर्मेशन ऑन सिक्युरिटी मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट
कांग्रेस के ‘फोन लोन’ से गरीबों के लिए कल्याणकारी मोदी के पोस्ट पेमेंट बैंक तक
आजादी के सात दशक बाद भी देश के करोड़ो लोग बैंकिंग सुविधा से दूर थे। एक बड़ी आबादी ने बैक को भीतर से देखा तक नहीं था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही इस ओर ध्यान दिया और जनधन योजना के माध्यम से कुछ ही समय में तीस करोड़ से ज्यादा लोग खातेदार बन गए। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैक इसका अगला चरण है।