कांग्रेस की तरह मोदी सरकार की कृषि योजनाएं फाइलों तक नहीं सिमटीं, बल्कि जमीन पर पहुँच रही हैं!
अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए मोदी सरकार ने 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 180 रूपये से लेकर 1827 रूपये तक की भारी-भरकम बढ़ोत्तरी की है। राम तिल (नाइजर सीड) पर सबसे ज्यादा 1827 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है जबकि मूंग के एमएसपी में 1400 रूपये का इजाफा किया गया है।
जयपुर में मोदी : कांग्रेस ने योजनाओं को लटकाने का काम किया, भाजपा कर रही पूरा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह वक्तव्य बहुत चर्चित है, जिसमें उन्होंने कहा था, या यूं कहें कि दबी जु़बान में स्वीकारा था कि भ्रष्टाचार का दीमक शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक फैला हुआ है। वे कहते थे कि विकास के लिए केंद्र से यदि एक रुपया आता है, तो निचले स्तर तक पहुंचते-पहुंचते वह दस पैसा रह जाता है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी सुधरने को तैयार नहीं दिख रही आप !
दिल्ली पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को आम आदमी पार्टी अपनी जीत बता रही है। वास्तविकता यह है कि जब तक अरविंद केजरीवाल दिल्ली की संवैधानिक स्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे, वह विवाद को ही आमंत्रण देते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तत्काल बाद उनकी सरकार ट्रांसफर विवाद लेकर सामने आ गयी। ये दिखाता है कि इन्हें काम करना ही नहीं है।
‘जीएसटी वही सरकार लागू कर सकती थी जो देशहित में यश-अपयश दोनों के लिए तैयार हो’
जीएसटी अब देश की एक सच्चाई है। कांग्रेस पार्टी अब इस पर लकीर पीटने का कार्य कर रही है। उसके द्वारा की जा रही नुक्ताचीनी से इतना तो साफ है कि वह कभी इसे लागू नहीं कर सकती थी। कांग्रेस इसे अपने शासन में इसे लागू नहीं कर सकी। यह शर्मिंदगी भी उसे परेशान कर रही है। इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताना इसी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना के प्रति कांग्रेस की जो सोच थी, वही आज भी है !
उड़ी हमले को भला कौन भूल सकता है ? सितंबर, 2016 में हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। पाकिस्तान ने हमारे देश के 19 जाबांज जवानों को कायराना तरीके से मारा था, तो समूचे देश में गम और गुस्से का उबाल आ गया था। हर जुबान से प्रतिशोध लेने के स्वर उठ रहे थे।
आंबेडकर पञ्चतीर्थों से कबीर अकादमी तक सामाजिक सद्भावना का सन्देश
नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिष्ठित सद्भाव और समरसता केंद्रों में एक नया नाम जुड़ा। उन्होंने मगहर में कबीर अकादमी का शिलान्यास किया। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ दोनों कबीर वाणी समझते हैं, उनके विचारों को आज के संदर्भ से जोड़ कर इन्होंने अपनी बात रखी।
आजाद और सोज ने जो बोला है, कांग्रेस का असल चरित्र वही है !
कांग्रेस में मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, संजय निरुपम, संदीप दीक्षित की विरासत को आगे बढ़ाते हुए गुलाम नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज ने भी अपने बयानों से सीमा पार के आतंकियों को खुश कर दिया। सोज ने कश्मीर की आजादी का राग आलापा है, तो आजाद ने अपने ही देश की सेना पर हमला बोला है।
भाजपा-पीडीपी के अपरिहार्य गठबंधन का अवसान
कभी-कभी खंडित जनादेश धुर विरोधियों को भी साथ आने पर विवश कर देता है। जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी का गठबंधन ऐसा ही था। दोनों ने विधानसभा चुनाव एकदूसरे के खिलाफ लड़ा था। लेकिन खंडित जनादेश में इनके पास गठबंधन से सरकार बनाने का एक मात्र विकल्प यही बचा था। इसे अपरिहार्य गठबंधन कहा जा सकता था।
शिकंजी प्रकरण ने राहुल की अज्ञानता के साथ-साथ कांग्रेस की नाकामियों को भी उजागर किया है!
कांग्रेस में नई जान फूंकने की कवायद में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने विचित्र–विचित्र बयानों से सुर्खियां बटोरने में माहिर हैं। कांग्रेस के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने सशक्तीकरण का एक ऐसा फार्मूला सुझाया जो किसी के गले नहीं उतरा। उनके मुताबिक इस देश में हुनर की कद्र करने वाले नहीं हैं। यही कारण है कि यहां
केजरीवाल सरकार का धरना विरोध कम, काम से बचने का ‘इंतजाम’ ज्यादा लगता है !
नयी तरह की राजनीति के वादे के साथ सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल ने अपने तीन सालों से अधिक के कार्यकाल में दिखा दिया है कि ‘नयी राजनीति’ से उनका क्या मतलब था। लोग समझ चुके हैं कि ‘नयी राजनीति’ के नाम पर उन्हें केवल ठगा गया। वास्तव में ‘नयी राजनीति’ से केजरीवाल का इशारा राजनीति की पुरानी व्यवस्थाओं में परिवर्तन की तरफ नहीं बल्कि नए तरह