पकौड़े पर राजनीति छोड़ कांग्रेस यह बताए कि साठ सालों में बेरोजगारी ख़त्म क्यों नहीं हुई ?
रोजगार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े के उदाहरण वाले बयान पर संसद से सड़क तक सियासत जारी है। कोई पकौड़े तल रहा है, तो कोई रेहड़ी पर पकौड़ा बेचकर अपनी सूखती राजनीति को पानी देने की कवायद में जुटा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पकौड़ा ब्रेक ले रहे हैं। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि विपक्ष का कोई नुमाइंदा यह नहीं बता रहा है कि बेरोजगारी की समस्या ने इतना विकराल कैसे धारण किया? देखा जाए
कारोबारी और कूटनीतिक दृष्टि से बेहद कामयाब रही मोदी की खाड़ी देशों की यात्रा !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 से 12 फरवरी के दौरान फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान की यात्रा की। इस यात्रा का मकसद था – भारत और खाड़ी देशों के बीच कारोबार, निवेश, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाना तथा ऊर्जा समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना। ऐसा करना जरूरी भी है, क्योंकि भारत के लिये इन देशों की महत्ता शुरू से ही महत्वपूर्ण एवं प्राथमिकता
त्रिपुरा चुनाव : भाजपा के पक्ष में दिख रहे जीत के सभी समीकरण !
तीन तरफ से बांग्लादेश से घिरे त्रिपुरा में 18 फरवरी को राज्य निर्माण के बाद से अब तक का सबसे बड़ा चुनावी घमासान होने जा रहा है। वामपंथियों के इस गढ़ को गिराने के लिए पहली बार भाजपा सीधे मुकाबले में आयी है, इन विधानसभा चुनावो ने पर्वतीय प्रदेश त्रिपुरा की हवा बदल दी है। भाजपा ने अपने मिशन पूर्वोत्तर के अगले पड़ाव के रूप में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है और इस कारण करीब
परीक्षा पर चर्चा : देश की समस्याएँ हल करने वाले प्रधानमंत्री ने जब छात्रों की समस्याएँ सुलझाईं !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अपनी एक नई छवि को लेकर चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं। एक राजनेता, सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता और एक राष्ट्र के प्रमुख होने से इतर उनकी एक अनूठी छवि सामने आई है। एक ऊर्जावान एवं सक्रिय नेता के रूप में तो देश-दुनिया ने उनका रूप देखा ही है, इन दिनों वे एक शिक्षा-मित्र के तौर पर भी नज़र आ रहे हैं। इस बात का जि़क्र करने के लिए एक आयोजन विशेष का संदर्भ तो है ही, लेकिन
इन्वेस्टर समिट : ‘तुम हमें निवेश दो, हम तुम्हें सुरक्षा देंगे’
उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर समिट का समय करीब आ रहा है। इस बीच सरकार ने निवेशकों को एक अच्छा सन्देश दिया। इसमें कहा गया कि तुम हमें निवेश दो हम तुम्हें सुरक्षा देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकार की कमजोरियों से सबक लिया है। खराब कानून व्यवस्था न केवल लोगों को परेशान करती है, उससे निवेशकों का भी मोहभंग होता है। बेहतर कानून व्यवस्था सुशासन की पहली शर्त होती है। पहले एक
संविधान और सेना के प्रति सम्मान से भरा है संघ प्रमुख का वक्तव्य !
मीडिया का एक वर्ग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति सदैव असहिष्णुता से प्रेरित रहता है। संघ से संबंधित किसी भी समाचार का अर्थ से अनर्थ करने में उसे आनंद आता है। इस जुनून में उसे सेना, समाज और संविधान की मर्यादा का भी ध्यान नहीं रहता। वह भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है। देश की रक्षा में लगे सभी लोगों के प्रति उसका सम्मान भाव रहता है।
सेना के प्रति संघ के समर्पण को किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं, वो इतिहास में दर्ज है !
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तमाम प्रकार की भ्रांतियां एवं दुष्प्रचार लंबे समय से देश में फैलाए जाते रहे हैं। कांग्रेस एवं वामी बुद्धिजीवियों का एक धड़ा संघ के लिए साम्प्रदायिक एवं राष्ट्र विरोधी संगठन जैसी अफवाहों को हवा देने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर लम्बे समय से लिए बैठा है। किंतु, वर्तमान समय में इनका हर दाँव विफ़ल साबित हो रहा है, जिससे तंग आकर इस कबीले के लोगों ने नया ढंग इजाद किया है – वह है संघ से
संतुलित विदेशनीति का बेहतरीन उदाहरण पेश करते मोदी !
याद्दाश्त को जरा पीछे ले जाएं तो अभी कुछ समय पहले की बात है, जब अमेरिका द्वारा येरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया गया था, लेकिन उस समय भारत ने लगभग अप्रत्याशित ढंग से उस प्रस्ताव के विरोध में अपना मत दिया था। तत्कालीन दौर में इस निर्णय को देखते हुए मोदी सरकार की विदेशनीति को लेकर कई प्रश्न उठाए गए थे और कहा गया था कि इस सरकार की विदेशनीति
मुद्दाहीन कांग्रेस के वैचारिक दिवालियेपन को दिखाता है पकौड़ा प्रकरण !
देश की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। यह उथल-पुथल बहुत वैचारिक, गंभीर या निर्णायक न होकर सतही, हंगामे वाली और व्यर्थ की है। विपक्ष इस फिजूल हंगामे का सञ्चालन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में देश में स्वरोजगार को लेकर एक टिप्पणी की जिसके बाद मुद्दों को तरस रहे विपक्ष ने बेसिर पैर की प्रतिक्रिया व्यक्त करना शुरू कर दी। प्रधानमंत्री ने यह कहा था कि
दूर तक जाएगी संसद में मोदी के भाषण की गूँज !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यापक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर चलते हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते समय मोदी का यही अंदाज दिखाई दिया। जवाब तात्कालिक चर्चा के थे, किंतु उनका असर दूर तक जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव तक इसकी गूंज सुनाई दे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसे लगा होगा कि इन हमलों के बाद