पॉलिटिकल कमेंटरी

अमेरिकी कांग्रेस को सशक्त भारत का संबोधन

पीयूष द्विवेदी इसमे कोई संदेह नहीं कि दो वर्ष पूर्व मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक विदेशमंत्री, सुषमा स्वराज और प्रधानमन्त्री, नरेंद्र  मोदी की सूझबूझ और कूटनीति से पूर्ण प्रयासों के मिश्रित फलस्वरूप भारतीय विदेश नीति को न केवल एक नई ऊँचाई और आयाम प्राप्त हुआ है बल्कि बतौर वैश्विक इकाई

पतन की ओर कांग्रेस : बदलाव से पहले बिखराव

आदर्श तिवारी भारतीय राजनीति में सबसे पुरानी और सबसे अनुभवी पार्टी कांग्रेस आज सबसे बुरे  हालत में है। विगत लोकसभा चुनाव के बाद इस विरासत का पतन निरंतर देखने को मिल रहा है। पार्टी को एक के बाद एक चुनावों में मुंह की खानी पड़ रही है। इसके मद्देनजर कांग्रेस ने बड़े उलटफेर का मन

जानिये क्यों ऐतिहासिक है प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी संसद में दिया गया भाषण

सिद्धार्थ सिंह भारत और अमेरिका का इतिहास, संस्कृति एवं आस्थाएं भले ही अलग-अलग हों लेकिन दोनों देशों के लोकतंत्र में नागरिकों की अटूट आस्था और अभिव्यक्ति की आजादी की स्वतंत्रता, एक समान हैं। सभी नागरिक के एक सामान अधिकार हैं, यह विचार भले ही अमेरिकी संविधान का केन्द्रीय (मुख्य) आधार हो, लेकिन भारत में संविधान

मथुरा कांड : समाजवादी पार्टी सरकार का जातिवादी होना

मथुरा जवाहर बाग में कब्जा जमाए ‘रामवृक्ष यादव’ और उसके कथित ‘सत्याग्रहियों’ के खिलाफ देरी से कार्रवाई करने पर उत्तर प्रदेशकी सरकार कठघरे में है। खासकर समाजवादी सरकार के कैबिनेट मंत्री और मुख्यमंत्री के चाचा शिवपाल सिंह यादव की भूमिका पर बड़े प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य दलों का आरोप

अब बोलो अखलाक की मौत पर बवाल काटने वालों !

आर.के सिन्हा  पिछले साल 30 सितंबर को राजधानी से सटे नोएडा के बिसहाड़ा गांव में एक शख्स को अपने घर में गौमांस रखने के आरोप में उग्र भीड़ ने मार डाला था। ज़ाहिर है घर के फ्रिज में गौमांस उसने पूजा करने के लिए तो रखा नहीं होगा, खाने के लिए ही रखा होगा। घटना

मोदी-ओबामा रिश्ता चमका रहा भारत का भविष्य

उमेश चतुर्वेदी  अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में किसी भी राष्ट्र की कामयाबी क्या उसकी अपनी आर्थिक और सैनिक ताकत पर ही निर्भर करती है। बीसवीं सदी के आखिरी दशकों तक तो अंतरराष्ट्रीय राजनय में कामयाबी का यह आधार कामयाबी का अहम पैमाना जरूर था। लेकिन इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक तक आते-आते इस पैमाने का आधार बढ़ा है।

कितना अलग है मोदी का पांच देशों का ये विदेश दौरा

पीएम मोदी का 5 देशों का दौरा कई मायनों मे महत्वपूर्ण है। निश्चित तौर पर अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड,अमेरिका एवं मेक्सिको का ये दौरा भारतीय विदेश नीति को मजबूत करने और भारत की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत रणनीतिक और आर्थिक लिहाज से

एनएसजी और कालाधन पर स्विट्ज़रलैंड के सहयोग की खुली राह

उमेश चतुर्वेदी  स्विटजरलैंड की भारत में दो वजहों से कुछ ज्यादा ही चर्चा होती है। दुनियाभर में अपनी गोपनीयता के लिए विख्यात स्विस बैंकों में ना सिर्फ भारतीयों, बल्कि दुनियाभर के टैक्सचोरों, भ्रष्टाचारियों का कालाधन रखा हुआ है। भारत में किसी धनकुबेर पर जब भी हमला होता है, उस पर पहला आरोप यह लगता है

कांग्रेस मुक्त भारत की तरफ एक और कदम

 सुरेश चिपलूनकर  कहते हैं कि “मुसीबत कभी अकेले नहीं आती, साथ में दो-चार संकट और लेकर आती है” । वर्तमान में कांग्रेस के साथ शायद यही हो रहा है। नेशनल हेराल्ड घोटाले का मामला न्यायालय में है और इटली के अगस्ता हेलीकॉप्टरों संबंधी घूस का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि पांच राज्यों

निष्ठा का हलफनामा भरते कांग्रेसी विधायक

उमेश चतुर्वेदी दुनिया में लोकतांत्रिक सोच और शासन प्रणाली की जहां से शुरूआत मानी जाती है, उसी वैशाली के आदि गणतंत्र का बुनियादी आधार जन कल्याण के प्रति निष्ठा ही थी। चूंकि यह निष्ठा वैचारिक प्रखरता के बिना पुष्ट नहीं हो सकती और अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकती, लिहाजा राजनीति के लिए विचारवान