जी हाँ ! 291, अब तक केरल में सन 1969 से संघ और जनसंघ/भाजपा के कुल 291 कार्यकर्ता मारे गए हैं उनमें से 228 केवल वामपंथी हिंसा के शिकार बन चुके हैं । केरल के कन्जिकोड, पालाघाट के एक सामान्य से भाजपा कार्यकर्ता, चदयनकलायिल राधाकृष्णन का नाम वामपंथियों द्वारा किये जा रहे राजनैतिक हत्याओं की फेहरिश्त में 6 जनवरी 2017 को जुड़ गया । राधाकृष्णन केरल में राजनैतिक शहादत को प्राप्त करने वाले 291 वें सिपाही हैं । राधाकृष्णन का दोष बस इतना था कि वे भाजपा के एक कर्मठ कार्यकर्ता थे एवं इनके भाई कन्नन भाजपा के चुनाव चिन्ह से पंचायत सदस्य रह चुके हैं । मलम्पुज्हा मंडल जो कि केरल के पूर्व मुख्यमंत्री अच्युतानंदन का चुनाव क्षेत्र भी है, उसमें आता है इनका क्षेत्र कन्जिकोड, जहाँ की पिछले 50 दिनों से मार्क्सवादी तांडव लगातार जारी है। वजह है भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में यहाँ 2500 वोट पाने वाली भाजपा ने कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेलते हुए 46,000 वोट पाए थे, तब से वामपंथियों को ख़ासकर अच्युतानंदन के समर्थकों को उनका किला ढहता दिख रहा है । इसी हताशा में मार्क्सवादी अपने हिंसा के मूल स्वभाव को अख्तियार कर जनभावना एवं बदलती राजनैतिक हवा को दबाना चाह रहे हैं ।
पल्लकड़ में नवम्बर 2016 से मार्क्सवादियों ने अचानक संघ एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर हिंसा शुरू कर दी है । पल्लकड में संघ के मजबूत सांगठनिक संरंचना से घबरा कर एवं हाल ही के विधानसभा चुनाव के नतीजों से भयभीत हो कर सीपीएम लगातार प्रमुख कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है एवं लोगों को डरा रही है । पिछले दो महीनों में सी.पी.एम. के कार्यकर्ताओं ने लगभग 100 लोगों पर छोटे या बड़े आक्रमण किये हैं । 15 संघ कार्यकर्ताओं के घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया है एवं संघ कार्यकर्ताओं के अनेक दो पहिया वाहन तथा ऑटो रिक्शा को जला दिया है ।
लगातार चल रहे हिंसक चक्र में दिनांक 28 दिसम्बर 2016 को अहले सुबह ढाई बजे सीपीएम के कुछ गुंडों ने राधाकृष्णन के आवास पर पेट्रोल बम से हमला किया, जिसमें उनके घर के बाहर खड़ी तीन मोटर सायकिल में आग लग गयी और देखते ही देखते आग घर के बाहरी भाग में फैल गयी । राधाकृष्णन अपने भाई कन्नन को बुलाकर अपनी पत्नी विमला के साथ आग बुझाने में जुटे ही थे कि बाहर बरामदे में रखे गैस सिलिंडर में विस्फोट हो गया । तीनों को गंभीर चोट आई और वो आग में बुरी तरह झुलस गए । तब तक आग पूरे घर में फ़ैल गयी एवं इनका घर पूरी तरह बर्बाद हो गया । किसी तरह इन तीनों को वहां से निकालकर जिला अस्पताल, पल्लाकड पहुँचाया गया, जहाँ से इन्हें विशेष देखभाल के लिए जुबली मिशन अस्पताल त्रिस्सुर ले जाया गया । इलाज़ के क्रम में दिनांक 6 जनवरी को राधाकृष्णन जो 60 % से ज्यादा जल गए थे, ने दम तोड़ दिया । इनकी पत्नी विमला की हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है जिन्हें 80 % से भी ज्यादा बर्न इंजुरी बताई जा रही है । भाई कन्नन भी 60 % से अधिक जल चुके हैं एवं वो भी खतरे से बाहर नहीं हैं । कन्नन के पुत्र आदर्श एवं सेल्वाराज भी इस घटना में जख्मी हैं । घटना के विरोध में पलक्कड में 7 जनवरी को भाजपा ने दिनभर का बंद आयोजित किया जिसे व्यापक समर्थन मिला है एवं क्षेत्र में हिंसा के प्रति रोष दिख रहा है । पुलिस राजनैतिक दबाव के कारण वामपंथी दमनचक्र को रोकने में लगातार असफल साबित हो रही है ।
पल्लकड़ में नवम्बर 2016 से मार्क्सवादियों ने अचानक संघ एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर हिंसा शुरू कर दी है । पल्लकड में संघ के मजबूत सांगठनिक संरंचना से घबरा कर एवं हाल ही के विधानसभा चुनाव के नतीजों से भयभीत हो कर सीपीएम लगातार प्रमुख कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है एवं लोगों को डरा रही है । पिछले दो महीनों में सी.पी.एम. के कार्यकर्ताओं ने लगभग 100 लोगों पर छोटे या बड़े आक्रमण किये हैं । 15 संघ कार्यकर्ताओं के घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया है एवं संघ कार्यकर्ताओं के अनेक दो पहिया वाहन तथा ऑटो रिक्शा को जला दिया है ।
विरोधियों के इसी घर एवं वाहन को जलाने के राजनैतिक अभियान पर निकले सी.पी.एम. के कामरेडों ने राधाकृष्णन के घर को भी निशाना बनाया, जिसमें दुर्भाग्य से उनकी जान चली गयी । जिला भाजपा कमिटी के ऑफिस पर भी बम फेका गया है । लगभग 15 निर्दोष कार्यकर्ता चाकु छुरे के वार से घायल हो चुके हैं । इसी दौरान स्थानीय पर्व कथीर उलसवं के दौरान वामपंथियों ने लोगों पर भीड़ में घुस कर हमला किया । वो चाहते थे, ये उत्सव न मनाया जाये । इस घटना में 6 लोगों को चाकू से घायल कर दिया गया जिनमें से कुछ बच्चे भी हैं । वहां के हालात काफी ख़राब हो चुके हैं, मगर अभी तक मिडिया में इस हिंसा को जगह नहीं मिल पा रही है ।
इसी सिलसिले में न्यूज़ मिनट की वरिष्ठ पत्रकार धन्या राजेंद्रन ने अपने ट्वीट में अधिकांश मीडिया घरानों पर आरोप लगते हुए कहा है कि सी.पी.एम. अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा की जा रही राजनैतिक हिंसाओं से आसानी से बच निकलती है, क्योंकि इनकी रिपोर्टिंग वामपंथी विचारधारा के तरफ झुकाव रखने वाली मिडिया बहुत कम करते हैं । पल्लकड जिला भाजपा अध्यक्ष अधिवक्ता इ कृष्णा दास के अनुसार वहां के हालत बाद से बदतर हो चुके हैं, किसी भी कार्यकर्ता पर कभी भी केवल इसलिए हमला हो सकता है, क्योंकि वो भाजपा या संघ से सम्बंधित है । उनके अनुसार पुलिस और अन्य सम्बंधित अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं एवं सी.पी.एम. के दबाव में काम कर रहे हैं । सी.पी.एम. सांसद एम बी राजेश एवं स्थानीय सीपीएम विधायक के इशारे पर इस क्षेत्र में सीपीएम गुंडे रोज किसी निर्दोष कार्यकर्ता या समर्थक को निशाना बना रहे हैं । पूरे देश को और ख़ास कर मीडिया को अब इस क्षेत्र में हो रहे राजनैतिक दमन एवं असहिष्णुता पर ध्यान आकृष्ट करना चाहिए वरना वामपंथ ऐसे ही ना जाने कितने राधाकृष्णन को लीलता रहेगा ।