पिछली कांग्रेस सरकार से वर्तमान मोदी सरकार की कार्यशैली की तुलना करते ही स्पष्ट हो जाता है कि यदि कांग्रेस बैलगाड़ी की चाल से योजनाएं लागू करती थी, तो नरेंद्र मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने लाखों करोड़ रुपये की योजनाएं अधूरी या लंबित छोड़ दी थीं। इसकी लागत का कोई हिसाब ही नहीं रह गया था। नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन सब पर ध्यान दिया और व्यवस्था को दुरुस्त किया।
कांग्रेस यह कहती रहती है कि मोदी सरकार ने उसकी अनेक योजनाएं को ही आगे बढ़ाया है, लेकिन यह कहने में कोई समझदारी नहीं है। क्योकि जब कांग्रेस अपनी योजनाओं की दुहाई देती है, तो उसकी और नरेंद्र मोदी की कार्यशैली का तुलनात्मक अध्ययन होने लगता है।
तुलना करते ही स्पष्ट हो जाता है कि यदि कांग्रेस बैलगाड़ी की चाल से योजनाएं लागू करके काम शुरू करती थी, तो नरेंद्र मोदी बुलेट जैसी तेजी दिखाते हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने लाखों करोड़ रुपये की योजनाएं अधूरी या लंबित छोड़ दी थीं। इसकी लागत का कोई हिसाब ही नहीं रह गया था। नरेंद्र मोदी की सरकार ने इन सब पर ध्यान दिया।
इसके अलावा मोदी सरकार ने जनधन, मुद्रा, स्टार्टअप, कौशल विकास, मृदा परीक्षण, ग्राम ज्योति, उज्ज्वला, ग्राम स्वराज, डिजिटल, फसल बीमा, स्मार्ट सिटी, मेक इन इंडिया आदि अनेक योजनाओं के द्वारा लोक कल्याण को अभूतपूर्व ढंग से बढ़ावा दिया है। बाइस करोड़ लोग निःशुल्क योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
स्टार्टअप अब लोगों को आत्मनिर्भर बना रहा है। अबतक करीब आठ सौ स्टार्ट अप का पंजीकरण हुआ है और सरकार ने दस तरह के स्टार्ट अप को टैक्स से छूट दिया है। मुद्रा योजना गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में कारगर साबित हो रही है। दस लाख रुपये तक का बैंकों से उधार लेने की व्यवस्था है। इस योजना ने छोटे कारोबारियों की दुनिया रोशन कर दी है। मुद्रा योजना से साढ़े आठ करोड़ उद्यमी लाभ उठा चुके हैं। तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बांटे जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत गरीबों को बैंकों में मुफ्त में और आसानी से खाता खुला है। इस स्कीम के तहत अबतक करीब 31 करोड़ से अधिक नए खाताधारक बैंकिंग सिस्टम में जुड़े हैं, जिन्होंने इससे पहले बैंक का मुंह नहीं देखा था। ये योजना जहां एक तरफ गरीबों को सशक्त करने का काम कर रही है, वहीं इस योजना के जरिये क्रियान्वित हुए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के चलते भ्रष्टाचार के एक बहुत बड़े रास्ते को सरकार ने हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया है। इन खातों में आज के दिन लगभग पैसठ हजार करोड़ रुपये जमा हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत आजादी के बाद से जो गांव बिजली के लिए तरस रहे थे, वह रोशन हुए हैं। मोदी सरकार महंगाई को कम करने और महंगाई दर को यथावत रखने में कुल मिला कर सफल रही है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गरीब परिवार की महिलाओं को केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क एलपीजी कनेक्शन दिए जाने की व्यवस्था है। इस स्कीम के तहत कुल पांच करोड़ गरीब परिवारों के एलपीजी कनेक्शन दिए जाने थे, जिसमें से अब तक इस स्कीम के तहत लगभग तीन करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने इसके पांच करोड़ के लक्ष्य को बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का भी सकारात्मक प्रभाव हुआ है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बड़ी संख्या में लोग खाता खुलवा रहे हैं। सरकार लोगों को सस्ते घर बनवाकर भी दे रही है और घर खरीदने में भी मदद देने को तैयार बैठी है। मोदी सरकार की सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से ये योजना भी एक है। इसके तहत शहरों में अबतक करीब सात लाख पक्के घरों का निर्माण हो चुका है, जबकि ग्रामीण इलाकों में ये योजना पूरे युद्धस्तर पर जारी है।
स्वच्छ भारत अभियान का व्यापक प्रभाव हुआ है। इस योजना के तहत देशभर के गांवों में करीब चार करोड़ घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है और लगभग दो लाख गांव खुले में शौच से मुक्ति पा चुके हैं, जबकि शहरों में इकतीस लाख से अधिक घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है और एक लाख पन्द्रह हजार से ज्यादा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
आज देश में एक भी ऐसा गाँव नहीं हैं, जहां बिजली नहीं पहुँची है। हर गाँव में बिजली पहुंचाने के बाद अब मोदी सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इसके अलावा अगले चार वर्ष में देश के हर गरीब को छत देने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा। इस योजना के तहत एक करोड़ घर दिए जा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत साढ़े तीन करोड़ से अधिक मुफ्त गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं, जबकि सरकार ने आठ करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा है।
मिशन इंद्रधनुष योजना के जरिये बच्चों और माताओं का टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया जा रहा है। ट्रिपल तलाक से मुक्ति का अभियान भी मोदी सरकार ने शुरू किया है और हज पर महिलाओं को यात्रा की छूट दी गई है। सेतु भारतम योजना के तहत लगभग इक्कीस हजार करोड़ रुपये की लगत से सभी नेशनल हाइवे को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाया जा रहा है, जिसे अगले वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा।
भारत आज विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढऩे वाली अर्थव्यवस्था है, महंगाई दर काबू में है और विदेशी मुद्रा भंडार अपने रिकॉर्ड स्तर पर है। नोटबंदी और जीएसटी, दो ऐसे फैसले हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को पारदर्शी अर्थव्यवस्था के रूप में तब्दील करते हुए व्यापक सुधार लाने में कामयाब रहे हैं।
मोदी के नेतृत्व में विश्व मंच पर भारत की मान-प्रतिष्ठा में काफी वृद्धि हुई है। दाभोस के मंच पर प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण विश्व मंच पर भारत के बढ़ते साख की बानगी बयान करता है। सऊदी अरब, फलस्तीन और अफगानिस्तान में प्रधानमंत्री को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है, यह देश की जनता का सम्मान है। मोदी के एक आह्वान पर योग को पूरे विश्व ने अपनाया है और यूनेस्को ने कुंभ मेले को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थान दिया है। जाहिर है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने चार वर्षों में लोक कल्याण की योजनाओं को सफलता पूर्वक लागू किया है। यह सरकार की नेकनीयत का परिणाम है कि अब योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों तक ईमानदारी से पहुंच रहा है। सरकार ने बीच के छिद्र बन्द कर दिए हैं, जहां से धन निकल कर घोटालों की भेंट चढ़ जाता था।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने कार्य संस्कृति में भी बदलाव किया है। अनेक योजनाएं तो घोषित समय से पहले ही पूरी हो गई। पहले केवल लागत मूल्य बढ़ाने के लिए योजनाएं लंबित छोड़ दी जाती थीं। चार वर्ष में मोदी ने वह माहौल बना दिया है, जिस पर चल कर भारत विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)