अगर कांग्रेस के किसी छोटे-मोटे कार्यकर्ता द्वारा इस तरह का वीडियो शेयर किया गया होता तो इसे नज़रंदाज़ किया जा सकता था, लेकिन कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐसा वाहियात वीडियो शेयर किया जाना पार्टी के वैचारिक दिवालियापन को ही दिखाता है। इस विडियो से यही जाहिर होता है कि मोदी का मजाक उड़ाने के लिए राष्ट्रहित के विषय की उपेक्षा करने में भी कांग्रेस को कोई समस्या नहीं है।
कांग्रेस समय-समय पर अपनी फजीहत खुद ही करवा लेती है। इस बार तो हद ही हो गयी, कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ऐसा वीडियो शेयर किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस की खूब आलोचना हुई। कांग्रेस द्वारा पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के साथ गले मिलते हुए वीडियो को लेकर एक बेहद छिछले स्तर का वीडियो बनाकर शेयर किया गया। सवाल यह उठता है कि जब कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष देश के दौरे पर हो तो देश की एक राष्ट्रीय पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री के उससे गले मिलने जैसे आत्मीयतासूचक कृत्य का मजाक बनाने का क्या मतलब है। यह न केवल देश के प्रधानमंत्री का अपमान है, बल्कि विदेशनीति के विषय पर कांग्रेस की अगंभीर और अपरिपक्व सोच का सूचक भी है।
अगर कांग्रेस के किसी छोटे-मोटे कार्यकर्ता द्वारा इस तरह का वीडियो शेयर किया गया होता तो इसे नज़रंदाज़ किया जा सकता था, लेकिन कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ऐसा वाहियात वीडियो शेयर किया जाना पार्टी के वैचारिक दिवालियापन को ही दिखाता है। इस विडियो से यही जाहिर होता है कि मोदी का मजाक उड़ाने के लिए राष्ट्रहित के विषय की उपेक्षा करने में भी कांग्रेस को कोई समस्या नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर पेज पर लोड किये गए वीडियो में मोदी के एंजेला मार्केल के साथ हाथ मिलाने के अंदाज पर चुटकी ली है। मोदी किस तरह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से गले मिलते हैं, इसका क्लिप भी इस वीडियो में शामिल किया गया है। राहुल गाँधी ने इससे पहले भी कई मौकों पर मोदी के अंदाज़ पर चुटकी ली है, लेकिन एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की यात्रा के दौरान एक छिछले स्तर का विडियो शेयर करना न केवल शर्मनाक है, बल्कि भारतीय विदेशनीति को हानि पहुंचाने वाला भी है।
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा है कि कांग्रेस मोदी की लोकप्रियता को हजम नहीं कर पा रही है, इस वजह से इस तरह के सस्ते हथकंडे अपनाकर लोगों का ध्यान भटका रही है। मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर इजराइल के प्रधानमंत्री का स्वागत करने गए हवाई अड्डे गए थे। यहाँ यह समझ लेना बहुत ही ज़रूरी है कि भारत इजराइल का बड़ा सामरिक साझीदार है, आतंकवाद के मोर्चे पर मिलकर लड़ाई लड़ रहा है।
भारत और इजराइल 10 से ज्यादा अहम् क्षेत्रों में अहम् समझौता कर रहे हैं, जिसमें रक्षा के अलावा तेल और ऊर्जा, एविएशन जैसे अहम् मुद्दे शामिल हैं। 2016 में भारत ने इजरायल से 59.9 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे, इस दौरे के दौरान भी अहम रक्षा खरीद पर सहमति होनी तय है। भारत को एक तरफ, पाकिस्तान से चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ चीन जैसा देश है, जो रुक-रुक कर पूर्वी सीमा पर तनाव पैदा करता रहता है। ऐसे में, भारत के लिए अमेरिका के अलावा इजराइल जैसे एक मजबूत सामरिक साझीदार का होना जरूरी है। कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान इजरायल से बहुत बेहतर सम्बन्ध बनाने की कोशिश नहीं की, और अब जब मोदी इस दिशा में बढ़ रहे हैं, तो वो उक्त विडियो के जरिये अपनी घटिया मानसिकता का प्रदर्शन करने में लगी है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)