लखनऊ में होने जा रहा डिफेन्स एक्सपो 2020, भारत को रक्षा विनिर्माण हब बनाने की कवायद

पांच फरवरी से नौ फरवरी तक लखनऊ में अभूतपूर्व डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो वर्ष पहले इन्वेस्टर्स समिट का अभूपपूर्व आयोजन किया था। इतना ही नहीं प्रयागराज कुम्भ, प्रवासी सम्मेलन भी अभूतपूर्व सफलता व भव्यता के साथ आयोजित किये गए थे। शायद इसी को देखते हुए केंद्र ने उत्तर प्रदेश को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

अगले महीने स्वतंत्र भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ेगा। पांच फरवरी से नौ फरवरी तक लखनऊ में अभूतपूर्व डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो वर्ष पहले इन्वेस्टर्स समिट का अभूपपूर्व आयोजन किया था। इतना ही नहीं प्रयागराज कुम्भ, प्रवासी सम्मेलन भी अभूतपूर्व सफलता व भव्यता के साथ आयोजित किये गए थे। शायद इसी को देखते हुए केंद्र ने उत्तर प्रदेश को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

योगी का प्रयास है कि इन्वेस्टर्स समिट की तरह यह आयोजन भी सफलता के साथ सम्पन्न हो। इसमें भारत को सामरिक सामग्री विनिर्माण के उभरते हुए हब के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। एक्सपो का यही मूल विषय भी निर्धारित किया गया है। इसमें सत्तर से अधिक देशों की सहभागिता होगी। यहां अब तक कि सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी का उप मुख्य विषय डिजिटल ट्रांसफार्मेशन ऑफ़ डिफेंस है। इसके माध्यम से वर्तमान ही नहीं भविष्य की सामरिक संभावनाओ पर रणनीति का निर्धारण होगा।

इसी के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए विनिर्माण पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इसमें उत्पादों, प्रौद्योगिकी सेवाओं से संबंधित, रक्षा उत्पाद से संबंधित सजीव प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र होंगे। सेना के तीनों अंगों से जुड़ी आंतरिक सुरक्षा प्रणालियों से जुड़े विषय भी शामिल होंगे। इण्डिया पवेलियन भी होगा जिसमें लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्यम और इनोवेशन इको सिस्टम शामिल रहेंगे।

योगी सरकार द्वारा डीआईसी को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे निर्मित किया जा रहा है, इससे भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में बहुत मदद मिलेगी। डीआईसी में लगभग पच्चीस हजार करोड़ रुपए का निवेश सम्भावित है।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापना की घोषणा दो वर्ष पहले की थी। आज उत्तर प्रदेश वैश्विक मंच पर निवेश के उत्कृष्ट गंतव्य के रूप में उभर रहा है। एक्सपो के माध्यम से रोजगार सृजन पर भी फोकस रहेगा।

डिफेन्स एक्सपो के सफल आयोजन में राज्य सरकार भरपूर सहयोग कर रही है। जिस प्रकार सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट, प्रवासी भारतीय दिवस एवं कुम्भ का सफलतापूर्वक आयोजन  कराया है, उसी प्रकार डिफेन्स एक्सपो भी अब तक का सबसे अच्छा आयोजन होगा।

नोडल अधिकारीगण आपस में बेहतर संवाद स्थापित कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश में डिफेन्स कॉरिडोर के लिए छह नोड चिन्हित हैं। करीब लगभग तीन हजार एकड़ लैण्ड उपलब्ध है। डिफेन्स एक्सपो में जो भी निवेशक इच्छुक होंगे, उन्हें इस क्षेत्र की साइट विजिट करा दी जायेगी।

राज्य सरकार द्वारा डिफेन्स एण्ड एयरोस्पेस पालिसी लागू की जा चुकी है। संबंधित अधिकारियों ने डिफेन्स की तैयारियों की प्रगति का प्रजेंटेशन दिया था। डिफेन्स एक्सपो में दुनिया के रक्षा उद्योगों के प्रतिनिधि, रक्षा सामग्री निर्माण कंपनियों के साथ घरेलू कंपनियां भी हिस्सा लेंगी। यह प्रदर्शनी रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए उत्तर प्रदेश को उभरते हुए आकर्षक स्थल के रूप में स्थापित करेगी। यह पहला मौका है जब लखनऊ डिफेन्स एक्सपो की मेजबानी करेगा।

विदेशी व स्वदेशी कंपनियां अपने आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करेंगी। डिफेन्स एक्सपो भारतीय रक्षा उद्योग के लिए अपनी क्षमता व निर्यात की संभावनाओं के प्रदर्शन का बेहतरीन मौका होगा। उत्तर प्रदेश में रक्षा उद्योगों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा उपलब्ध है।

प्रस्तावित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, लखनऊ, झांसी एवं कानपुर को चिन्हित किया गया है। सभी छह नोड्स में चरणबद्ध तरीके से भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। बड़ी संख्या में डिफेंस इक्विप्मेन्ट निर्माणकर्ताओं द्वारा परियोजना में रूचि दिखाई गई है। राज्य सरकार द्वारा डिफेन्स एण्ड एयरोस्पेस पालिसी पहले ही लागू की जा चुकी है। जाहिर है, डिफेन्स एक्सपो के आयोजन को लेकर योगी सरकार कृत-संकल्पित भाव से जुटी हुई है।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)