ई-विधान प्रणाली को दो चरणों में प्रभावी बनाया जाएगा। चरण 1 में सभी सदस्यों के लिए सभी प्रश्न, नोटिस और रिपोर्ट, बिल प्रबंधन प्रणाली, वेब-कास्टिंग और एक पोर्टल उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल विधायिका पर जोर दिया जाएगा और दूसरे चरण में डिजिटल अभिलेखागार, लाइब्रेरी और ई-निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दिया जायेगा। दशकों के गौरवपूर्ण इतिहास को समेटे यूपी विधानसभा अब नये जमाने के साथ कदमताल करेगी।
उत्तर प्रदेश बदल रहा है। बलिया के किसी सुदूर गाँव से लेकर लखनऊ की विधानसभा तक अब, सब हाइटेक हो रहा। 23 मई 2022 से अपने नए सत्र के लिए ई विधान लागू करके ‘स्मार्ट’ बन चुकी यूपी विधानसभा पूरी तरफ हाईटेक नजर आने जा रही है। इस सत्र से विधायकों और मंत्रियों के हाथ में अब कागज देखने को नहीं मिलेंगे, पूरी कार्यवाही पेपरलेस होगी। सदस्यों के सवाल और मंत्रियों के जवाब टैबलेट पर प्रदर्शित होंगे। इसके लिए सदन की सभी सीटों पर टैबलेट लग गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की ये एक और ऐतिहासिक उपलब्धि है।
विधानसभा सत्र से पहले सभी सदस्यों और विधानसभा तथा सचिवालय के अधिकारियों का ओरिएंटेशन और प्रशिक्षण हो रहा है और उन्हें बताया जा रहा है कि ई- विधान लागू होने के बाद से अब सदन के सदस्य अपने पासवर्ड अथवा फिंगरप्रिंट के जरिये टैबलेट का संचालन कर सकेंगे। टैबलेट पर ही सदन की कार्यवाही का एजेंडा उपलब्ध होगा। इसके अलावा प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों की तरफ से पूछे जाने वाले सवाल और सरकार की ओर दिये जाने जवाब भी टैबलेट पर आनलाइन प्रदर्शित होंगे। विधानसभा की सारी कार्यवाही भी अब फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव उपलब्ध रहेगी।
नागालैंड के बाद यूपी सम्पूर्णता में दूसरा ऐसा प्रदेश है जहां पर सदन की कार्यवाही अब पूरी तरह से पेपरलेस होगी। यहाँ पर ये तथ्य भी गौरतलब है कि नागालैंड और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में संख्या बल के आधार पर बहुत बड़ा अंतर है। इतने बड़े डेटा स्टोरेज का रखरखाव भी ऐसी बड़ी चुनौती था जिसे यूपी सरकार और यूपी विधानसभा ने सहर्ष स्वीकार किया। यूपी विधानसभा में 403 सदस्य हैं और विधान परिषद सदस्य भी मंत्री के तौर पर विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होते हैं, ऐसे में सभी के लिए डिजिटल माध्यम की व्यवस्था करना निश्चित तौर पर एक क्रांतिकारी कदम है।
डिजिटली स्मार्ट बन चुकी यूपी विधानसभा में अब अधिक पारदर्शिता और दक्षता स्थापित होगी और ऐसा मैं इसलिए कह सकता हूँ क्योंकि ई-विधान प्रणाली के आवेदन से लोग विधानसभा में अपने विधायकों के प्रदर्शन का भी पता लगा सकेंगे। विधान भवन में इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जो डिजिटली इस पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करेगा।
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो निश्चित तौर पर आपके लिए ये गर्व का क्षण होगा क्योंकि ई-विधान प्रणाली के लागू होने से राज्य विधानसभा अब अन्य राज्यों में अपने समकक्ष के साथ जुड़ जाएगी।विधानसभा सचिवालय में एक वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग स्टूडियो स्थापित करने की प्रक्रिया भी आरम्भ हो चुकी है, जिसके माध्यम से विधायक और अधिकारी अन्य राज्यों में अपने समकक्षों के साथ बातचीत कर सकेंगे।
इस ई-विधान प्रणाली को दो चरणों में प्रभावी बनाया जाएगा। चरण 1 में सभी सदस्यों के लिए सभी प्रश्न, नोटिस और रिपोर्ट, बिल प्रबंधन प्रणाली, वेब-कास्टिंग और एक पोर्टल उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल विधायिका पर जोर दिया जाएगा और दूसरे चरण में डिजिटल अभिलेखागार, लाइब्रेरी और ई-निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान दिया जायेगा। दशकों के गौरवपूर्ण इतिहास को समेटे यूपी विधानसभा अब नये जमाने के साथ कदमताल करेगी।