अपराध मुक्त राज्य के वादे के तहत योगी सरकार ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए अब उनकी पाप की कमाई का हिसाब-किताब शुरू कर दिया है। सरकार उन तमाम संपत्तियों का हिसाब-किताब कर रही है जो दहशत और बाहुबल से कब्जाई गई निजी और सरकारी संपत्ति हैं। इन संपत्तियों को कब्जामुक्त बनाने के लिए आदेश जारी किया जा चुका है।
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार सौ प्रतिशत प्रतिबद्ध दिख रही है। यह वाकई काबिले तारीफ है। यहां कई ऐसे कुख्यात अपराधियों का साम्राज्य रहा है जो राजनीतिक दलों के आंचल तले अपराध को अंजाम देते रहे हैं और दहशत व पाप की कमाई से करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन कर बैठै हैं।
अपराध से कमाई गई संपत्तियों को पीढ़ियों से कई राजनीतिक पार्टियों का संरक्षण मिलता रहा है और ये पार्टियाँ हर चुनाव व राजनीतिक मोर्चों पर बदले में इन अपराधियों की गुंडागर्दी व दहशत का फायदा लेती रही हैं। ऐसे में राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए आज जिस प्रकार योगी सरकार 360 डिग्री पर काम करती दिख रही है, वह वाकई जनता के लिए बड़ी सुकून की बात है।
अपराध मुक्त राज्य के वादे के तहत योगी सरकार ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए अब उनकी पाप की कमाई का हिसाब-किताब शुरू कर दिया है।
सरकार उन तमाम संपत्तियों का हिसाब किताब कर रही है जो दहशत और बाहुबल से कब्जाई गई निजी और सरकारी संपत्ति हैं। इन संपत्तियों को कब्जामुक्त बनाने के लिए आदेश जारी किया जा चुका है। इसके लिए योगी सरकार ने लिस्ट भी बनाई है और उन तमाम संपत्तियों को ध्वस्त किया जा रहा है जो अपराध के पैसों से बनी हों अथवा कानून के बाहर जा कर कभी कब्जाई गयी हों।
इस तरह यह साफ है कि सरकार यह बताना चाहती है कि अपराधी के साथ उसके आर्थिक साम्राज्य को भी नहीं छोड़ा जाएगा। इसी क्रम में राज्य के उन बाहुबली विधायकों की संपत्ति पर कार्रवाई की जा रही है जो कभी अपराध जगत में सक्रिय रहकर संपत्ति बनाए और आज राजनीतिक पार्टियों में नेता बन चुके हैं।
इसी सिलसिले में बीते गुरुवार यानी 27 अगस्त को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के लखनऊ स्थित अवैध भवन पर बुलडोजर चलाया गया। यह पहला मौका था जब मुख्तार अंसारी के परिवार की अवैध संपत्तियों पर किसी सरकार ने शिकंजा कसा है। अंसारी की लखनऊ के प्राइम लोकेशन पर मौजूद दूसरी संपत्तियों को भी खंगाला जा रहा है।
गुरुवार को कार्रवाई के तहत जिला प्रशासन, एलडीए और पुलिस की टीम ने विधायक मुख्तार अंसारी के लखनऊ में डालीबाग स्थित अवैध भवन को बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कर दिया। इसके अलावा सरकार ने मुख्तार अंसारी गिरोह के 12 अपराधियों को छह माह के लिए जिलाबदर भी किया है।
दरअसल मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार ने जिस जमीन पर भवन निर्माण किया था वह निष्क्रांत संपत्ति के अंतर्गत आती है। जानकारी दे दें कि आजादी के बाद जो लोग देश छोड़कर चले गए उनकी संपत्तियां सरकारी प्रोपर्टी मानी गईं।
इन संपत्तियों को दो श्रेणियों में रखा गया। एक को शत्रु संपत्ति और दूसरी निष्क्रांत संपत्ति। इनमें मार्च 1954 से पहले गए लोगों की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के अंतरगत रखा गया और इसके बाद जाने वालों की संपत्तियों को निष्क्रांत संपत्ति माना गया।
इस तरह यह सरकारी संपत्ति के तहत आई जिस पर मुख्तार ने अपना भवन बनाया था। लखनउ के अलावा वाराणसी में भी 11 जुलाई को माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे प्रकाश मिश्र उर्फ झुन्ना पंडित की 58 लाख से अधिक की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई थी।
इसके अलावा अंसारी के करीबी मछली तस्कर रवींद्र निषाद उर्फ पप्पू की करीब पांच करोड़ रुपये की संपत्ति अबतक सील की जा चुकी है। जबकि गैंगेस्टर एक्ट के तहत जौनपुर में पूर्व सांसद उमाकांत यादव के पुत्र दिनेशकांत यादव समेत 11 आरोपितों की करीब साढ़े चार करोड़ की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जारी है।
उधर, भू-माफिया अतीक अहमद की प्रयागराज में करीब 25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को पहले ही जब्त व कुर्क किया जा चुका है। बता दें कि प्रयागराज पुलिस ने खुल्दाबाद स्थित चकिया मोहल्ला स्थित करीब ढाई करोड़ रुपये के दो मकान व थाना धूमनगंज के कालिन्दीपुरम में इसी कीमत के दो मकान जब्त व कुर्क किए हैं।
इसी सिलसिले में सिविल लाइन में एमजी मार्ग स्थित करीब 20 करोड़ रुपये का मकान भी पुलिस जब्त कर चुकी है और अभी कई संपत्तियों पर कार्रवाई की जानी है। निश्चित रूप से सरकार के इस कदम से ना सिर्फ अपराधियों का हौसला कम होगा बल्कि समाज भी भयमुक्त हो कर विकास की सीढ़ी चढ़ेगा।
(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)