उत्तर प्रदेश में ढांचागत व अन्य निर्माण के रिकार्ड कायम हुए हैं। इसमें एक्सप्रेस वे और कनेक्टिविटी भी शामिल है। औद्योगिक विकास के लिए इन सुविधाओं का विस्तार अपरिहार्य होता है। इसके साथ ही बिजली की उपलब्धता, कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति, सिंगल विंडो की पारदर्शी व्यवस्था, भूमि बैंक की स्थापना आदि भी आवश्यक होते हैं। योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे को औद्योगिक विकास और प्रगति से जोड़ दिया है।
ग्लोबल समिट और जी 20 सम्बन्धी कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के लिए अभूत पूर्व अवसर थे। इस अवधि में तैतीस लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। जी 20 देशों तक उत्तर प्रदेश के विकास की चर्चा हुई। इसके साथ ही सांस्कृतिक स्थलों के विश्व स्तरीय विकास की तरफ भी दुनिया का ध्यान आकृष्ट हुआ।
अब प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र प्रारम्भ हुआ है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होता है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल के अभिभाषण में भी उत्तर प्रदेश के विकास को रेखांकित किया गया। उनका अभिभाषण तथ्यों पर आधारित था।
यूपी का बजट पेश किए जाने के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में आज प्रस्तुत होने जा रहा ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला होगा।
नई उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में दस लाख करोड़ रुपये का निवेश एवं बीस हजार रोजगार सृजन का लक्ष्य बजट में निर्धारित किया गया है। मनरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय मानव दिवस सृजित कर प्रदेश द्वारा देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना हेतु अनुकूल वातावरण का सृजन किया गया है। निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को उद्यम स्थापना के क्रम में वांछित अनापत्ति लाइसेन्स अनुमति आदि को प्राप्त करने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें उद्यमी समयबद्ध रूप से स्वीकृतियाँ आदि प्राप्त कर रहा है।
एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत भी रोजगार सृजन हो रहा है। एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट वितरण योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्टार्टअप नीति के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बजट में उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु साठ करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स की स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फण्ड के लिए बीस करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ सभी पात्रों तक पहुँच रहा है।
सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु छह सौ करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी अनुदान योजना हेतु डेढ़ सौ करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ग्रामीण महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गठन किया जाता है..बजट में इसके लिए भी प्रस्ताव है। निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत चार हजार करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि संचालित हैं। प्रदेश में कानून एवं शांति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनश्चित करने हेतु तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।
प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सोलह प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है। वहीं जीएसडीपी में वृद्धि की दर उन्नीस प्रतिशत अनुमानित की गयी है। वैश्विक मंदी के दौर में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की विकास दर उत्साहजनक है। यह भी गौरतलब है कि पिछली सरकार के समय प्रदेश की बेरोजगारी दर चौदह प्रतिशत से अधिक थी, आज यह घटकर लगभग चार प्रतिशत हो गयी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को फाइव ट्रिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उनकी प्रेरणा से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के योगदन की घोषणा की है। योगी का कहना था कि देश की फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी में उत्तर प्रदेश का योगदान वन ट्रिलियन होगा। यह बजट योगी के इस लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
आज व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के चलते यूपी बिजनेस हब बनकर उभरा है। योगी आदित्यनाथ की बिजनेस फ्रेंडली नीतियों के परिणाम स्वरूप अब राज्य उद्यम प्रदेश बन रहा है। यही कारण है कि विगत पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश के प्रति उद्योग जगत की मान्यता बदली है।
इसके पहले यहां निवेश में उनका कोई उत्साह नहीं रहता था। निवेश के लिए आवश्यक सभी तत्वों का यहां अभाव था। इसमें पहला तत्व कानून व्यवस्था का होता है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले इस ओर ही ध्यान दिया था। उनका कहना था कि बेहतर कानून व्यवस्था में ही विकास कार्यों का क्रियान्वयन सम्भव होता है। जिस प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीं होती, उधर उद्योगपति निवेश का जोखिम नहीं उठाना चाहते। पहले उत्तर प्रदेश की यही दशा थी।
इसके बाद व्यापार सुगमता की आवश्यकता होती है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में इसका रिकार्ड भी शानदार हो गया। उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की छवि से निकल कर विकसित हो रहा है। यहां केवल निवेश प्रस्ताव नहीं आ रहे है, बल्कि हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जमीन पर भी उतर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में ढांचागत व अन्य निर्माण के रिकार्ड कायम हुए हैं। इसमें एक्सप्रेस वे और कनेक्टिविटी भी शामिल है। औद्योगिक विकास के लिए इन सुविधाओं का विस्तार अपरिहार्य होता है। इसके साथ ही बिजली की उपलब्धता, कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति, सिंगल विंडो की पारदर्शी व्यवस्था, भूमि बैंक की स्थापना आदि भी आवश्यक होते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे को औद्योगिक विकास और प्रगति से जोड़ दिया है। उन्होंने एक्सप्रेस वे निर्माण मात्र को ही पर्याप्त नहीं माना। इनकी वास्तविक उपयोगिता औद्योगिक विकास से ही हो सकती है। उत्तर प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल कायम हुआ है। नेशनल से लेकर ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का सिलसिला शुरू हुआ। उद्योगपतियों की उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। यह अनुकूल माहौल के कारण संभव हुआ है। यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ा रहा है।
योगी सरकार ने राज्य में रिकॉर्ड निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रयास किए हैं। ये निवेश विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं। राज्य में अच्छा कारोबारी माहौल निवेशकों और स्थानीय युवाओं दोनों के लिए शुभ संकेत है।
सिंगल विण्डो पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को चार सौ से अधिक ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। निवेशकों के सहायतार्थ एमओयू पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन निवेशक प्रबन्धन पोर्टल ‘निवेश सारथी’ विकसित किया गया है। ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस में उत्तर प्रदेश अचीवर्स श्रेणी में है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना पहला इन्वेस्टर्स समिट माह फरवरी, 2018 में आयोजित किया था। इसमें प्राप्त निवेश के प्रस्तावों को तीन ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन के साथ जमीन पर उतारते हुए लगभग चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो चुका है, अधिकांश इकाइयों में उत्पादन भी आरम्भ हो चुका है। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रभावी प्रयासों के परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में अग्रणी स्थान पर है।
गरीबों के लिए आवास बनाने में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत शहरी पथ विक्रेताओं को कुल ऋण वितरण में प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश में निर्गत जीएसटी पंजीयन की कुल संख्या देश में सर्वाधिक है।
मनरेगा योजना के अन्तर्गत सर्वाधिक रोजगार यूपी में सृजित किए गए हैं। राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश को पूरे देश में प्रथम स्थान मिला। उत्तर प्रदेश, देश का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक राज्य है, जिसका देश के सकल दुग्ध उत्पादन में योगदान लगभग सोलह प्रतिशत है।
प्रदेश खाद्यान्न, गन्ना, आलू, सब्जियों, फलों व एथेनाॅल के उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर है। लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा जनपद चित्रकूट से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे चालू हो चुके हैं। गोरखपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य गतिमान है।
उत्तर प्रदेश डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर के अन्तर्गत अलीगढ़, आगरा, झाँसी, चित्रकूट, कानपुर एवं लखनऊ नोड्स में रक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। फिल्म सिटी का निर्माण भी प्रक्रियाधीन है। जिला मुख्यालयों को चार लेन के सम्पर्क मार्गों तथा तहसील व ब्लॉक मुख्यालय को दो लेन सम्पर्क मार्ग से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।
छह वर्ष तक प्रदेश में दो एयरपोर्ट पूर्ण रूप से तथा दो एयरपोर्ट आंशिक रूप से क्रियाशील थे।अब नौ एयरपोर्ट पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं। दस एयरपोर्ट का कार्य चल रहा है। अगले कुछ वर्षों में इक्कीस एयरपोर्ट के साथ प्रदेश, देश में सर्वाधिक एयरपोर्ट वाला राज्य हो जाएगा। नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, जेवर को एविएशन इनोवेशन एवं रिसर्च सेन्टर के साथ ही रख-रखाव और ऑपरेशन हब के रूप में विकसित करने एवं अयोध्या अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूर्ण करने की दिशा में प्रदेश सरकार अग्रसर है।
इनके चालू होते ही उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक पांच अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य बन जाएगा। जिला मुख्यालयों पर चौबीस घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर करीब बाईस घण्टे व गाँवों में करीब बीस घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है। ऑपरेशन कायाकल्प’ के अन्तर्गत प्रदेश के लगभग बॉम्बे प्रतिशत विद्यालयों को मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त किया जा चुका है।
समस्त छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने हेतु बारह सौ रुपये प्रति छात्र की दर से धनराशि उनके अभिभावकों के खातों में डीबीटी के माध्यम से अन्तरित की जा रही है।
राज्य सरकार प्रत्येक मण्डल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कृतसंकल्पित है। प्रदेश के तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों-राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़, माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर एवं महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ में अध्यापन कार्य वर्तमान सत्र से संचालित किया जा रहा है।
‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ योजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल पैंतालीस जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किए जा चुके हैं। चौदह जनपदों में मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। असेवित सोलह जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है, जिसमें से चार जनपदों में शीघ्र ही संचालित हो जाएंगे।
विगत पांच वर्षों में बीस सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करके करीब बाइस लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की गई। जल जीवन मिशन में प्रदेश के सवा दो करोड़ से अधिक घरों में गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सतत पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। करीब अस्सी लाख परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)