अगस्त, 2021 माह में भारत से विभिन्न उत्पादों का निर्यात 3,314 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा जो अगस्त 2020 माह में किए गए निर्यात से 45.17 प्रतिशत एवं अगस्त 2019 माह में किए गए निर्यात से 27.5 प्रतिशत अधिक है। यदि अप्रेल-अगस्त 2021 की अवधि के दौरान देश से किए गए विभिन्न उत्पादों के निर्यात के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो यह 16,367 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा है जो अप्रेल-अगस्त 2020 की अवधि में किए गए निर्यात से 66.92 प्रतिशत अधिक है एवं अप्रेल-अगस्त 2019 की अवधि में किए गए निर्यात से 22.93 प्रतिशत अधिक है।
कोरोना महामारी की प्रथम एवं द्वितीय लहर के दौरान पूरे विश्व का विदेशी व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। विभिन्न देशों के बीच उत्पादों का व्यापार एकदम निचले स्तर पर आ गया था। चूंकि कोरोना महामारी की द्वितीय लहर एवं कुछ देशों में तृतीय लहर का असर अब कुछ कम होने लगा है, अतः विभिन्न देशों के बीच विदेशी व्यापार में सुधार देखने में आ रहा है। भारत से तो विभिन्न उत्पादों के होने वाले निर्यात में एकदम उछाल देखने में आया है।
अगस्त, 2021 माह में भारत से विभिन्न उत्पादों का निर्यात 3,314 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा जो अगस्त 2020 माह में किए गए निर्यात से 45.17 प्रतिशत एवं अगस्त 2019 माह में किए गए निर्यात से 27.5 प्रतिशत अधिक है। यदि अप्रेल-अगस्त 2021 की अवधि के दौरान देश से किए गए विभिन्न उत्पादों के निर्यात के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो यह 16,367 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा है जो अप्रेल-अगस्त 2020 की अवधि में किए गए निर्यात से 66.92 प्रतिशत अधिक है एवं अप्रेल-अगस्त 2019 की अवधि में किए गए निर्यात से 22.93 प्रतिशत अधिक है।
भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में निर्यात के लिए 40,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य का 41 प्रतिशत भाग अप्रेल-अगस्त 2021 माह तक प्राप्त कर लिया गया है। निर्यात में अगस्त 2021 माह तक हुई वृद्धि दर को देखते हुए तो ऐसा प्रतीत होता है कि वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित किए गए निर्यात का लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लिया जाएगा।
भारत से निर्यात किए जा रहे उत्पादों की टोकरी में शामिल विभिन्न उत्पादों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि देश से रोजगारोन्मुखी उद्योगों के उत्पाद तेज गति से बढ़ रहे हैं। यह देश के लिए हर्ष का विषय होना चाहिए क्योंकि इन उद्योगों से निर्यात के साथ साथ रोजगार के नए अवसर भी पर्याप्त मात्रा में निर्मित हो रहे हैं।
भारत से निर्यात होने वाले 80 उत्पादों की, देश से होने वाले कुल निर्यात में, 50 प्रतिशत से अधिक की भागीदारी है। इन उत्पादों में विशेष रूप से शामिल हैं पेट्रोलियम उत्पाद, कृषि उत्पाद, मछली एवं मांस के उत्पाद, केमिकल उत्पाद, दवाईयों के उत्पाद, धातु के उत्पाद, ऑटो, रेल, पानी के जहाज एवं हवाई यातायात के उपकरण, आदि।
वित्तीय वर्ष 2012-13 में भारत से होने वाले कुल निर्यात के 50 प्रतिशत भाग में केवल 20 उत्पादों का ही योगदान रहता था। इस प्रकार इन 8 वर्षों के दौरान देश से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों की टोकरी में शामिल उत्पादों का विस्तार हुआ है।
कृषि क्षेत्र से निर्यात का बढ़ना भी देश के लिए हर्ष का विषय है, क्योंकि इससे किसानों की आय में वृद्धि दृष्टिगोचर है। वैसे भी हमारे देश में लगभग 60 प्रतिशत आबादी अभी भी ग्रामों में ही निवास करती है जो अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का केवल 16 से 18 प्रतिशत तक का योगदान रहता है।
ऐसे में यदि कृषि क्षेत्र से निर्यात बढ़ रहे हैं तो इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं एवं इस प्रकार ग्रामीण इलाकों में गरीबी में कमी आने की सम्भावना बनती नजर आ रही है।
हाल ही के समय में एल्यूमिनियम के उत्पाद, फर्निचर के उत्पाद, पानी के जहाज एवं नाव के उत्पाद, हवाई जहाज एवं स्पेस जहाज के उपकरण एवं जिंक के उत्पाद के निर्यात में बहुत तेज गति से वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है और अब ये उत्पाद भी उन 80 उत्पादों में शामिल हो गए हैं जिनका देश के कुल निर्यात में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान है।
इन क्षेत्रों में भी रोजगार के अधिक से अधिक अवसर निर्मित हो सकते हैं। भारत सरकार ने हाल ही में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की है तथा निर्यातकों को अन्य प्रकार के प्रोत्साहन (यथा निर्यातकों द्वारा कच्चे माल एवं परिष्कृत किए जा रहे माल पर राज्य एवं केंद्र सरकार को अदा किए गए विभिन्न प्रकार के करों की निर्यातकों को वापसी) आदि भी दिए जा रहे हैं।
उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शामिल किए गए विभिन्न उद्योगों से भी अब निर्यात बहुत तेज गति से आगे बढ़ेगा। साथ ही, अब तो अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी कोरोना महामारी के असर से उबरकर पटरी पर वापिस आती जा रही हैं, इसका असर भी हमारे देश से होने वाले निर्यात पर अच्छा प्रभाव डाल रहा है। निर्यात में ये वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है।
(लेखक बैंकिंग क्षेत्र से सेवानिवृत्त हैं। आर्थिक विषयों के जानकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)