अब तक इस योजना के तहत सरकार द्वारा 13.5 लाख लाभार्थियों को 1,800 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।सरकार देश के शीर्ष 200 अस्पतालों के साथ आयुष्मान भारत योजना का लाभ लाभान्वितों को दिलाने के लिये क़रारनामा करना चाहती है। हालांकि, यह थोड़ा मुश्किल भरा काम है, लेकिन इसे मूर्त रूप दिया जा सकता है।
आयुष्मान भारत योजना के आगाज के बाद से ही शहरी इलाकों में लाभार्थियों की पहचान में मुश्किलें आ रही थीं, जिसके कारण इस योजना का लाभ अपेक्षित संख्या में लोग नहीं ले पा रहे थे। अस्तु, योजना के आगाज के बाद से ही लाभान्वितों की संख्या बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जा रहा था। इसी संदर्भ में सरकार के नुमाइंदों ने एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्विगी और जोमैटो सहित 21 निजी कंपनियों के साथ करार करने का प्रस्ताव किया है, ताकि वहाँ कार्यरत हजारों कर्मचारियों तक इस योजना के लाभ को पहुंचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत का लाभ देने के लिये उबर इंडिया के साथ करार किया गया है। इसके तहत कंपनी वैसे साझेदार चालकों की पहचान करेगी जो इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे। पात्र चालकों को स्वास्थ्य बीमा योजना की पेशकश की जायेगी और उन्हें प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जायेगा।
एक अनुमान के मुताबिक इन कंपनियों में 30 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। कामगारों में ड्राइवर, डिलिवरी बॉय और गोदामों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। अगर इनमें सभी इस योजना की अर्हताएं पूरी करते हैं तो आयुष्मान योजना को एक परिवार में औसतन पांच सदस्यों के हिसाब से 1.5 करोड़ योजना के पात्र लाभान्वित मिल सकते हैं। आयुष्मान भारत के तहत अब तक दो करोड़ स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जा चुका है और आगामी तीन महीनों में तीन करोड़ और कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे निजी कंपनियों के साथ करार करके पूरा किया जा सकता है।
उबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी प्रदीप परमेश्वरन के अनुसार उसके 40 प्रतिशत साझेदार चालक और उनका परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्ड कार्ड पाने का हकदार है। आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी श्री इंदु भूषण के अनुसार सरकार इस योजना को देश के 50 करोड़ लोगों तक पहुंचाना चाहती है, लेकिन शहरी इलाकों में ग्रामीण इलाकों के मुक़ाबले लाभार्थी अभी तक कम मिले हैं।
वैसे, सभी लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचाना सरकार के लिये चुनौती भरा कार्य है। फिर भी, माना जा रहा है कि उबर के साथ करार करने का सरकारी प्रयोग यदि सफल होता है तो सरकार दूसरी निजी कंपनियों के साथ भी आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने के लिये क़रारनामा कर सकती है। इसी क्रम में 21 संभावित साझेदारों की पहचान की गई है। इन कंपनियों में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी कार्यरत हैं जो आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के पात्र हो सकते हैं।
अब तक इस योजना के तहत सरकार द्वारा 13.5 लाख लाभार्थियों को 1,800 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। सरकार देश के शीर्ष 200 अस्पतालों के साथ आयुष्मान भारत योजना का लाभ लाभान्वितों को दिलाने के लिये क़रारनामा करना चाहती है। हालांकि, यह थोड़ा मुश्किल भरा काम है, लेकिन इसे मूर्त रूप दिया जा सकता है।
सरकार चाहती है कि आयुष्मान भारत योजना के पात्र साझेदारों की पहचान में मदद के लिये उबर इंडिया के पार्टनर सेवा केंद्रों की भी मदद ली जाये। ऐसा करके आसानी से पात्र लाभार्थियों की पहचान की जा सकती है। कहा जा सकता है कि आयुष्मान भारत योजना का ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ ले सकें के लिये सरकार ने एक अच्छी पहल की है। उम्मीद है कि सरकार के ताजा फैसले से अधिक से अधिक लोग आयुष्मान भारत योजना का लाभ ले सकेंगे।
(लेखक भारतीय स्टेट बैंक के कॉरपोरेट केंद्र मुंबई के आर्थिक अनुसन्धान विभाग में कार्यरत हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)