सर्वदलीय बैठक के बाद कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शाह ने कई अहम फैसले लिए जिसके तहत 20 जून से दिल्ली सरकार रोजाना कोरोना के 18000 टेस्ट करेगी। मीटिंग में यह भी तय हुआ कि राजधानी दिल्ली की गंभीर हालत को देखते हुए दो दिनों में कोरोना संक्रमण की जांच दोगुनी की जाए तथा छह दिन बाद इसे तीन गुना तक तक बढ़ा दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार राजधानी में फैले कोरोना संक्रमण के सामने घुटने टेक चुकी है। हालात हाथ से बाहर जाते देख अब देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी की कमान अपने हाथों में ले ली है। दिल्ली के लोगों को कोरोना से राहत दिलाने के पहले प्रयास के रूप में सबसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई।
बैठक में यह मांग की जा रही थी कि कोरोना टेस्ट की कीमतें बहुत ही ज्यादा हैं जिसे आधा किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए अमित शाह ने तुरंत ही इसे मंजूरी दे दी। इस तरह राजधानी वालों के लिए ये कोरोना से संबंधित यह एक राहत भरी बात रही और अब दिल्ली में कोरोना की टेस्टिंग की कीमत आधी हो जाएगी।
सर्वदलीय बैठक के बाद कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शाह ने कई अहम फैसले लिए। एक फैसला यह हुआ कि 20 जून से दिल्ली सरकार रोजाना कोरोना के 18000 टेस्ट करेगी। मीटिंग में यह भी तय हुआ कि राजधानी दिल्ली की गंभीर हालत को देखते हुए दो दिनों में कोरोना संक्रमण की जांच दोगुनी की जाए तथा छह दिन बाद इसे तीन गुना तक तक बढ़ा दिया जाएगा।
इससे बीमारी को पहचानने में मदद तो मिलेगी ही, लोगों को सही इलाज समय पर मुहैया कराया जा सकेगा। यही नहीं, यदि टेस्टिंग ज्यादा हुई तो राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में भी तेजी आएगी।
ये तो हुई कोरोना संक्रमण के टेस्टिंग की बात। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जाए और उसके चार्ज किए जाएं। इस मामले को भी संज्ञान में लेते हुए गृहमंत्री ने एक समिति गठित की है जो 2 दिनों के भीतर इस मामले पर सही जानकारी देती एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर निजी अस्पतालों के बेड और अन्य तमाम सर्विस चार्जों की प्राइस कैपिंग की जाएगी।
राजधानी में बढ़ते मरीजों की तादाद और अस्पतालों में बेड की कमी को देखते हुए बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दिल्ली को 500 रेलवे आइसोलेशन कोच उपलब्ध होंगे, जिससे 8,000 अतिरिक्त बेड की जरूरत पूरी की जा सकेगी। यही नहीं, यहां घर-घर जाकर हर एक व्यक्ति का व्यापक स्वास्थ्य सर्वे किया जायेगा, जिसकी रिपोर्ट एक हफ्ते में आ जाएगी।
इसके अलावा अच्छे से निगरानी हो, इसके लिए वहां हर व्यक्ति के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड करवाया जाएगा। साथ ही, महामारी से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार के लिये भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जाएंगे।
महामारी के सामने असफल होती दिल्ली सरकार की मदद के लिए अब केंद्र ने अपने पांच सीनियर अधिकारी भी दिल्ली सरकार को दिए हैं। यह अधिकारी दिल्ली सरकार को ना सिर्फ कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में सही निर्णय लेने तथा प्लानिंग पर काम करेंफे बल्कि महामारी के मैनेजमेंट को भी बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
इस सर्वदलीय बैठक में शाह ने यह भी निर्दश दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग, एम्स और दिल्ली के तीनों नगर निगमों के चिकित्सकों का एक संयुक्त दल राजधानी के कोविड समर्पित अस्पतालों का दौरा कर वहां स्वास्थ्य व्यवस्था व तैयारियों पर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
बता दें कि भारत सरकार ने दिल्ली सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर व अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर भी आश्वस्त किया है।
गौरतलब हो कि दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 39,000 के करीब पहुंच गई है और 1,200 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। यही नहीं, दिल्ली अब महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद देश में तीसरा सबसे अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित राज्य बन गया है।
(रिपोर्ट में दिए आंकड़े समाचार पत्रों से लिए गये हैं।)