प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब प्रतिमा तक जाने के लिए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी रेल का शुभारंभ किया है। देश में बहुत-सी रेलें चलती हैं। लेकिन पहली बार एक साथ इन आठ रेलों को हरी झंडी दिखाई गई। ये गुजरात के केवड़िया तक जाएंगी जहां स्टेचू ऑफ़ यूनिटी अवस्थित है।
1947 ब्रिटिश शासन ने देशी रियासतों में विभाजन के साथ भारत को स्वतन्त्रता सौंपी थी। तब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी दृढ़ता, सूझबूझ और कार्यकुशलता से इन सबका एकीकरण किया था। इन्हीं राष्ट्रीय एकता के शिल्पी सरदार पटेल के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा वर्ष 2018 में गुजरात में उनकी प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराने का काम किया गया।
सरदार पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति निर्माण हेतु उन्होंने पूरे देश के किसानों से लोहा मंगाया था। यह सामान्य परियोजना नहीं थी। यह केवल लोहे से नहीं बनी, बल्कि लोहे के रूप में पूरे देश की भावनाएं इससे जुड़ी थीं।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब प्रतिमा तक जाने के लिए स्टेच्यू ऑफ यूनिटी रेल का शुभारंभ किया है। देश में बहुत-सी रेलें चलती हैं। लेकिन पहली बार एक साथ इन आठ रेलों को हरी झंडी दिखाई गई। ये गुजरात के केवड़िया तक जाएंगी जहां स्टेचू ऑफ़ यूनिटी अवस्थित है। अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री और इन सभी राज्यों के लोग इस वर्चुअल कार्यक्रम में सहभागी हुए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि एक साथ किसी खास जगह पर जाने के लिए आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। ये आठ ट्रेनें केवड़िया को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से जोड़ेंगी।
इस शुरुआत के साथ ही भारतीय रेलवे के मैप पर विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी जगह मिल गयी है। केवड़िया के रेल लिंक से जुड़ने से यहां देश भर से सैलानी बिना किसी परेशानी से पहुंच सकेंगे। पीएम ने कहा कि इन ट्रेनों में विस्टा डोम स्ट्रक्चर की सुविधा है, जिससे यात्री चलते हुए आस पास के नजारों का आनंद ले सकेंगे।
नरेंद्र मोदी ने केवड़िया रेलवे स्टेशन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने ब्रॉडगेज लेन का भी उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि अब केवड़िया देश का कोई छोटा शहर नहीं रह गया है। केवड़िया में अब अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा लोग सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने को पहुंच रहे हैं। अब तक पचास लाख लोग इस प्रतिमा को देख चुके हैं। एक अनुमान के अनुसार कुछ दिन बाद यहां एक लाख लोग प्रतिदिन पर्यटन व व्यवसायिक कार्यो के संदर्भ में पहुंचने लगेंगे।
देखा जाए तो मोदी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान रेलवे में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि रेलवे में नई सोच नई तकनीक से काम हुआ है। रेलवे में कायापलट की वजह से हम सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने में सक्षम हुए हैं। हाई स्पीड ट्रेन चलाने की दिशा में काम चल रहा हैं। इसके लिए रेलवे का बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है।
आजादी के बाद हमारी ज्यादातर ऊर्जा पहले से जो रेल व्यवस्था थी उसको सुधारने में लगी रही। नई तकनीक पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। इस कमी को अब दूर किया जा रहा है।
यह रेल लाइनें मां नर्मदा के तट पर बसे करनाली, पोईचा और गरुड़ेश्वर जैसे आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को भी जोड़ने वाली हैं। अनेक रूटों पर विस्टाडोम वाले कोच भारतीय रेल की यात्रा को और आकर्षक बनाने वाले हैं। बीते वर्षों में देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना काम हुआ है, वह अभूतपूर्व है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)