खेलो इण्डिया अभियान की सफलता का प्रमाण है टोक्यो ओलम्पिक में भारत का उम्दा प्रदर्शन

देश में खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से मोदी सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना को मिलाकर इनके स्थान पर खेलो इंडिया योजना लाई गई थी। इस खेल कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में स्थापित किया गया है। इसमें अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में खेलो इंडिया अभियान का शुभारंभ किया था। इसके अंतर्गत अनेक प्रकार के कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। खिलाड़ियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। इसका सकारात्मक परिणाम सामने दिखाई दे रहा है, जिसका ताज़ा प्रमाण ओलंपिक में भारत का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

भारत ने टोक्यो में कुल सात पदक जीते। भारत सन 1900 से ओलंपिक में हिस्सा ले रहा है। इसके बाद से पहली बार है, जब टीम ने एक ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं। इससे पहले भारत ने 2012 के लंदन ओलंपिक में 6 पदक जीते थे। आठ साल बाद कुश्ती में दो पदक जीते।

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इस बार भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद हॉकी में कांस्य पदक मिला। भारतीय महिला टीम ने भी शानदार खेल दिखाया। इस टीम ने भी सेमीफाइनल में जगह बनाई। टीम पहली बार ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही। तेरह साल बाद ओलंपिक में भारत को स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने यह पदक हासिल किया। 121 साल में पहली बार किसी भारतीय ने एथलेटिक्स में पदक जीता है।

देश में खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना को मिलाकर इनके स्थान पर खेलो इंडिया योजना लाई गई। इस खेल कार्यक्रम को व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में स्थापित किया गया है। इसमें अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है।

इस योजना के तहत चुने गए हर ऐथलीट को सालान तौर पर पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति आठ साल तक लगातार मिलेगी। बीस करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया गया। खेलो इंडिया कार्यक्रम योजना के तहत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एथलेटिक्स ट्रैक, हॉकी और फुटबॉल ग्राउंड, तरणताल सहित बहुउद्देशीय हॉल का निर्माण कराया जा रहा है। सरकार ने खेलो इंडिया योजना को 2025-26 तक के लिये बढ़ा दिया है।

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टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया था। उन्होंने इसका कारण भी बताया था। मीराबाई चानू का जन्म मणिपुर के सुदूर ग्रामीण अंचल के निर्धन परिवार में हुआ था। उनमें खेल व भारोत्तलन के प्रति जज्बा था। उनकी प्रतिभा को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उनको प्रोत्साहन व सहायता दी।

मीराबाई ने बताया कि स्वयं नरेंद्र मोदी सरकार ने उनको प्रशिक्षण हेतु अमेरिका भेजने का निर्णय लिया था। इसके दृष्टिगत एक दिन में ही अमेरिका जाने की औपचारिकताओं को पूरा किया गया। मीराबाई चानू को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। इसके पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने उनको पद्मश्री सम्मान देकर सम्मानित किया था। इससे भी उनका उत्साहवर्धन हुआ था।

टोक्यो ओलंपिक में रवाना होने से पहले नरेंद्र मोदी ने प्रतिभागियों से वर्चुअल संवाद किया था। उनका उत्साह बढ़ाया था। उनको शुभकामना दी थी। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के प्रतिभागियों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल संवाद किया था। खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया था। खेलो इंडिया अभियान से भी देश व उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रेरणा मिल रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोरोना महामारी के बावजूद दुनिया के खेल के महाकुम्भ टोक्यो ओलम्पिक में, विश्व के सभी प्रतिष्ठित खिलाड़ी एकत्र हुए हैं। यह उनकी खेल के प्रति प्रतिबद्धता एवं लगाव को प्रदर्शित करता है। भारतीय खिलाड़ियों के सम्मान में विभिन्न इवेण्ट का आयोजन व्यापक जनसमर्थन के साथ किया जा रहा है।

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टोक्यो ओलम्पिक में प्रतिभाग करने हेतु इस बार देश की तरफ से खिलाड़ियों का सबसे बड़ा दल भेजा गया था। खेल की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने खेलो इण्डिया अभियान को गांव गांव तक पहुंचाने का कार्य किया है।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में स्टेडियम, ओपन जिम, व्यायामशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। खेल की गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए युवक मंगल दल और महिला मंगल दलों का गठन किया गया है। विगत चार वर्षों के दौरान मंगल दलों को स्पोर्ट्स किट भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे गांव-गांव में खेल के प्रति एक नई अभिरुचि जागृत हुई है।

खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने प्रदेश में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना का निर्णय लिया है। इससे खेलों में अभिरुचि लेने वाले ऊर्जावान युवाओं को सभी जरूरी सुविधाएं व प्रशिक्षण प्राप्त होगा।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों के साथ अपने आवास पर मुलाकात की। उन्होंने एथलीटों को उनके शानदार प्रदर्शन को लेकर सम्मानित किया और खिलाड़ियों से किया वादा भी निभाया।  नीरज चोपड़ा से चूरमा खिलाने का वादा था। नरेंद्र मोदी पहले पीवी सिंधु से वादा किया था कि जब वो टोक्यो से वापस भारत लौटेंगी तो उनके साथ आईस्क्रीम खाई जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ये सब वादे पूरे किए।

इधर उत्तर प्रदेश में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन से देश का मान बढ़ाने वाली खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाकर देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों का अभिनन्दन किया जाना सराहनीय है।

टोक्यो ओलम्पिक में देश व प्रदेश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के सम्मान में समारोह के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि नवाबों का शहर लखनऊ आज ओलम्पिक के नवाबों का स्वागत कर रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के साथ ही, प्रशिक्षकों, चिकित्सकों सहित खिलाड़ियों के सहयोगी स्टाफ को सम्मानित कर उल्लेखनीय कार्य किया गया है।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)