यह योजना पूरे देश में तेजी से लागू की जा रही है। जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 15 अगस्त 2019 को सिर्फ 3.23 करोड़ परिवारों तक पेयजल का कनेक्शन था। अब यह संख्या बढ़कर 9.85 करोड़ तक पहुच गई है। इस प्रकार देश के कुल 19 करोड़ परिवारों में से आधे से अधिक परिवारों तक नल से जल का कनेक्शन पहुंचा दिया गया है।
आजादी के बाद से ही सरकारें बिजली, पानी, सड़क, शौचालय, आवास का ख्वाब दिखाकर सत्ता हासिल करती रहीं लेकिन ये मूलभूत सुविधाएं आम लोगों तक नहीं पहुंच पाईं। मोदी सरकार इन सब मामलों में अलग साबित हुई। सरकार ने इन सुविधाओं को देश के सभी लोगों तक पहुंचाने का समयबद्ध कार्यक्रम तय किया।
राजनीतिक प्रतिबद्धता, क्रियान्वयन पर सतत निगरानी, नौकरशाही की जवाबदेही सुनिश्चित करने का परिणाम यह हुआ कि योजनाएं समय से पहले पूरी हो रही हैं। इसी का नतीजा है अब चुनावों में विपक्ष के पास मुद्दों का अकाल आ गया है।
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के लोगों ने 2019 में यह नहीं सोचा था कि मात्र तीन वर्षों में जिले के हर घर तक नल से जल मिलने लगेगा लेकिन आज यह हकीकत बन चुका है। उल्लेखनीय है कि बुरहानपुर देश का पहला 100 प्रतिशत हर घर नल से जल जिला बन चुका है। जिले के 254 गांवों के सभी घरों में नल से जल के कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
2019 में केवल 37 प्रतिशत घरों ने नल से जल की सुविधा थी लेकिन मात्र तीन वर्ष के भीतर सभी घरों में नल से जल की सुविधा उपलब्ध हो गई। इसके अलावा जिले के सभी 640 स्कूलों, 547 आंगनवाड़ी केंद्रों और 440 अन्य सार्वजनिक संस्थानों में नल से जल का कनेक्शन दिया गया है।
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत छह राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों गोवा, तेलंगाना, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, दादरा और नगर हवेली, दमन व दीव, पुदुचेरी और हरियाणा के 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल के जरिए साफ पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है लेकिन अभी इन राज्यों के जिलों को सत्यापित नहीं किया गया है।
इसके अलावा कई राज्यों ने अपने 90 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आवासों तक नल से जल पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। इसमें उल्लेखनीय हैं पंजाब 99 प्रतिशत, गुजरात 95.56 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश 92.35 प्रतिशत और बिहार 92.72 प्रतिशत ।
मोदी सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और स्वच्छ पानी पहुंचाने की संकल्पना के साथ 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य अधिक से अधिक पानी की बचत करके भारत के ग्रामीण इलाकों में नल के जरिए स्वच्छ जल पहुंचाना है। जल जीवन अभियान के तहत चलाए गए इस कार्यक्रम को हर घर जल मिशन का नाम दिया गया है।
यह योजना पूरे देश में तेजी से लागू की जा रही है। जल शक्ति मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 15 अगस्त 2019 को सिर्फ 3.23 करोड़ परिवारों तक पेयजल का कनेक्शन था। अब यह संख्या बढ़कर 9.85 करोड़ तक पहुच गई है। इस प्रकार देश के कुल 19 करोड़ परिवारों में से आधे से अधिक परिवारों तक नल से जल का कनेक्शन पहुंचा दिया गया है।
यह योजना जनभागीदारी से चलाई जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें जल संरक्षण पर भी ध्यान दिया गया है। अब तक स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों में 14 लाख से अधिक जल संग्रहण पिट बनाए जा चुके हैं।
समग्रत: जिन सुविधाओं के लिए सरकारें 70 साल से इंतजार कराती रहीं उन्हें मोदी सरकार ने मात्र आठ वर्षों में पूरा कर दिया वह भी बिना किसी भेदभाव के। मोदी सरकार की बढ़ती लोकप्रियता का कारण यही है।
(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)