मोदी सरकार ने बढ़ाई मंत्रियों की ताकत

अभय सिंह

मोदी सरकार ने जनता तक जल्द से जल्द विकास के कार्यों को पहुंचाने की कड़ी में एक अहम फैसला लिया है। मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल मेंmaxresdefault विस्तार की चर्चा के बीच मंत्रियों को तेजी से काम करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला फैसला लिया है। सरकार ने मंत्रियों को और स्वतंत्र करते हुए उन्हें अपने स्तर पर पांच सौ करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार दे दिया है। इससे पहले मंत्री केवल डेढ़ सौ करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को ही अपने स्तर पर मंजूरी देने के लिए स्वतंत्र थे। इसके अतिरिक्त मंत्रालयों,विभागों के गैर योजनागत व्यय को स्वीकृति देने वाली समिति को 75 करोड़ के मुकाबले अब 300 करोड़ रुपए तक के व्यय प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है। साथ ही मंत्रियों को नौकरशाहों के बारे में फैसला करने में भी रियायत दी गई है। जाहिर है इन फैसलों से मंत्रालयों के कामकाज में तेजी अवश्य आयेगी।  पिछले दो साल में केंद्रीय शासन और उसके प्रशासन की कार्य संस्कृति के स्तर पर तमाम बदलाव किये गए हैं। लेकिन इसके बाद भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। आम जनता अपने आसपास जल्द से जल्द  बुनियादी बदलाव होता हुआ देखना चाहती है। जनता का मोदी सरकार पर विश्वास अब भी कायम है और वह संयम के साथ अच्छे दिनों की प्रतीक्षा कर रही है। इसलिए विभिन्न् केंद्रीय मंत्रालयों का भी यह दायित्व बनता है कि वे अपने काम में तेजी लाएं और जनता तक विकास जल्द से जल्द पहुंचे। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि पिछली सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सब कुछ ठप सा पड़ गया था। इसका उल्लेख पिछले दिनों प्रधानमंत्री भी कई बार कर चुके हैं। अब जब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी तंत्र पर चिंता जताई थी तो यह आवश्यक है कि उनके मंत्रिमंडल में कार्यरत उनके सहयोगी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर संपूर्ण जनता तक विकास पहुँचाने के लिए परियोजनाओं को गति दें। चूंकि मंत्रियों के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि हुई है इस कारण यह अपेक्षा स्वाभाविक है कि किसी भी परियोजना में कोई विलंब नहीं हो। परियोजनाओं का समय से पूरा होना प्राथमिकता के साथ एजेंडे में शामिल होना चाहिए। क्योंकि किन्हीं भी कारणों से जब उनमें विलंब होता है तो सबसे ज्यादा जनता की परेशानी और सरकार की चिंता बढ़ती है। इस लिहाज से मोदी सरकार के इस फैसले से जनता तक विकास पहुँचाने की उसकी प्रतिबद्धता दिखती है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)