निर्यात आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने में जुटी मोदी सरकार

कोरोना संकट के बाद दुनिया भर की सरकारें चीन निर्मित वस्‍तुओं को प्राथमिकता नहीं दे रही हैं लेकिन विकल्‍प के अभाव में उन्‍हें चीन निर्मित वस्‍तुएं खरीदना पड़ रहा है। इसी मौके का फायदा उठाने के लिए मोदी सरकार दुनिया भर के बाजारों में भारतीय उत्‍पादों को उतारने की योजना पर काम कर रही है। सरकार नए बाजार तलाशने के साथ-साथ यूरोप-अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौते में तेजी लाने जैसे उपायों पर काम कर रही है।

आज देश भर के बाजार चीन निर्मित उत्‍पादों की भरमार के चलते चाइना बाजार का तमगा हासिल कर चुके हैं तो इसके लिए कांग्रेसी सरकारें जिम्‍मेदार हैं। सत्‍ता पक्ष से जुड़े आयातकों-उद्योगपतियों की तगड़ी लॉबी के दबाव में आकर कांग्रेसी सरकारों ने भारत को निर्यात आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का कभी प्रयास ही नहीं किया। इसका नतीजा यह हुआ कि निर्यात के मुकाबले आयात बढ़ता गया। उदारीकरण के दौर में इसमें और तेजी आई।

अब निर्यात के मोर्चे पर भारत की कमजोरी को दूर करने का बीड़ा मोदी सरकार ने उठाया है। परिस्‍थितियां भी भारतीय उत्‍पादों के अनुकूल बन रही हैं। दरअसल कोरोना संकट के बाद दुनिया भर की सरकारें चीन निर्मित वस्‍तुओं को प्राथमिकता नहीं दे रही हैं लेकिन विकल्‍प के अभाव में उन्‍हें चीन निर्मित वस्‍तुएं खरीदना पड़ रहा है। 

इसी मौके का फायदा उठाने के लिए मोदी सरकार दुनिया भर के बाजारों में भारतीय उत्‍पादों को उतारने की योजना पर काम कर रही है। सरकार नए बाजार तलाशने के साथ-साथ यूरोप-अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौते में तेजी लाने जैसे उपायों पर काम कर रही है।

सरकार ने चालू वित्‍त वर्ष अर्थात 2021-22 में 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्‍य रखा है। वित्‍त वर्ष के शुरूआती चार महीनों (अप्रैल से जुलाई 2021) में भारत 130.56 अरब डॉलर मूल्‍य की वस्‍तुओं का निर्यात कर चुका है। इससे उम्‍मीद है कि सरकार निर्यात लक्ष्‍य को हासिल कर लेगी।

निर्यात बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने रेमिशन ऑफ ड्यूटीज एंड टैक्‍सेज ऑन एक्‍सपोर्ट प्रोडक्‍ट (रोडटेप) को लागू किया है। 17 अगस्‍त 2021 को घोषित यह योजना एक जनवरी 2021 से लागू मानी जाएगी। इस योजना के तहत 8555 उत्‍पादों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत निर्यात होने वाली वस्‍तुओं को तैयार करने के दौरान निर्यातक जो टैक्‍स केंद्र, राज्‍य या फिर स्‍थानीय निकाय को देते हैं उन्‍हें वह रिफंड कर दिया जाएगा। यह रिफंड पूरी तरह से केंद्र सरकार देगी।

रोडटेप योजना के तहत निर्यात होने वाली लगभग 70 प्रतिशत वस्‍तुएं कवर हो जाएंगी। इससे वस्‍तुओं की लागत कम होगी जिससे निर्यात की प्रतिस्‍पर्धा क्षमता बढ़ेगी। योजना में सम्‍मिलित वस्‍तुओं का अधिक निर्यात करने पर निर्यातकों को अधिक रिफंड मिलेगा जिससे निर्यात को प्रोत्‍साहन मिलेगा। यह योजना विश्‍व व्‍यापर संगठन के नियमों के अनुरूप है और इससे किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय विवाद का खतरा नहीं है।

मोदी सरकार देश को निर्यात आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए अगले कुछ दिनों में दो प्रमुख योजनाएं लाने की योजना पर काम कर रही है। ये योजनाएं हैं टार्गेट प्‍लस और सर्विस एक्‍सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्‍कीम।  

समग्रत: मोदी सरकार निर्यात आधारित अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था के सभी क्षेत्रों को सूचना प्रोद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध करा रही है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि देश भर में बिखरी औद्योगिक इकाइयां निर्यातोन्‍मुखी होंगी।

(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)