कश्मीर पर कांग्रेस की ऐतिहासिक भूल को मोदी सरकार ने सुधारा, धारा 370 समाप्त

यह कदम इसलिए ज़रूरी हो गया था, क्योंकि 370 के रहते जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं किया जा सकता था। साथ ही, इस धारा के रहते जम्मू कश्मीर के लिए संसद कोई अलग से कानून भी पास नहीं कर सकती थी सिवाय विदेश, रक्षा और संचार जैसे विषयों को छोड़कर। यह फैसला बहुत ही सोच समझकर किया गया ताकि पहले की कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई गलतियों को ठीक करके जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।

जब गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए संसद में प्रवेश कर रहे थे, लोगों को तभी अंदाज़ा हो गया था कि आज का दिन ख़ास होने वाला है। फिर आया वो समय, जब गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की घोषणा की। आज से 65 वर्ष पहले कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की थी उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने ठीक कर दिया है। संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव सदन के सामने पेश की जिसके बाद जम्मू कश्मीर की कहानी हमेशा-हमेशा के लिए बदल गई।

साभार : Livemint

अब जम्मू और कश्मीर के पास पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं रह गया है, ये अपनी विधानसभाओं के साथ केंद्र शासित प्रदेश होंगे। वहीं लद्दाख को भी अब अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया है। जम्मू और कश्मीर के पास अपनी विधानसभा होगी लेकिन सीमित अधिकारों के साथ, जैसा कि दिल्ली और पुद्दुचेरी में है।

यह कदम इसलिए ज़रूरी हो गया था, क्योंकि 370 के रहते जम्मू-कश्मीर का विकास नहीं किया जा सकता था। साथ ही, इस धारा के रहते जम्मू कश्मीर के लिए संसद कोई अलग से कानून भी पास नहीं कर सकती थी सिवाय विदेश, रक्षा और संचार जैसे विषयों को छोड़कर। यह फैसला बहुत ही सोच समझकर किया गया ताकि पहले की कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई गलतियों को ठीक करके जम्मू-कश्मीर को विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। 

अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि सरकार आने वाले दिनों में कश्मीर को लेकर सख्त कदम उठाने जा रही है। अपनी इच्छा शक्ति मोदी सरकार ने तभी जाहिर कर दी थी, जब घाटी में भारी संख्या में अर्धसैनिक बलों को भेजने का फैसला किया गया। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद देश के अलग अलग हिस्सों में ख़ुशी की लहर है, साथ ही कांग्रेस आदि कुछ विपक्षी दलों के लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।

विरोधियों को यह पता होना चाहिए कि मोदी सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसका अंदाज़ा लोगों को नहीं था।  लोकसभा चुनाव के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी ने यह साफ़ कर दिया था कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अगर सरकर बनती है तो वो अनुच्छेद 370 और 35-A को ख़त्म करेगी।

अनुच्छेद 370 के ख़त्म होने के बाद अब कश्मीर के विकास के लिए दुनिया भर से निवेश आएगा साथ ही वहां के युवाओं को रोज़गार के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। हाँ, उनलोगों को निराशा होगी जो बच्चों को गुमराह करके उन्हें आतंक की आग में धकेलने का काम कर रहे थे।

कश्मीर पर मोदी सरकार का यह फैसला बहुत ही सोच-समझकर लिया गया है, शक नहीं कि आने वाली पीढ़ियों को अब अपनी पसंद की नौकरी चुनने में आसानी होगी। अमित शाह पहली बार चुन कर संसद में आए हैं, लेकिन अपनी राजनीतिक परिपक्वता और सूझ-बूझ से कुछ ही महीनों में गृह मंत्री ने अपना लोहा मनवा दिया है। दूसरी बात कि कश्मीर को लेकर इतना बड़ा फैसला संभव नहीं होता, अगर देश की जनता का विश्वास मोदी सरकार के साथ नहीं होता। भारतीय एकता और अखंडता के लिए निस्सदेह यह एक ऐतिहासिक दिन है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)