जनता की अदालत में ठुकराए गए विपक्षी नेता और वामपंथी रूझान वाले बुद्धिजीवी-मीडिया भले ही मोदी सरकार को कोविड-19 या कोरोना से निपटने में नाकाम साबित करने में तुले हों लेकिन आंकड़े मोदी सरकार की कामयाबी का परचम लहरा रहे हैं। इसे मोदी सरकार की उपलब्धि ही कहेंगे कि 12 जुलाई 2021 को कोरोना महामारी से ठीक होने वालों की कुल संख्या 3 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। यह लगातार 34वां दिन है जब भारत में कोरोना वायरस के एक लाख से कम नए मामले सामने आए। अब तो देश में कारोना के सक्रिय मामले भी पांच लाख से नीचे आ गए हैं।
जो विपक्षी नेता और वामपंथी रूझान वाले बुद्धिजीवी-मीडिया भारत में कारोना की दूसरी लहर के भयावह रूप धारण करने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं वही नेता व बुद्धिजीवी अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर 2020 के दौरान कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाए थे।
उल्लेखनीय है कि इस अवधि में दुनिया के कई देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे थे। कोरोना से जूझने में मोदी सरकार को नाकाम बताने वाले विपक्षी नेता और वामपंथी बुद्धिजीवी आजादी के बाद 70 वर्षों में बने बदहाल स्वास्थ्य ढांचे पर खामोशी अख्तियार कर लेते हैं।
मोदी के आलोचक यह नहीं देख रहे हैं कि कोरोना महामारी फैलने के समय जो भारत पीपीई किट के मामले में पूरी तरह विदेशों पर निर्भर था वही भारत आज पीपीई किट के मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है। आज चीन के बाद भारत में बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाले पीपीई किट का उत्पादन हो रहा है। कमोबेश यही स्थिति एन-95 मास्क की भी है। आज की तारीख में भारत पीपीई किट और एन-95 मास्क का अग्रणी निर्यातक बन चुका है।
जो देश पीपीई किट और एन-95 मास्क के मामले में विदेशों पर निर्भर रहा हो उसके वेंटीलेटर के मामले में आत्मनिर्भर होने का सवाल ही नहीं उठता। फरवरी-मार्च 2020 में वेंटीलेटर की औसत लागत लगभग 15 लाख रूपये थी और लगभग सभी वेंटीलेटर आयात किए जाते थे। दरअसल कांग्रेस सरकारों के समय सत्ता पक्ष से जुड़े आयातकों की मजबूत लॉबी ने देश में वेंटीलेटरों का निर्माण होने ही नहीं दिया था ।
मोदी सरकार ने इस मजबूत लॉबी को नकारते हुए घरेलू वेंटीलेटर निर्माण को बढ़ावा दिया जिससे इनकी लगात 2 से 10 लाख रूपये के बीच रह गई। उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद से लेकर कोविड पूर्व के लंबे समय तक देश के सभी अस्पतालों में मात्र 16000 वेंटीलेटर उपलब्ध थे लेकिन मोदी सरकार ने 12 महीने से भी कम समय में सभी अस्पतालों में देश में निर्मित 36,433 वेंटीलेटर की आपूर्ति की। अब मोदी सरकार ने वेंटीलेटर के निर्यात पर लगी रोक हटा दी है जिससे भारत में बने वेंटीलेकर का निर्यात किया जा रहा है।
हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने और कड़ी निगरानी का ही नतीजा है कि 12 जुलाई 2021 को कोरोना महामारी से ठीक होने वालों की कुल संख्या 3 करोड़ को पार कर गई। यह लगातार 34वां दिन है जब भारत में कोरोना वायरस के एक लाख से कम नए मामले सामने आए।
अब तो देश में कारोना के सक्रिय मामलें भी पांच लाख से नीचे आ गए हैं। इतना ही नहीं अब तक 37,73,52,501 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए केंद्र सरकार मुफ्त टीकाकरण अभियान चला रही है।
समग्रत: विशाल आबादी, विरासत में मिले बदहाल स्वास्थ्य ढांचा आदि को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ भारत में कोरोना महामारी से करोड़ों लोगों के मरने की आशंका प्रकट कर रहे थे लेकिन अपनी प्रशासनिक दक्षता के बल से मोदी सरकार ने इन आशंकाओं को झुठला दिया।
(लेखक केन्द्रीय सचिवालय में अधिकारी हैं। वरिष्ठ टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)