सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह से गंभीर है कि लॉकडाउन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना हो। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भी इसका जिक्र करते हुए कहा कि श्रमिक वर्गों की परेशानी को लेकर उन्हें अफसोस है, साथ ही देश की जनता घरों में कैद हो गई है, उसे लेकर भी पीड़ा है लेकिन देश भर के हित को देखते हुए इस प्रकार का कड़ा निर्णय लेना ही पड़ा। प्रधानमंत्री ने हर आम व खास से लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह किया है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से आम जनता को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें हर संभव प्रयास कर रही हैं। राजधानी दिल्ली एवं इससे सटे नोएडा में गत दो-तीन दिनों से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन जारी था। इनमें से अधिकांश लोग किसी अफवाह के चलते बाहर निकल आए थे। अधिकांश का कहना था कि उनके मकान मालिक उनके किराये को लेकर परेशान कर रहे हैं एवं कई के पास अब खाने की समस्या भी है, इसके चलते वे सड़कों पर उतर आए हैं।
शनिवार रात इसी प्रकार की अराजकता दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल पर देखने को मिली जहां हजारों की संख्या में भीड़ जमा हो गई थी। हालांकि केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने इन हालातों पर नियंत्रण के लिए तुरंत निर्णय लिया है। सरकार ने मजदूरों के लिए रहने व खाने का इंतजाम किया है जो लोग अपने गृहनगर के लिए लंबी दूरी पर पैदल ही चल निकले थे उनके लिए बस आदि से परिवहन का भी इंतजाम किया गया।
सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह से गंभीर है कि लॉकडाउन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना हो। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भी इसका जिक्र करते हुए कहा कि श्रमिक वर्गों की परेशानी को लेकर उन्हें अफसोस है, साथ ही देश की जनता घरों में कैद हो गई है, उसे लेकर भी पीड़ा है लेकिन देश भर के हित को देखते हुए इस प्रकार का कड़ा निर्णय लेना ही पड़ा। प्रधानमंत्री ने हर आम व खास से लॉकडाउन का पालन करने का आग्रह किया है।
कोरोना वायरस पूरे विश्व पर कहर बनकर टूटा है। दुनिया के कई देशों सहित भारत में संक्रमितों एवं मृतकों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है। इस मुश्किल घड़ी में केंद्र सरकार ने शुरुआती तौर पर देश के कई शहरों में लॉकडाउन घोषित किया। हालात और बिगड़ते गए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम फैसला लेते हुए समूचे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया। लेकिन लॉकडाउन से जनजीवन के बुरी तरह प्रभावित होने का अंदेशा सरकार को था, इसके चलते अब सरकार ने समाज के गरीब वर्ग की सुध लेते हुए उनके लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज का सहारा मिलने के बाद अब निर्धन वर्ग इस 21 दिनी लॉकडाउन की अवधि में गुजर बसर कर सकेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया के समक्ष 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संपूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद ही सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज की भी घोषणा की थी।
सरकार को अपने नागरिकों, कर्मचारियों, स्वास्थ्य अमले और श्रमिक वर्ग सभी की चिंता है, इसके चलते इस आपात घड़ी में महत्वपूर्ण फैसले किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमितों को बचाने के लिए काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए भी 50 लाख रुपए के मेडिकल इंश्योरेंस किए जाने की घोषणा की गई है।
राहत पैकेज की विस्तृत जानकारी देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 21 दिनों के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों के लिए यह अच्छी तरह से सुनिश्चित किया जाएगा कि देश में कोई भी नागरिक भूखा न रहे।
तय व्यवस्था के अनुसार अब हर व्यक्ति को 5 किलो गेंहू और 5 किलो चावल अगले तीन महीने तक अतिरिक्त रूप से प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्र के हिसाब से 1 किलो दाल भी दी जाएगी। सीतारमण ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा भी हमारी जिम्मेदारी है। किसानों को लेकर भी सरकार ने बड़ी घोषणाएं की हैं।
वित्तमंत्री ने कहा है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में उनके खातों में 2 हजार की किश्त डाल दी जाएगी। देश भर के 8 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इसके साथ ही मनरेगा के मजदूरों को मिलने वाली राशि को भी बढ़ाया जाएगा। इससे देश के पांच करोड़ परिवार को व्यवस्था का लाभ मिलेगा। तकरीबन हर मजदूर को 2 हजार रुपए ज्यादा का लाभ मिलेगा।
ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना का असर कुछ लंबे समय तक रहने वाला है, इसलिए सरकार ने लॉकडाउन भले ही तीन सप्ताह का किया हो लेकिन राहत का विचार आगामी 3 महीनों का ध्यान में रखकर किया गया है और उसके अनुसार ही घोषणाएं की गईं हैं।
इसी क्रम में गरीब, सीनियर सिटीजन, दिव्यांग लोगों को एक बार 1 हजार रुपए दिए जाएंगे, यह राशि उन्हें तीन महीने में उन्हें दी जाएगी। इसका लाभ देश भर के 3 करोड़ गरीब बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों को मिलेगा। देश की ऐसी 20 करोड़ महिलाएं जिन्होंने जन धन खाता खोला है उनके इस खाते में आगामी तीन महीने तक 500-500 रुपए की राशि जमा की जाएगी। इसके अलावा उज्जवला स्कीम का लाभ लेने वाली महिलाओं को अगले तीन महीने तक उन्हें 3 घरेलू गैस सिलेंडर दिया जाएगा।
इसका लाभ 8.2 करोड़ बीपीएल परिवार को सीधे तौर पर मिलेगा। कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि संगठित क्षेत्र और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आने वाले लोगों के लिए अगले तीन महीने तक भविष्य निधि का हिस्सा भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा। 24 फीसदी हिस्सा भविष्य निधि के खाते में भारत सरकार द्वारा जमा किया जाएगा। यह व्यवस्था उन संस्थानों के लिए लागू होगी, जहां कर्मचारियों की संख्या 100 तक है और वहां 90 फीसदी कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपए से कम है।
इसके अलावा, ईपीएफओ योजना के तहत सरकार नियमों में संशोधन भी करने जा रही है ताकि कर्मचारी अपने नॉन रिफंडेबल फंड में से 75 फीसदी या फिर तीन महीने का वेतन दोनों में से जो भी कम हो उतनी राशि का आहरण सकते हैं।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि संकट के इस दौर में मोदी सरकार देश के हर नागरिक के साथ पूरी जिम्मेदारी के साथ खड़ी है और कोरोना से बचाने के लिए तत्पर है। उम्मीद है देश जल्द ही इस मुसीबत से मुक्त होगा और जनजीवन, अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर होगी।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)