कोरोना जैसे संकट में भी मोदी सरकार के बेहतर कामकाज के कारण विपक्ष बौखलाया हुआ है और इसी बौखलाहट में वो सरकार पर ऊल-जुलूल आरोप लगा रहा। लेकिन विपक्ष को समझ लेना चाहिए कि जनता सब जानती है। वह अब झांसे में नहीं आने वाली क्योंकि अब उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में विकास की राह दिखाने वाला एक मजबूत नेता मिल गया है।
हमें आज़ाद हुए सात दशक से अधिक समय हो चुका है, लेकिन इस दौरान की अधिकतर पूर्ववर्ती सरकारों का जनता को लेकर रवैया ऐसा रहा कि सरकारी तंत्र से कोई उम्मीद रखना ही देश की अवाम छोड़ चुकी थी। लेकिन पिछले छह वर्षों में देश में काफ़ी बदलाव हुए हैं, न सिर्फ़ राजनैतिक लिहाज़ से बल्कि सरकार के प्रति जनता के मिज़ाज में भी।
मोदी सरकार ने पिछले छह सालों में “सबका साथ- सबका विकास” के नारे के साथ जनकल्याण के जो कार्य किए हैं, उन्हें देखते हुए विपक्ष मुद्दाविहीन और हताश हो चुका है। सच पूछिए तो विपक्षी दलों की चूलें हिल चुकी हैं। इसी कारण अब विपक्ष अपने अस्तित्व को जिंदा रखने के लिए विपदा के समय में भी सरकार का साथ देने के बजाय उसकी नाकामी गिनाने में लगा हुआ है।
कोरोना जैसी वैश्विक समस्या पहले तो कभी आई नहीं थी। फ़िर भी मोदी सरकार ने न केवल इस आपदा से बचाव के लिए शानदार ढंग से काम किया है, बल्कि इसे अवसर में तब्दील करने में भी जी-जान से जुटी हुई है। वहीं देश के विपक्षी दल हैं जो सिर्फ़ विरोध का बेसुरा राग अलाप कर अपने होने का अहसास करा रहे हैं।
यह ठीक है कि लॉकडाउन के दौरान कई प्रकार की समस्याएं सभी को आईं, लेकिन उन्हें दूर करने का जो माद्दा मोदी सरकार ने दिखाया शायद कांग्रेस की किसी पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कोरोना जैसी आपदा की स्थिति में ऐसे प्रबंधन की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
लॉकडाउन के दौरान जब मोदी सरकार ने सभी को सुरक्षित करने और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए ताली और थाली बजाकर कोरोना वॉरियर्स का समर्थन करने को कहा, तो उसे भी विपक्ष ने सरकार की सनक करार दिया, लेकिन कहीं न कहीं मोदी सरकार की दूरदृष्टि और सकारात्मक सोच का परिणाम ही रहा कि आज कोरोना से लड़ाई में हम अच्छी स्थिति में है।
जब मोदी सरकार ने कोरोना से लोगों की जान बचाने तथा आवश्यक तैयारिया करने के लिए लॉकडाउन का निर्णय लिया तो श्रमिकों के पलायन की एक समस्या सामने आई। तब विपक्ष ने शिगूफा छोड़ा कि श्रमिकों की सुध सरकार नहीं ले रही।
लेकिन विपक्ष के आरोपों से अलग सरकार श्रमिकों को सकुशल घर भेजने की समुचित व्यवस्था बनाने और फिर उसको क्रियान्वित करने में जुटी रही। फ़िर विपक्ष ने आरोप लगाया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिक वर्ग को मरने के लिए छोड़ दिया गया है, इसमें पानी-दवाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
विपक्ष के इन आरोपों की सच्चाई धीरे-धीरे देश के सामने आ गयी जब विभिन्न समाचार माध्यमों के जरिये श्रमिकों ने सरकार के सुप्रबंधन की सराहना की। दैनिक भास्कर द्वारा प्रस्तुत ये वीडियो इंदौर रेलवे स्टेशन का है जिसमें एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लोगों से बातचीत की गई है। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के लिए रवाना हुई 1250 लोगों को लेकर।
इसमें बैठे अधिकतर यात्री न सिर्फ़ इंदौर का गुणगान कर रहे, अपितु मोदी सरकार की नीतियों को राज्य में फलीभूत करने वाले भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ़ भी कर रहे हैं। वीडियो में राजकुमार विश्वास नामक व्यक्ति कह रहे कि शिवराज सिंह जी ने बहुत अच्छा कार्य किया है और हम लोगों को अपने घर वालों से मिलाने की व्यवस्था की है।
मालदा डीआरएम के ट्विटर हैंडल साझा ये दूसरी वीडियो पश्चिम बंगाल के मालदा स्टेशन की है। जहां पर यात्री श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सुविधाओं से बेहद ख़ुश नजर आ रहे। वीडियो में यह भी साफ़ देखा जा सकता है कि कैसे विधिवत तरीके से ट्रेन की सफ़ाई वगैरह हो रही। इसके अलावा जब रेलवे के कर्मचारियों ने मालदा स्टेशन पर यात्रियों से ट्रेन की सुविधाओं के बारे में पूछा तो सभी बेहद सन्तुष्ट नजर आए।
एक यात्री ने रेलवे कर्मचारी को बताया कि वह बैंगलोर से आ रहा और त्रिपुरा तक जाएगा। मालदा स्टेशन पर मिली सुविधाओं से वह काफ़ी ख़ुश नजर आया। उसने बताया कि मालदा में ट्रेन की विधिवत सफ़ाई और भोजन पानी का बेहतरीन इंतजाम रहा।
तीसरा वीडियो भी मालदा डीआरएम के ट्विटर हैंडल का ही है, जिसमें ट्रेन में बैठी महिला यात्रियों से जब रेलवे कर्मचारियों ने सवाल किया कि वे कहाँ से आ रही हैं और सुविधाएं कैसी हैं, तो उनका जवाब था कि वे त्रिपुरा से बिहार के नवादा जा रही हैं। साथ ही, महिला यात्रियों ने रेलवे की साफ़-सफाई और व्यवस्थाओं को लेकर भी ख़ुशी ज़ाहिर की।
इसके बाद एक अन्य यात्री से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वह उदयपुर से चलकर बिहार के गया जा रहा। उक्त यात्री भी रेलवे की सुविधाओं के प्रति खुश नजर आया। इसके अलावा मालदा डीआरएम के ट्विटर हैंडल पर ऐसे अन्य कई वीडियो भी मिल जाएंगे, जिनमें साफ़ दिख रहा कि स्पेशल ट्रेनों में रेलवे की सुविधाएं कितनी बेहतर हैं।
स्पष्ट है कि कोरोना जैसे संकट में भी मोदी सरकार के बेहतर कामकाज के कारण विपक्ष बौखलाया हुआ है और इसी बौखलाहट में वो सरकार पर ऊल-जुलूल आरोप लगा रहा। लेकिन विपक्ष को समझ लेना चाहिए कि जनता सब जानती है। वह अब झांसे में नहीं आने वाली क्योंकि अब उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में विकास की राह दिखाने वाला एक मजबूत नेता मिल गया है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)