साक्षात्कार में स्पष्ट हो गया कि नरेंद्र मोदी आम चुनाव में अपनी उपलब्धियों पर ही जोर देंगे। कांग्रेस राफेल को मुद्दा बनाकर नकारात्मक राजनीति करना चाहती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट, वायु सेना और फ्रांस तक में उसे फजीहत का सामना करना पड़ा। अगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड में कांग्रेस हाईकमान की गर्दन फंसी है। राफेल-राफेल चिल्लाने से उसका बचाव नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साक्षात्कार में सत्ता और सियासत से संबंधित सभी ज्वलंत विषयों पर विचार व्यक्त किये हैं। इसमें उन्होंने अपनी उपलब्धियों और विपक्ष की नकारात्मक राजनीति पर विशेष जोर दिया है। इससे दो बातें उजागर हुई हैं। पहली यह कि वह उपलब्धियों के बल पर आम चुनाव में उतरने का मन बना चुके हैं। इसके अनुरूप उनका आत्मविश्वास भी दिखाई दिया। दूसरा यह कि वह विपक्ष की रणनीति से परेशान नहीं हैं। वह जानते हैं कि विपक्ष के पास कोई सकारात्मक मुद्दा नहीं है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि कमजोर और मध्यमवर्गीय आबादी के करोड़ो लोगों को सीधे राहत देने वाले फैसले मोदी ने लिए हैं। इन पर बहुत तेज गति से कार्य हुआ। इतने कार्यो के लिए कांग्रेस की सरकार कई दशक लगा देती। सरकार ने मध्यम वर्गों के हितों का पूरा ध्यान रखा है। जीएसटी में टैक्स घटा तो सभी का फायदा हुआ। एजुकेशन में सीटें बढ़ीं, हवाई यात्रा मध्यम वर्ग की पहुंच में आ गई।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ करीब पचास करोड़ लोगों को मिल रहा है। अपने ढंग की यह विश्व में सबसे बड़ी योजना है। बड़ी संख्या में अस्पताल बनाये गए हैं। मुद्रा योजना का करोड़ो लोग लाभ उठा चुके हैं। करोड़ो लोगों को अपना घर नसीब हो रहा है। स्टार्ट अप योजना, एलईडी बल्ब से बिल कम हो रहे हैं और बिजली भी बच रही है। सरकार का विश्वास है कि वो अपने काम के बल पर फिर से सत्ता में लौटेगी।
मोदी को विश्वास है कि आम चुनाव जनता और गठबंधन के बीच होगा। मतलब जनता का साथ उन्हें मिलेगा। विपक्ष की किसी पार्टी में भाजपा से अकेले लड़ने का साहस नहीं बचा है। ये किसी भी दशा में समझौता करने को बेकरार हैं। राम मंदिर मामले पर चल रही अटकलों पर मोदी ने विराम लगाते हुए कहा कि फिलहाल सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी। कानूनी प्रक्रियाओं के बाद ही अध्यादेश पर फैसला हो सकता है। वर्तमान परिस्थिति में मोदी का यह कथन एक मात्र उचित विकल्प है। उनकी सरकार का राजसभा में बहुमत नहीं है।
तीन तलाक की मुद्दे पर सरकार की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। ऐसे में वह राममंदिर पर कानून नहीं बना सकती है। अध्यादेश की अवधि भी छह महीने होती है। समाज मे होने वाले तनाव की भी समस्या रहेगी। ऐसे में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना बेहतर विकल्प है।
मोदी ने नोटबन्दी के निर्णय को सही बताया। इसके लागू होने से एक साल पहले उन्होंने कहा था कि ब्लैक मनी की स्कीम का फायदा उठाएं, लेकिन बहुत कम लोग आगे आए। लिहाजा यह फैसला लेना पड़ा। ढाई लाख मुखौटा कम्पनियाँ पकड़ी गईं।जीएसीटी को यूपीए सरकार के समय लागू हो जाना चाहिए था, लेकिन उसमें इच्छाशक्ति नहीं थी। मोदी सरकार ने इसके लिए सहमति बनाई। जीएसटी पर सभी दल एक मत थे, उसके बाद इसे लागू किया गया। पहले चालीस प्रतिशत तक टैक्स लगता था। आज पांच सौ से ज्यादा चीजों पर जीरो टैक्स लगता है। फीडबैक और संवाद के बाद नया निर्णय लिया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल में सभी राज्य सरकारें हैं। सब मिलकर निर्णय करते हैं।
काले धन की सामानांतर अर्थव्यवस्था को नोटबंदी ने खत्म किया है। कांग्रेस सरकार ने गलत तरीके से लोन प्रदान किए। कई एनपीए अकाउंट को यूपीए शासनकाल में छुपाकर रखा गया था। मोदी सरकार ने 2015 में एसेट क्वॉलिटी रिव्यू किया था। कॉरपोरेट को लोन वापस करने के लिए मजबूर किया।
गरीबों के लिए चलाई गई योजनाओं की बात करें तो इस मामले में भी यूपीए के मुकाबले मोदी सरकार का पड़ला बहुत भारी है। सरकार लोगों को सस्ते घर बनवाकर भी दे रही है, घर खरीदने में सहायता भी दे रही है। लाखों की संख्या में गरीब लोग इससे लाभान्वित हुए हैं।
लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत उनकी पूरी शिक्षा और अट्ठारह वर्ष की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था भी सुनिश्चित है। ये योजना बालिकाओं और उनके माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है, जिसमें छोटे निवेश पर ज्यादा ब्याज दर का इंतजाम है।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत गरीबों के लिए करोड़ो की संख्या में शौचालय बनाए गए। गरीब परिवार की महिलाओं को केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क एलपीजी कनेक्शन दिए जाने की व्यवस्था है। उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ गरीब परिवारों के एलपीजी कनेक्शन दिए गए जिससे महिलाओं की सेहत की सुरक्षा हो सके तथा जीवनस्तर में सुधार आ सके।
अब तक इस स्कीम के तहत पांच करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। मोदी सरकार की अकेली इस योजना ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाली महिलाओं की अब जीवन के प्रति नजरिया ही बदल कर रखा दिया है। आने वाले कुछ सालों में भारत विकासशील देश के ठप्पे को मिटाकर विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो जाएगा। भारत न्यू इंडिया में परिवर्तित हो रहा है।
सरकार ने दस तरह के स्टार्टअप को टैक्स से छूट दी है। प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना छोटे और मझोले कारोबारियों को आर्थिक मदद देकर उनके व्यापार में सहयोग करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत पचास हजार रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का बैंकों से उधार देने की व्यवस्था है। इस योजना ने छोटे कारोबारियों की दुनिया रोशन कर दी है। इस योजना के तहत अबतक सिर्फ इस साल करीब दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि लोगों को जारी भी हो चुकी है। करीब चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है।
आठ करोड़ से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा चुके हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना आजादी के बाद से अबतक देश में गरीबों को बैंकों से दूर रखा गया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस अन्याय को मिटाने का काम किया है। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत उन्होंने गरीबों को बैंकों में मुफ्त में खाता खोलने का मौका दिया है। इस स्कीम के तहत अबतक करीब तीस करोड़ नए खाताधारक बैंकिंग सिस्टम में जुड़े हैं, जिन्होंने इससे पहले बैंक का मुंह नहीं देखा था।
ये योजना जहां एक तरफ गरीबों को सशक्त करने का काम कर रही है, वहीं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के चलते भ्रष्टाचार के एक बहुत बड़े रास्ते को सरकार ने हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया है। इन खातों में आज के दिन लगभग पैसठ हजार करोड़ रुपये जमा हैं। करीब एक लाख करोड़ रुपये के गबन छिद्र बन्द हो गए हैं।
2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार ने नई फसल बीमा योजना लागू की। बीमा लेने वाले किसानों की संख्या आठ गुना बढ़ चुकी है। जाहिर है कि नरेंद्र मोदी आम चुनाव में अपनी उपलब्धियों पर ही जोर देंगे। कांग्रेस राफेल को मुद्दा बनाना चाहती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट, वायु सेना और फ्रांस तक में उसे फजीहत का सामना करना पड़ा। अगस्ता वेस्टलैंड और नेशनल हेराल्ड में कांग्रेस हाईकमान की गर्दन फंसी है। राफेल-राफेल चिल्लाने से उसका बचाव नहीं होगा।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)