नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आइडी में समाहित होगी। निश्चित रूप से वर्तमान स्वस्थ्य सेवाओं को अगले लेबल तक ले जाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
सेहत से बड़ी कोई चीज नहीं। कहा जाता है कि एक सेहतमंद इंसान अपनी मेहनत से जिस प्रकार अपने परिवार को खुशहाल जिंदगी देता है उसी तरह एक सेहतमंद समाज अपने देश और उसकी व्यवस्था को एक नई उंचाई तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण जरिया हो सकता है। इस कारण स्वास्थ्य का विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यप्रणाली में भी प्रमुखता से भलीभांति नजर आती है।
देश के विकास के लिए प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों के सामने डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान यह दर्शाता है कि वह दूरदर्शी जननायक हैं और सर्वांगीण विकास के अपने वादे पर अटल हैं।
लाल किले की प्राचीर से डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के नाम कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। ये है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन।
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी। आपके हर टेस्ट, हर बीमारी, आपको किस डॉक्टर ने कौन सी दवा दी, कब दी, आपकी रिपोर्ट्स क्या थीं, ये सारी जानकारी इसी एक हेल्थ आइडी में समाहित होगी। निश्चित रूप से वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं को अगले लेबल तक ले जाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
एक तरह से नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन देश की स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की एक महत्वपूर्ण कवायद है। इस मिशन के माध्यम से डिजिटल रूप में देश के हर नागरिक को हेल्थ कार्ड मुहैया कराया जाना है जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारियां सिलसिलेवार तरीके से पंजीकृत हों। जिनको समय-समय पर अपडेट भी किया जाता रहेगा। इसके अलावा इस कार्ड में यह भी दर्ज होगा कि व्यक्ति ने कब क्या जांच करवाई और कहां किस बीमारी का इलाज करवाया।
योजना की खासियत को विस्तार से समझा जाए तो योजना को कई फीचर में बांटा जा सकता है। पहले फीचर की बात करें तो इसके तहत हेल्थ आईडी, हेल्थ रिकॉर्ड्स, डिजी डॉक्टर और हेल्थ फैसिलिटी की सुविधाएं मिलेंगी। योजना के तहत ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन की सुविधा भी मिलेगी जिससे मरीजों या बुजुर्गों की दवाओं आदि की खरीद में दूसरों पर निर्भरता कम रहेगी।
अन्य फीचर की बात करें तो वो है पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, जिससे किसी भी बीमारी का इलाज करते समय संबंधित डॉक्टर को एक ऐप की मदद से मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री पता चल जाएगी जिससे डॉक्टर को इलाज करने में आसानी होगी।
इससे मरीज को किन दवाओं से एलर्जी आदि है, यह सब डॉक्टर को पहले से ही पता चल सकेगा। मरीज कब किस बीमारी से पीड़ित हुआ, कब कहां किस बीमारी का इलाज कराया ये तमाम जानकारियां यहां तारीख के साथ मौजूद होंगी। डॉक्टर ने कौन सी दवा लिखी, कौन कौन से टेस्ट हुए और उनके नतीजे क्या रहे यह भी यहां उपलब्ध रहेगा।
डॉक्टर के पास अप्वाइंटमेंट लेने के लिए बस मरीज को हेल्थ कार्ड के यूनिक नंबर की जरूरत पड़ेगी। मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री देखने के लिए डॉक्टरों को भी कम समय में सटीक जानकारी मिल सकेगी।
इसके अलावा एक और फीचर होगा डिजी डॉक्टर। यानी इस सुविधा के जरिए देशभर के निजी और सरकारी डॉक्टर खुद को यहां रजिस्टर्ड करा सकेंगे। एक अन्य फीचर यानी टेलीमेडिसिन की सुविधा होने से इस प्लेटफार्म पर रजिस्टर्ड किसी भी डॉक्टर से ऑनलाइन इलाज कराना संभव हो सकेगा जो आज के जमाने की एक महत्वपूर्ण मांग है।
ई-फार्मेसी की सुविधा भी इस योजना को महत्वपूर्ण बनाती है जिसके जरिए ऑनलाइन दवाओं की खरीद आसान हो जाएगी। यही नहीं, डॉक्टर की फीस जमा करने, अस्पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ जैसी समस्याओं से भी आम जनता को कई मायनों में निजात मिल जाएगी।
हालांकि योजना के शुरुआती दौर में हेल्थ आईडी, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड्स, डिजी डॉक्टर और हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री की सुविधा मिलेगी। जबकि टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी की सुविधाओं को बाद में जोड़ा जाएगा।
इस तरह हर नागरिक सेहत के स्तर पर भी स्वतंत्र और आत्म निर्भर रहेगा। यही नहीं, इस सुविधा के लागू हो जाने से हेल्थ जगत में चल रहे तमाम तरह के फ्रॉड कार्यों पर भी नजर रखी जा सकेगी। फर्जी मेडिकल एजेंट, नकली दवाओं का व्यापार, फर्जी तरीकों से मरीजों के परिवार से पैसा वसूली आदि पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
समय के साथ इस मिशन में जांच सेंटर, क्लीनिक, अस्पताल और डॉक्टर सभी को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इस योजना का लाभ उन लोगों को ज्यादा मिलेगा जो दूर दराज इलाकों में रहते हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद कम हैं।
इस तरह निश्चित रूप से केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया के तहत भारतीय नागरिकों की एक बहुत बड़ी समस्या को दूर करने के प्रयास में है जो कई मायनों में समाज और देश के उत्थान में कारगर साबित होगी।
(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)