राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिए गए अनेक विकास संबंधी निर्णयों की ही एक कड़ी है, जिससे बिना भेदभाव के शहरी व ग्रामीण युवाओं को रोजगार पाने के सुगम अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी एवं ऐतिहासिक सुधार लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा और उनके भविष्य की नींव रखेगा। मोदी सरकार राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये आवंटित करेगी।
ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में सरकारी नौकरी के लिए इच्छुक उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है तथा उम्मीदवारों को भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
उम्मीदवारों को इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां भी तय करनी पड़ती हैं और तारीख एक सी हो जाएँ तो परीक्षार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिसमें कई बार एग्जाम छूट भी जाते हैं।
गौरतलब है कि ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ डालती हैं, जिसमें बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था संबंधी मुद्दे भी शामिल हैं। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित कराएगी।
एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एनआरए गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन करेगा जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है।
गौरतलब है कि इस एजेंसी का प्रस्ताव मोदी सरकार के 2020 के बजट भाषण के दौरान ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किया गया था। प्रस्तावित एनआरए वर्ष में दो बार सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) का आयोजन करेगी जो सेकेंड्री, सीनियर सेकेंड्री और स्नातक स्तरों पर आयोजित कराई जाएगी।
सामान्य योग्यता परीक्षा में सम्मिलित होने वाले उम्मीदवारों को राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी द्वारा जारी किए गए स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे तथा प्रत्येक उम्मीदवार को अपने स्कोर में सुधार करने के लिए दो अतिरिक्त मौके भी मिलेंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को ही उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा।
एनआरए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के समान होगा, जो पूरे देश में मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित कराता है। बहरहाल, सामान्य योग्यता परीक्षा केन्द्रों को देश के प्रत्येक जिलों में सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें भी मुख्यतः 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष बल दिया जाएगा जिससे दूरदराज के उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट ही परीक्षा केन्द्र सुनिश्चित हो सकेंगे।
इस कदम से लागत व सुरक्षा के संबंध में व्यापक लाभ होंगे। इस प्रस्ताव की सफलता से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों को भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा और भविष्य में ग्रामीण युवाओं को भी केन्द्र सरकार की नौकरियों में प्रतिनिधित्व मिलेगा जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे तथा युवाओं की जिंदगी सरल हो जाएगी।
सीईटी के माध्यम से खासकर गरीब वर्ग के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। क्योंकि वर्तमान में उम्मीदवारों को बहु-एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं में बैठना पड़ता है और परीक्षा शुल्क के साथ ही उम्मीदवारों को यात्रा, रहने-ठहरने जैसे अन्य अतिरिक्त व्यय भी उठाने पड़ते हैं। इसलिए सीईटी सरीखे एकल परीक्षा से काफी हद तक परीक्षार्थियों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिला उम्मीदवारों के लिए भी यह सुखद कदम सिद्ध होगा। उन्हें अब अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होने के लिए परिवहन और ठहरने की समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। दूरस्थ स्थानों पर स्थित परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने के लिए भी महिला उम्मीदवारों के समक्ष सुरक्षा का विषय रहता है। प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों की उपस्थिति से महिला उम्मीदवारों की इस समस्या पर भी रोक लगेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने सीईटी के तहत अनेक राज्यों में रहने वाले देशवासियों को उनकी भाषाओं में परीक्षा आयोजित कराने तथा देश के विभिन्न हिस्सों के उम्मीदवारों को चयनित होने के समान अवसर उपलब्ध कराने भी जोर दिया है।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन का निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिए गए अनेक विकास संबंधी निर्णयों की ही एक कड़ी है, जिससे बिना भेदभाव के शहरी व ग्रामीण युवाओं को रोजगार पाने के सुगम अवसर उपलब्ध होंगे।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं।)