योगी राज में तकनीकी की नींव पर खड़ा होता नया उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही तकनीकी के महत्व को समझ लिया था और इसीलिए कोविड की अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में भी वो अपने पोर्टल्स, एप और सोशल मीडिया हेल्प डेस्क द्वारा कठिन लड़ाई को भी बेहद मजबूती से लड़ती रही। इसी दौरान सरकार ने कई ऐसी प्रतियोगिताएं भी करवाईं जिनमें पॉलिटेक्निक-आईटीआई के ऐसे छात्रों ने भाग लिया था जिन्होंने रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान करने वाले इनोवेशन किए थे। सुखद बात ये है कि योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी तकनीकी से जुड़े प्रयोगों को स्वीकार करने से बिल्कुल नहीं हिचक रही।

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जब उत्तर प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने एक्सिलेंस इन गवर्नमेंट प्रोसेस रिइंजीनियरिंग फॉर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के तहत कैटेगरी-1 के लिए गोल्ड मेडल दिया था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि पेपरलेस हो चुका मुख्यमन्त्री कार्यालय और ई-गवर्नेस की ओर तेजी से बढ़ रही उत्तर प्रदेश सरकार अपनी इसी ‘ई-गवर्नेंस मॉडल’ को डिजिटल होते जा रहे उत्तर प्रदेश की नींव का ईंट बना लेगी।

योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही तकनीकी के महत्व को समझ लिया था और इसीलिए कोविड की अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में भी वो अपने पोर्टल्स, एप और सोशल मीडिया हेल्प डेस्क द्वारा कठिन लड़ाई को भी बेहद मजबूती से लड़ती रही। इसी दौरान सरकार ने कई ऐसी प्रतियोगिताएं भी करवाईं जिनमें पॉलिटेक्निक-आईटीआई के ऐसे छात्रों ने भाग लिया था जिन्होंने रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान करने वाले इनोवेशन किए थे।

सुखद बात ये है कि योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी तकनीकी से जुड़े प्रयोगों को स्वीकार करने से बिल्कुल नहीं हिचक रही। खुद मुख्यमंत्री योगी चाहते हैं कि अधिक से अधिक लेटेस्ट तकनीक के उपयोग पर जोर दिया जाए जिससे पूरी व्यवस्था पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बन सके।

विभिन्न विभागों ने इस पर काम करना शुरू भी कर दिया है। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग Startup Schemes in UP को ना केवल तेज करने जा रहा है बल्कि युवाओं को रोजगार मिल सके, इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर स्टार्टअप्स और हर मंडल स्तर पर इंक्यूबेशन सेंटर खुलने जा रहे हैं।

स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए सॉफ्टवेयर भी बनाया जायेगा। IT उच्च पदस्थ लोगों और जनसामान्य के बीच संवाद के लिए एक सेतु का निर्माण कर सकता है, ये तर्क स्थापित होते ही योगी 2.0 में समाज कल्याण विभाग से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक की योजनाओं में अब तकनीकी पक्ष पर जोर दिया जाने लगा है।

कल उत्तर प्रदेश ने तकनीकी की दुनिया में एक कीर्तिमान रच दिया। उत्तर प्रदेश में रिटायरमेंट के बाद अब किसी भी सरकारी कर्मी को परेशान नहीं होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसी व्यवस्था बना दी गई है कि रिटायरमेंट के तीन दिन के अंदर ही सभी सरकारी कर्मियों का पेंशन पेमेंट आर्डर जारी होने के साथ ही भुगतान कर दिया जायेगा। इस तकनीकी सुविधा को उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘ई-पेंशन पोर्टल’ नाम दिया है। सीनियर सिटीजन को ध्यान में रखते हुए इस पोर्टल को ऑनलाइन डैशबोर्ड द्वारा पूर्ण रूप से अनुरक्षित भी किया गया है।

इससे प्रदेश के 11.50 लाख कार्मिक सीधे-सीधे लाभान्वित हो रहे है। बड़ी बात ये है कि कभी बीमारु राज्य समझा जाने वाला उत्तर प्रदेश, देश का अब ऐसा पहला राज्य बन गया है, जो अपने पेंशन धारकों को यह सुविधा प्रदान करने जा रहा है। अब ये नया डिजिटल उत्तर प्रदेश भारत के साथ-साथ विश्व के लिए प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स का केंद्र बन रहा है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)