भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक ने आज यहां ओडिशा में सिंचाई के आधुनिकीकरण और जल प्रबंधन सुधार के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह ऋण ओडिशा एकीकृत सिंचाई कृषि तथा जल प्रबंधन निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत 157.5 मिलियन डॉलर की वित्तीय सुविधा का दूसरा भाग है। इस राशि का इस्तेमाल सात सिंचाई उप-परियोजनाओं को आधुनिक बनाने के लिए किय़ा जाएगा। आधुनिकीकरण से 100,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की स्थिति सुधरेगी, जल उपयोगकर्ता संघ (डब्ल्यूयूए) सुदृढ़ होंगे तथा ओडिशा के जल संसाधन विभाग की संस्थागत क्षमता बढ़ेगी। निवेश के लिए चयनित क्षेत्र हैं वेतरणी, ब्राहम्णी, बुढ़ाबालंगा, सुबर्णरेखा नदी बेसिन तथा महानदी डेल्टा। ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थान), आर्थिक मामलों के विभाग श्री राजकुमार तथा एशिया विकास बैंक की भारत रेजिडेंट मिशन की कंट्री डायरेक्टर सुश्री एम. टेरेसा खो ने हस्ताक्षर किए। एक अलग परियोजना समझौते पर ओडिशा सरकार के जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री पी.के जेना ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री राजकुमार ने कहा कि कृषि भारत और विशेषकर ओडिशा के लिए प्राथमिकता क्षेत्र है, क्योंकि इसमें रोजगार सृजन और समावेशिता और सतत आर्थिक विकास में योगदान की काफी संभावना है। परियोजना का उद्देश्य वर्तमान सिंचाई संरचना, परिचालन तथा रखरखाव मे सुधार करना और जल उपयोग क्षमता में सुधार करना है ताकि कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सके।
एडीबी के भारत रेजिडेंट मिशन की कंट्री डायरेक्टर सुश्री एम. टेरेसा खो ने कहा कि निवेश कार्यक्रम से भागादारी मूलक सिंचाई प्रबंधन का महत्व उजागर होता है और इस कार्यक्रम से जल उपयोगकर्ता संघों को नियोजन, निर्माण, परिचालन तथा सरकार के बराबर के सहयोगी के रूप में सिंचाई प्रणालियों के रखरखाव को समर्थन मिलेगा।
एडीबी के साधारण पूंजी संसाधनों से मिलने वाले ऋण के दूसरे भाग की अवधि 20 वर्ष की है। ओडिशा अपने जल संसाधन विभाग के माध्यम से दूसरे भाग की गतिविधियों तथा समग्र कार्यक्रम को लागू करने के लिए उत्तरदायी है। इस कार्यक्रम के दोनों भागों को सितंबर, 2018 तक पूरा करना है।
स्त्रोत:pib.nic.in