प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चुनावी ऐजेंडे में जिन चीजों को शामिल किया गया था, शपथ के पहले दिन से उन सभी पर पूरी निष्ठा से काम किया जा रहा है। अच्छे दिनों का जो नारा मोदी ने देश को दिया था, वह उसे जमीन पर कर्यान्वित करने की दिशा में भी पूरी तरह से कार्यरत दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष की शुरुआत में कहा था कि उनका सपना है कि २०२२ तक देश में सबका अपना घर हो। इस दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत उनके द्वारा पिछले वर्ष में ही की जा चुकी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में रह रहे सभी बेघर या जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता देने का है ताकि देश का कोई भी नागरिक बेघरी का शिकार न हो।
गौर करें तो प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य साल 2016-17 से 2018-19 तक तीन सालों तक सभी को घर देना है। इस योजना पर केंद्र की सरकार की ओर से 81975 रुपये खर्च किए जाएंगें। गत दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले में कहा गया था कि परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से 2018-19 के कालखंड में एक करोड़ घरों को पक्का बनाने के लिए मदद प्रदान की जाएगी। यह योजना लगभग ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे भारत में लागू की जाएगी। कैबिनेट का कहना है कि मकानों की क़ीमत केंद्र और राज्यों के बीच बांटी जाएगी।
अमूमन एक आम इंसान अपनी पूरी जिंदगी सिर्फ छत को पाने के लिए कौड़ी-कौड़ी रुपए जमा करता है, लेकिन जब वह उस जमा-पूंजी से घर खरीदने जाता तो पता चलता है कि मकान के दाम बढ़ गए है। इस स्थिति में वह टूट जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना से किसी भी इंसान का सपना अधूरा नहीं रहेगा। गौर करें तो प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य साल 2016-17 से 2018-19 तक तीन सालों तक सभी को घर देना है। इस योजना पर केंद्र की सरकार की ओर से 81975 रुपये खर्च किए जाएंगें। गत दिनों कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले में कहा गया था कि परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2016-17 से 2018-19 के कालखंड में एक करोड़ घरों को पक्का बनाने के लिए मदद प्रदान की जाएगी। यह योजना लगभग ग्रामीण क्षेत्रों में पूरे भारत में लागू की जाएगी। कैबिनेट का कहना है कि मकानों की क़ीमत केंद्र और राज्यों के बीच बांटी जाएगी।
इस आवास योजना के अंतर्गत उन लोगों को तो मिलेगा ही जिनके पास घर नहीं है बल्कि इसका फायदा उन लोगों को भी मिलेगा जिनके पास केवल प्लॉट है, मगर वे मकान बनाने की स्थिति में नहीं हैं तो उन्हें बैंक से कम ब्याज पर लोन दिलवाया जाएगा। अभी होता ये है कि बैंकों द्वारा ऋणधारियों को पहले सब्जबाग दिखाकर औने-पौने के बजाय लाखों रुपए सिर्फ ब्याज के नाम पर वसूलने पर भी रोक लगेगी। क्योंकि अकसर ऐसा होता है कि लोग बैंक से ऋण लेकर घर तो बना लेते है लेकिन फिर ब्याज की भारी-भरकम दरें भरने में उन्हें बेहद मुश्किलों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस योजना के तहत अब केंद्र सरकार आपको घर तो दिलाएगी ही, ज्यादा ब्याज भरने से निजात भी दिलाएगी। इस योजना के तहत सरकार कमजोर आय वर्ग वालों को 30 वर्गमीटर और अल्प आय वर्ग वालों को 60 वर्गमीटर का मकान बनाकर देगी। उसका जो भी खर्च आएगा, उसके लिए बैंक से कम से कम ब्याज दर पर लोन दिलवाएगी। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार की ओर से इस कर्ज की रकम का कुछ हिस्सा खुद भी चुकाया जाएगा। यानी आम आदमी के लिए हर तरह से राहत ही राहत होगी।
उपर्युक्त सब बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रावधान विशेष रूप से देश के गरीब और बेघर तथा कम आय वर्ग वाले लोगों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, ताकि उन्हें इस योजना का अधिकाधिक लाभ मिल सके और उनके सिर पर छत का साया आ सके। और जिस तरह से इस योजना को रफ्तार दिया जा रहा है, उससे तो ऐसा लग रहा है कि जल्द-ही यह योजना अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त भी कर लेगी।
(ये लेखिका के निजी विचार हैं।)