मोदी ने कहा कि हमारे लिए कर्जमाफी का फैसला लेना कोई मुश्किल काम नहीं था। हम भी रेवड़ी बांट देते। लेकिन ऐसा करना पाप है। सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ही करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिससे तीन चार दशक से लंबित सभी परियोजनाएं पूरी हो सकें। देश की निन्यानवे ऐसी परियोजनाएं चुनी थीं, इनमें से सत्तर से ज्यादा पूरी होने की स्थिति में आ गई हैं। ये वो काम है जो किसानों की आने वाले कई पीढ़ियों को लाभ देने वाला है।
आज प्रधानमंत्री मोदी ने गोरखपुर में किसान क्रांति रैली को संबोधित तथा कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया। उनकी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान योजना की घोषणा की थी। इसके अंतर्गत दो हेक्टेयर तक जोत वाले बारह करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को सालाना छह हजार रुपये की नकद सहायता देने की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत गोरखपुर से की। किसानों के कल्याण की यह अभूतपूर्व योजना है। मोदी ने कहा कि जिन किसानों को आज पहली किश्त नहीं मिली है, उन्हें आने वाले हफ्तों में पहली किश्त की राशि मिल जाएगी।
सरकार पूरी ईमानदारी से कोशिश कर रही है कि किसानों को सभी संभव संसाधन दिए जाएं, जिससे दो हजार बाइस तक उनकी आय को दोगुनी हो जाये। इस योजना के तहत हर साल पचहत्तर हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में सीधा पहुंचने वाले हैं। मोदी ने कहा कि अब तक देश के एक करोड़ एक लाख किसानों के बैंक खातों में इस योजना की पहली किश्त ट्रांसफर करने का सौभाग्य मुझे मिला है।
इन किसानों को दो हजार इक्कीस करोड़ रुपए अभी ट्रांसफर किए गए हैं। करोड़ों पशुपालकों, दूध के व्यवसाय से जुड़े किसान परिवारों और मत्स्य पालन और उसके व्यवसाय से जुड़े बहन-भाइयों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा जोड़े गए हैं।
मोदी ने किसानों की सूची सरकार को न भेजने वाले राज्यों को चेतावनी दी। वस्तुतः ऐसी राज्य सरकारे किसानों का अहित कर रही हैं। उन्हें डर है कि किसान कल्याण योजनाओं का लाभ भाजपा को मिलेगा। विरोधियों ने इस योजना के बारे में संसद में सुना तो सबके चेहरे लटक गए थे। मतलब साफ है विपक्षी पार्टियों को महसूस होने लगा है कि किसान भाजपा के साथ हैं।
मोदी ने विपक्ष पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा आदि को किसान दस साल में एक बार चुनाव के समय याद आता है। फिर इन्हें कर्जमाफी का बुखार चढ़ जाता है। हमने सिर्फ चुनावी वादा पूरा करने के लिए यह योजना नहीं शुरू की है, बल्कि लाल किले से इसकी घोषणा की थी। बजट में इसके लिए धन निर्धारित किया है।
मोदी ने कहा कि हमारे लिए कर्जमाफी का फैसला लेना कोई मुश्किल काम नहीं था। हम भी रेवड़ी बांट देते। लेकिन ऐसा करना पाप है। सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर ही करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जिससे तीन चार दशक से लंबित सभी परियोजनाएं पूरी हो सकें। देश की निन्यानवे ऐसी परियोजनाएं चुनी थीं, इनमें से सत्तर से ज्यादा पूरी होने की स्थिति में आ गई हैं। ये वो काम है जो किसानों की आने वाले कई पीढ़ियों को लाभ देने वाला है।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)