कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के इस बंगाल और झारखण्ड के विकास-केन्द्रित दौरे ने भाजपानीत केंद्र सरकार की विकासवादी राजनीतिक दृष्टि को ही स्पष्ट करने का काम किया है। यह कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है, भविष्य में उनका लाभ झारखण्ड सहित पूरे देश को भी मिलेगा।
गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखण्ड के लिए विकास की कई योजनाओं की आधारशिला रखी और देश-दुनिया को विकासवादी शासन तंत्र का परिचय दिया। झारखंड में उन्होंने 27 हज़ार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को ऑनलाइन आरंभ किया, वहीं पश्चिम बंगाल में शांति निकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में भी शिरकत की। यहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं।
कविवर रवींद्रनाथ टैगोर का शांतिनिकेतन भी आज यादगार लम्हों का साक्षी बन गया। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के बोलपुर में बसे शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। खास बात ये रही कि यहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। मोदी ने यहां बांग्लादेश भवन का उद्घाटन किया।
निश्चित ही यह मोदी सरकार की विकासवादी नीतियों के क्रियान्वयन में एक और पड़ाव है। गुरु-शिष्य परंपरा के लिए प्रख्यात शांति निकेतन में आकर मोदी ने उपस्थित छात्रों से किसी राष्ट्राध्यक्ष नहीं, वरन एक शिक्षामित्र अथवा शुभचिंतक की भांति ही संवाद किया। यह उनके विनम्र व्यक्तित्व का परिचायक है। उन्होंने स्वयं कहा कि मैं यहां एक आचार्य की भांति आया हूं, मुझे मेहमान ना समझा जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने विद्यार्थियों को हुई असुविधा के लिए क्षमा-याचना भी की।
रवींद्रनाथ टैगोर का स्मरण करते हुए वे भावुक हो गए और बोले कि इस पवित्र भूमि पर टैगोर का वास रहा था। यहीं पर उन्होंने साहित्य सृजन किया होगा। प्रधानमंत्री ने अपने जीवन से जुड़ा एक संस्मरण भी साझा करते हुए बताया कि जब वे एक बार तजाकिस्तान की यात्रा पर थे, तो वहां उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के अनावरण का अवसर प्राप्त हुआ था। वहां स्थानीय लोगों के मन में टैगोर के प्रति जो सम्मान देखने को मिला, वह अपने आप में बहुत गौरवपूर्ण अनुभव था।
मोदी ने इस मौके पर टैगोर के विचारों, मान्यताओं को भी उद्धृत करते हुए कहा कि गुरुदेव टैगोर स्वयं इस बात के पक्षधर थे कि हमारे जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित होना चाहिये। वे व्यवहारिक शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे और स्कूली शिक्षा से अलग बाहर के संसार का भी व्यवहारिक ज्ञान छात्रों को दिए जाने के हिमायती थे। यह दीक्षांत समारोह इस अर्थ में भी खास रहा, क्योंकि यहां एक ही समय में दो देशों के प्रधानमंत्री आए। ऐसा अवसर इससे पहले संभवत: नहीं आया था। इस बार दीक्षांत समारोह में करीब 10 हजार विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई।
इसके पश्चात् मोदी झारखंड पहुंचे और झारखंड के धनबाद जिले के बलियापुर में उन्होंने 27000 करोड़ की महत्वपूर्ण जनसरोकार की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें सिंदरी में खाद की फैक्टरी, देवघर में एयरपोर्ट व एम्स और पतरातू में सिटी पाइप लाइन गैस वितरण की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। यहाँ मंच से मोदी ने कहा कि यह भूमि बिरसा मुंडा की धरती है। हमें विश्वास है कि यहां विकास की धारा उन्मुख होगी।
शुक्रवार का दिन झारखंड के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण दिन रहा। उक्त परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री ने राज्य में जन औषधि के ढाई सौ केंद्रों का भी संचालन आरंभ किया। पीएम मोदी को सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोग उमड़े। तेज गर्मी के बावजूद मोदी के भाषण के लिए आम जनता में भरपूर उत्साह देखा गया।
पहले पीएम मोदी ने यहां जो वादे किए थे, वे पूरे कर दिए हैं। धनबाद में आईएसम और आईआईटी कैडर मिलना इस बात का प्रमाण है। झारखंड के दृष्टिकोण से ये परियोजनाएं इसलिए खास मायने रखती हैं, क्योंकि इनके पूरे होने से न केवल यहां रोजगार के रास्ते खुलेंगे और युवाओं का पलायन थमेगा बल्कि लोगों के जीवन-स्तर में भी बदलाव आएगा।
पतरातू पॉवर प्लांट के स्थापित होने के बाद बिजली को लेकर राज्य आत्मनिर्भर बनेगा। देवघर में एम्स खुल जाने के बाद अब अवाम को उचित इलाज के लिए अन्य राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा। यहां हवाई अड्डा बनाए जाने को लेकर केंद्र सरकार का स्पष्ट लक्ष्य स्थानीय तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देना है। इस क्रम में देवघर में एयरपोर्ट की आधारशिला रखी गई। सिंदरी कारखाने से राज्य में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के इस बंगाल और झारखण्ड के विकास-केन्द्रित दौरे ने भाजपानीत केंद्र सरकार की विकासपरक दृष्टि को ही स्पष्ट करने का काम किया है। यह कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है, उनका लाभ झारखण्ड सहित पूरे देश को भी मिलेगा।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)