पहले जिस यूपी में आने से कतराते थे निवेशक, अब निवेश के लिए सबसे सुगम प्रदेशों में है शामिल!

जो उत्तर प्रदेश कभी उद्यमियों के लिए भय-दहशत का पर्याय रहा हो, वहां पर आज इतनी बड़ी निवेश परियोजनाओं का आगमन किसी चमत्कार से कम नहीं है। पिछली सरकारों के समय उत्तर प्रदेश में अराजकता और भ्रष्टाचार का तंत्र स्थापित था, ऐसे में निवेशक यहाँ आने से लगातार कतराते रहे। लेकिन जब से प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कार्यभार संभाला है, इसके बाद से अब स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश देश के उन 5 राज्यों की सूची में है जहाँ निवेश करना सबसे सुगम है।

गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के विकास को गति देते हुए विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। राजधानी लखनऊ में सर्वप्रथम उन्होंने स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत योजना से जुड़ी 3897 करोड़ रूपए की 99 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के औद्योगिक निवेश का शुभारंभ करते हुए और 60 हज़ार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की नींव रखी।

देखा जाए तो जो उत्तर प्रदेश कभी उद्यमियों के लिए भय-दहशत का पर्याय रहा हो, वहां पर आज इतनी बड़ी निवेश परियोजनाओं का आगमन किसी चमत्कार से कम नहीं है। पिछली सरकारों के समय उत्तर प्रदेश में अराजकता और भ्रष्टाचार का तंत्र स्थापित था, ऐसे में निवेशक यहाँ आने से लगातार कतराते रहे। लेकिन जब से प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कार्यभार संभाला है, इसके बाद से अब स्थिति यह है कि उत्तर प्रदेश देश के उन 5 राज्यों की सूची में है जहाँ निवेश करना सबसे सुगम है।

इस निवेश से उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस 60 हज़ार करोड़ रूपए के निवेश में 51 प्रतिशत पश्चिमाञ्चल, 27 प्रतिशत बुंदेलखंड व मध्यांचल एवं 22 प्रतिशत निवेश पूर्वी उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित किया जायेगा। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के दो लाख से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

साभार : पीआईबी

यह सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त नीतियों से निवेशकों के भीतर यह विश्वास जगाया कि अब उत्तर प्रदेश ही वह राज्य है जो उद्योग के लिए उद्यमियों के सपनों का प्रदेश होगा। ज्ञात हो कि इसी वर्ष फरवरी में उत्तर प्रदेश में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ रूपए के 1045 एमओयू पर हस्ताक्षर होने के महज 5 महीने में ही 60 हज़ार करोड़ रूपये के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू होना प्रदेश की योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी योगी सरकार के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि मुझे पता है कि निवेश के अनुरूप माहौल खड़ा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है और यह आयोजन नेतृत्व की सफलता है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रति बढ़ते भरोसे व उत्साह का प्रतीक है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार पर अक्सर यह आरोप विपक्ष लगाता रहा है कि यह उद्योगपतियों की सरकार है। इस बाबत प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने आलोचकों को आईना दिखाते हुए यह स्पष्ट किया कि कुछ लोग उद्योगपतियों के साथ पर्दे के पीछे तो मिलते हैं और उनके समक्ष साष्टांग दंडवत भी करते हैं, लेकिन सबके सामने मिलने से कतराते हैं। उन्होंने महात्मा गाँधी का उल्लेख करते हुए बताया कि उनका जीवन पवित्र था और उन्हें बिड़ला के साथ रहने में कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। क्योंकि उनकी नीयत साफ़ थी।

इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह देश को बनाने में बैंक, किसान, सरकारी मुलाजिम, मजदूरों की मेहनत कार्य करती है उसी तरह उद्योगपतियों की भी देश निर्माण में महती भूमिका रहती है। केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार के समन्वय का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश समग्र विकास की ओर गतिशील है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्प्णीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)