कई संदर्भों में महत्वपूर्ण रही प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा

ब्रिक्स की स्थापना 2009  में हुई थी। इसके अगले वर्ष दक्षिण अफ्रीका को भी सदस्यता मिली। यह संगठन तीनअरब आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया में इन पाँच देशों ने आपसी सहयोग व समान रुचि वाले अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर साझा प्रयास पर सहमति जताई। साझा घोषणापत्र में बहुपक्षीय व्यवस्था के सुधार पर ज़ोर दिया गया। इसी के साथ नई औद्योगिक साझेदारी विकसित की जाएगी।

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा कई सन्दर्भो में महत्वपूर्ण रही। यहां वह ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए। इसके संयुक्त घोषणापत्र में नरेंद्र मोदी के ही प्रस्तावों को वरीयता मिली। इसके ब्रिक्स सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। जिसमें आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ आदि की वार्ता बहुत उपयोगी साबित हुई।

ब्रिक्स की स्थापना 2009  में हुई थी। इसके अगले वर्ष दक्षिण अफ्रीका को भी सदस्यता मिली। यह संगठन तीनअरब आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। ब्राज़ील की राजधानी ब्रासीलिया में इन पाँच देशों ने आपसी सहयोग व समान रुचि वाले अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर साझा प्रयास पर सहमति जताई। साझा घोषणापत्र में बहुपक्षीय व्यवस्था के सुधार पर ज़ोर दिया गया। इसी के साथ नई औद्योगिक साझेदारी विकसित की जाएगी।

कहा गया कि ब्रिक्स देश विश्व आर्थिक विकास के प्रमुख प्रेरणा स्रोत हैं। इनके बीच व्यापार का विस्तार करना विश्व व्यापारी आवाजाही को मज़बूत करने में योगदान देगा। विज्ञान, तकनीक और नवाचार भविष्य में ब्रिक्स सहयोग के प्रमुख मुद्दों में से अहम है। साथ ही ब्रिक्स देशों के भविष्य के विकास के लिए नई औद्योगिक क्रांति की बड़ी महत्ता भी है। इस में डिजिटल अर्थतंत्र, ई-वाणिज्य और हरित विकास आदि शामिल हैं। ब्रिक्स देश इन सहयोगों से विश्व के दायरे में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएंगे।

नरेंद्र मोदी ने ही ब्रिक्स के बिजनेस फोरम में संगठन का भावी रोडमैप प्रस्तुत किया जिस पर सभी सदस्य सहमत हुए। इस विचार को साझा घोषणापत्र में शामिल किया गया। मोदी ने यह भी कहा कि वह  भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं।

विश्व की आर्थिक व्यवस्था में ब्रिक्स देशों का योगदान पचास प्रतिशत है। मंदी के बावजूद इन देशों ने आर्थिक विकास को गति दी है। व्यापार को आसान बनाने से परस्पर व्यापार और निवेश बढ़ेगा। मानव संसाधन के दोहन और सामाजिक सुरक्षा समझौते का विचार भी यहां मोदी ने ही दिया था।

ब्रिक्स सम्मेलन से इतर नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की। इसमें द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की गई। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अगले वर्ष मई में रूस में होने वाले विजय दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया जिसे मोदी ने स्वीकार कर लिया।

शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोधक सहयोग के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमति बनी। यह प्रस्ताव भी नरेंद्र मोदी ने दिया था। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के साथ भी मोदी की अलग से बैठक हुई। क्षेत्रीय स्तर पर व्यापार की बाधाओं को दूर करने के लिए अगले वर्ष रूसी प्रांतों और भारतीय राज्यों के स्तर का पहला द्विपक्षीय क्षेत्रीय फोरम आयोजित किया जाएगा।

नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर सदस्य देशों के नेताओ से वार्ता की। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो से उनकी मुलाकात में क्षेत्रीय व द्विपक्षीय विषय शामिल थे। दोनों नेताओं ने अर्थव्यवस्था, संपर्क और लोगों के बीच परस्पर संबंधों जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। मोदी ने ब्राजील से संभावित निवेश के क्षेत्रों का उल्लेख किया।

इसमें कृषि उपकरण, पशुपालन, फसल कटाई तकनीक और जैव ईंधन के क्षेत्र आदि शामिल हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। जाहिर है कि नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा बहुत उपयोगी साबित हुई। ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणापत्र में मोदी के विचारों को सर्वाधिक वरीयता दी गई। इसके अलावा रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपतियों से उनकी मुलाकात में द्विपक्षीय संबन्ध बेहतर बनाने पर सहमति बनी।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)