इसी योजना का असर है कि देश में पहली बार राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क का संचालन (एनएसक्यूएफ)-कौशल प्रशिक्षण के परिणामों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क को तैयार किया गया। दिसंबर 2016 तक सभी सरकारी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।
कौशल के पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से जीवंत करने और दुनियाभर में स्किल्ड वर्क फ़ोर्स का रिसोर्स सेंटर बनाने की दिशा में सरकार कौशल विकास और उद्यमिता 2015 नाम से यह स्कीम लेकर आई है। गत दो वर्षों में इस स्कीम का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा निजी तौर पर कौशल प्रशिक्षण वातावरण तैयार किया गया और साझेदारों ने पिछले दो वर्षों में 60,78,999 को प्रशिक्षित किया और तकरीबन 19,273,48 लोगों को रोजगार दिलाया। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने अब तक 80.33 लाख छात्रों को प्रशिक्षित किया। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने अपनी मुहिम में 138 ट्रेनिंग साझेदारों को जोड़ा है। देशभर में 267 प्रशिक्षण साझेदारों को जोड़ा गया। इस दो वर्षों के दौरान सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को समन्वित करके पचास से अधिक कार्यक्रम संचालित किये गए साथ ही सभी मंत्रालयों में एक किस्म की सक्रियता देखी जा रही है।
इसी योजना का असर है कि देश में पहली बार राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क का संचालन (एनएसक्यूएफ)-कौशल प्रशिक्षण के परिणामों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क को तैयार किया गया। दिसंबर 2016 तक सभी सरकारी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत आईटीआई को पुनर्जीवित किया, 1,141 नए आटीआई बनाए गए जिनमें 1.73 लाख सीटें हैं और केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के महानिदेशालय ने 15,000 अनुदेशकों को प्रशिक्षित किया है। सभी राज्यों में स्थित सभी आईटीआई संस्थानों में आईएसओ 29990:2010 प्रमाणन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
पहले आईटीआई प्रशिक्षित छात्रों को बारहवी उत्तीर्ण नहीं माना जाता था। किन्तु अब औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है जिसे 12वीं कक्षा के बराबर माना जाएगा। इसके फलस्वरूप इन कार्यक्रमों की ओर युवा छात्रों का रुझान बढा है। इस कार्यक्रम के अधीन दूरस्थ शिक्षा का ढांचा तैयार किया गया और 18000 से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया । सरकारी आईटीआई संस्थानों के प्रधानाचार्यों में क्षमता निर्माण को लेकर विभिन्न प्रकार प्रशिक्षण दिए गए इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों की शत-प्रतिशत उपयोगिता के लिए उनके साथ साझेदारी की गई है। उद्यमिता के तहत शिक्षकों द्वारा बड़े पैमाने पर ओपेन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) के जरिये 2200 कॉलेजों, 300 स्कूलों, 500 सरकारी आईटीआई संस्थानों, 50 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों को उद्यमिता, शिक्षा एवं प्रशिक्षण मुहैया कराया गया।
नवंबर 2014 में नए मंत्रालय के गठन के साथ ही इसने अपने पहले साल में स्वतः ही एमएसडीई ने गतिशील कौशल पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत कर ली और भारत के कौशल प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र को पुन: जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आम आदमी को इन योजनाओं को लाभ मिले इसके लिए एमएसडीई ने अपनी निगरानी तंत्र को मजबूत किया है और लगातार इनकी निगरानी कर रहा है ताकि योजनाएं कागज़ी न रहकर जमीनी स्तर तक पहुचे और जनता को लाभन्वित करें।