इसबार स्वतंत्रता दिवस से पहले तीन महत्वपूर्ण कार्य हुए। एक तो भारत ने चंद्रयान छोड़ा। इससे पूरे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार हुआ। इस उपलब्धि के बाद हमारी संसद ने एक बार मे तीन तलाक देने पर रोक का विधेयक पारित कर दिया जिससे भारत की मुस्लिम महिलाओं को इस अमानवीय कुप्रथा से आजादी मिली। विश्व के अनेक मुल्क तीन तलाक को पहले ही प्रतिबंधित कर चुके थे। भारत में यह कार्य नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरा किया। मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने के अगले हफ्ते ही जम्मू कश्मीर को अलगाववादी और विकास विरोधी अनुच्छेद-370 से आजादी दिलाई गई। स्पष्ट है कि सरकार के इन क़दमों से इस बार का स्वतंत्रता दिवस विशेष हो गया।
स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक समारोह गरिमापूर्ण होता है। पूरा देश इसमें उत्साह के साथ सम्मलित होता है। यह हमारी राष्ट्रीय परम्परा है। लेकिन इस बार का पन्द्रह अगस्त विशेष कहा जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसकी तैयारी कुछ दिन नहीं बल्कि कई महीनों से चल रही थी।
अबकी स्वतंत्रता दिवस से पहले तीन महत्वपूर्ण कार्य हुए। एक तो भारत ने चंद्रयान छोड़ा। इसने पूरे विश्व में स्वतंत्र भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार हुआ। इस उपलब्धि के बाद हमारी संसद ने एक बार मे तीन तलाक देने पर रोक का विधेयक पारित कर दिया।
इससे भारत की मुस्लिम महिलाओं को इस कुप्रथा से आजादी मिली। विश्व के अनेक मुल्क तीन तलाक को पहले ही प्रतिबंधित कर चुके थे। यह कार्य नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरा किया। मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने के अगले हफ्ते ही जम्मू कश्मीर को अलगाववादी और विकास विरोधी अनुच्छेद-370 से आजादी दिलाई गई। स्पष्ट है कि सरकार के इन क़दमों से इस बार का स्वतंत्रता दिवस विशेष हो गया।
स्वतंत्रता दिवस को प्रतिवर्ष उत्साह के साथ मनाने के पीछे बड़ा उद्देश्य होता है। एक तो यह देश का राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन हमारा देश आजाद हुआ था। इसलिए राष्ट्रीय पर्व को पूरे उत्साह के साथ मनाना हम लोगों का राष्ट्रीय, नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है।
इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने का दूसरा उद्देश्य यह है कि इस दिन हम लोग अपने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का स्मरण करें, और उनके जीवन से प्रेरणा लें। यह भी हमारे और देश के लिए जरूरी है। क्योंकि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत संघर्ष के बाद यह आजादी दिलाई है। इस आजादी को सुरक्षित रखना, और देश के विकास में अपना योगदान देना, यह सब वर्तमान पीढ़ी को करना है।
आज के दिन हमको स्वतंत्रता संग्राम पर भी विचार करना चाहिए। देश का पहला स्वतंत्रता संग्राम अठारह सौ सत्तावन में हुआ था। लेकिन उसमें भारत के भीतर ही फूट थी, कुछ लोग अंग्रेजो का साथ दे रहे थे। इसलिए भारत का यह स्वतंत्रता संग्राम सफल नहीं हुआ। अंग्रेजो को फूट डालो और राज करो की नीति बनाने का मौका मिला। उन्होंने इसी के बल पर भारत पर इतने समय तक राज किया।
लेकिन जब भारत ने गांधीजी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का सन्देश दिया, अहिंसक विरोध किया, तब अंग्रेजो को भारत छोड़कर जाना पड़ा। इन बातों से हमको सबक मिलता है कि हम लोग एकता की भावना से रहेंगे तो देश का भला होगा, देश मजबूत बनेगा यदि हमलोगों के बीच नफरत होगी तो देश कमजोर होगा। इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर हमको देश के हित में कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)