डिफेंस एक्सपो 2020 : रक्षा क्षेत्र में नए भारत के सामर्थ्य और समृद्धि का प्रतीक

डिफेंस एक्सपो से देश के शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन हुआ है। यह आयोजन भारत के शौर्य, पराक्रम और गौरव का महाकुम्भ सिद्ध हुआ। राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से मिलकर इस कार्य को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। निवेश के एमओयू उत्साहजनक रहे हैं। यह आयोजन अनेक दृष्टि से अभूतपूर्व साबित हुआ। पहली बार चालीस देशों के रक्षा मंत्री शामिल हुए, सत्तर देशों की सहभागिता रही, तीन हजार विदेशी तथा दस हजार भारतीय प्रतिनिधि शामिल हुए।

करीब ढाई वर्षों में ही अनेक विश्व स्तरीय आयोजनों में योगी सरकार ने अपना कौशल प्रमाणित किया है। इस सूची में डिफेंस एक्सपो भी शामिल हुआ। जिस प्रकार पिछले प्रयागराज कुम्भ में सर्वाधिक श्रद्धालु आये थे, उसी प्रकार यह अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो था। शामिल होने वाले प्रतिनिधियों, प्रदर्शनी,सेमिनार,समझौते आदि की दृष्टि से यह अभूतपूर्व था। इसी के अनुरूप यहां अब तक के सर्वश्रेष्ठ इंतजाम भी किये गए थे। जिसकी प्रशंसा यहां पहुंचे विदेशी मेहमानों ने भी की।

साभार : न्यूज़ नेशन

योगी आदित्यनाथ ने दावे के साथ कहा कि डिफेंस एक्स्पो के सफल आयोजन के बाद उत्तर प्रदेश की क्षमता पर कोई प्रश्न नहीं लगा सकता। ढाई वर्ष में प्रदेश सरकार ने अनेक सफल आयोजन किए हैं। प्रत्येक आयोजन को सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचाया गया।

दो वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किया गया था जिसमें सर्वाधिक लाखों करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे। इसके छह महीने के अन्दर प्रथम ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से पैसठ हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव का शिलान्यास भी करा दिया गया। अब तक प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है।

इस क्रम में गत वर्ष प्रयागराज कुम्भ आयोजित किया गया। इसमें सर्वाधिक करीब पच्चीस करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया। इस बार के प्रयागराज कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था के मानक स्थापित किए। इसके इतर पहली बार राष्ट्रीय राजधानी या किसी राज्य की राजधानी के बाहर काशी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया। इसमें साढ़े सात हजार से अधिक अप्रवासी भारतीयों की भागीदारी रही।

गत वर्ष द्वितीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी भी आयोजित की गई। गत माह में लखनऊ में तेईसवां राष्ट्रीय युवा उत्सव आयोजित किया गया जिसमें पूरे देश के सात हजार से अधिक युवाओं की भागीदारी रही। इस दौरान सातवाँ राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ भारत प्रक्षेत्र सम्मेलन आयोजित किया गया। गंगा जी की आस्था को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए गंगा यात्रा निकाली गई।

डिफेंस एक्सपो से देश के शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन हुआ है। यह आयोजन भारत के शौर्य, पराक्रम और गौरव का महाकुम्भ सिद्ध हुआ। राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से मिलकर इस कार्य को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। निवेश के एमओयू उत्साहजनक रहे हैं। यह आयोजन अनेक दृष्टि से अभूतपूर्व साबित हुआ। पहली बार चालीस देशों के रक्षा मंत्री शामिल हुए, सत्तर देशों की सहभागिता रही, तीन हजार विदेशी तथा दस हजार भारतीय प्रतिनिधि शामिल हुए।

साथ ही, पहली बार डिफेंस एक्स्पो में इण्डो अफ्रीकन डिफेंस मिनिस्टर्स कान्क्लेव आयोजित हुआ। इसमें आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए लखनऊ डेक्लरेशन’ अडॉप्ट किया गया। इसके तहत इन्फार्मेशन, इण्टेलीजेन्स तथा सर्विलांस शेयरिंग के लिए सहयोग को बढ़ाया जाएगा।

इस आयोजन ने मित्र देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ बात करने का एक मंच प्रदान किया। इस आयोजन से भारत रक्षा क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर होगा, बल्कि बड़ा निर्यातक भी बनेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डिफेंस एक्स्पो में भारतीय सेना की लाइव डिमान्सट्रेशन से इसकी क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

समुद्र में होने वाली गतिविधियों का गोमती रिवर फ्रण्ट पर प्रदर्शन सराहनीय रहा है। हमारी सेना विपरीत परिस्थितियों में देश को सुरक्षित रखने के साथ ही आपदा के समय भी अच्छा कार्य करती है और उसका यह मानवीय पक्ष ही उसे विशिष्ट बनाता है।

यह आयोजन रक्षा क्षेत्र में देशवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। रक्षा के क्षेत्र में नया भारत सशक्त, समर्थ और समृद्ध ही नहीं हुआ, बल्कि विश्व की बड़ी से बड़ी शक्तियों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह आयोजन एक शंखनाद था, जिसने बड़े ऊँचे स्वरों में दुनिया को बताया कि आने वाला समय भारत का होगा। यह एक उद्घोष था कि आने वाले समय में हमारा देश ग्लोबल डिफेंस मैनुफैक्चरिंग का एक बहुत बड़ा केन्द्र बनेगा। जाहिर है कि डिफेंस एक्सपो के सफल आयोजन से योगी सरकार ने अपनी कुशलता प्रमाणित की है। इसी के साथ दुनिया में भारत की गरिमा भी बढ़ी है। विश्व समुदाय ने भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति को एक स्वर में स्वीकार किया है।

(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)