वस्तुतः यह प्रकाश करना राष्ट्रीय एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन होगा। चूंकि, चाहें थाली-घंटी बजाना हो या दीप-टॉर्च जलाना, ऐसी गतिविधियाँ भी इस कोरोना की लड़ाई में देश के मनोबल को ऊंचा रखने की दृष्टि से अत्यंत महत्व रखती हैं और मोदी इस बात को बाखूबी समझते हैं, इसीलिए ऐसा आह्वान कर रहे हैं। इसका उपहास उड़ाने या विरोध करने वाले भारत को नहीं जानते हैं तभी ऐसा कर रहे हैं।
कोरोना की आपदा से निपटने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है, लेकिन बाकी सब चीजों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय एकता को भी इस लड़ाई में कोरोना को परास्त करने के लिए जरूरी चीज मानते हैं। इस एकता के प्रदर्शन के लिए ही उन्होंने रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट तक सभी से अपने द्वार पर प्रकाश करने का आह्वान किया है।
वस्तुतः यह राष्ट्रीय एकता का अभूतपूर्व प्रदर्शन होगा। चूंकि, चाहें थाली-घंटी बजाना हो या दीप-टॉर्च जलाना, ऐसी गतिविधियाँ भी इस कोरोना की लड़ाई में देश के मनोबल को ऊंचा रखने की दृष्टि से अत्यंत महत्व रखती हैं और मोदी इस बात को बाखूबी समझते हैं, इसीलिए ऐसा आह्वान कर रहे हैं।
इसके अलावा मोदी ने लॉक डाउन के पालन का भी आह्वान किया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई अकेले नहीं की जा सकती। इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। यही बात प्रधानमंत्री ने मुखमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान कही थी।
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉक डाउन अपरिहार्य है। इसका मखौल बनाने वालों का आचरण अमानवीय है। भारत में जिस प्रकार जनता कर्फ्यू व लॉक डाउन पर अमल हो रहा है, उसके बीच ऐसी कतिपय घटनाएं आपत्तिजनक हैं। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉक डाउन की सफलता का संकल्प लिया है। उन्होने देश के लोगों पर विश्वास व्यक्त किया है।
योगी आदित्यनाथ की सरकार लॉकडाउन की स्थिति में गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का अभियान चला रही है। प्रत्येक जिलों में कम्युनिटी सेंटर चल रहे हैं। श्रमिकों व निर्बल वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। नरेंद्र मोदी भी कोरोना की सफलता हेतु पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेसिंग वार्ता की। उनका मकसद है कि पूरा देश एकजुट होकर कोरोना का मुकाबला करे। उन्होने सभी से नियमों के अनुपालन का आह्वान किया है। लॉक डाउन, कोरोना टेस्टिंग, कोरोना संदिग्धों का आइसोलेशन व क्वारेंटाइन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
दवा, उपकरण इत्यादि की निर्बाध सप्लाई भी सुनिश्चित करनी होगी। अलग कोरोना हॉस्पिटल स्थापित करना आवश्यक है। योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में पहले ही कारगर कदम उठाये हैं। मोदी ने जिला स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स गठित करने का सुझाव दिया। योगी ने जिला व प्रदेश में कार्य ग्रुप बनाये हैं। ऐसी कमेटियां प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं। योगी इनके साथ संवाद रखते हैं। इनके कार्यो की निगरानी करते हैं। आवश्यकतानुसार निर्देश भी देते हैं। संकट की इस घड़ी में प्रत्येक देशवासी को एकजुट रहते हुए कोरोना का मुकाबला करना है।
मोदी ने ठीक कहा कि यह युद्ध से बड़ा संकट है, ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं को बचाने के लिए सभी सावधानियां बरतनी होंगी। सभी देशवासियों से शान्ति, एकता, सद्भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखना चाहिए। मोदी को धर्मगुरुओं का भी आह्वान करना पड़ा। धर्मानुयायियों को कोरोना से निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों का पालन करने के लिए समझाना चाहिए।
सोशल डिस्टेंसिंग को स्वयं की प्रेरणा पर अमल करना चाहिए। इधर योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से निपटने के लिए एक कोष की स्थापना के निर्देश दिया। इसका उपयोग मेडिकल कॉलेजों की क्षमता विस्तार, टेस्टिंग लैब्स की स्थापना, पीपीई किट्स का उत्पादन, वेंटिलेटर्स, ट्रिपल लेयर मास्क, आइसोलेशन तथा क्वारंटाइन वार्डों की स्थापना व टेलिमेडिसिन सुविधा के लिए किया जाएगा।
योगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित अधिकारियों को प्रदेश में वृद्धाश्रम तथा अन्य आश्रय स्थलों का विवरण संकलित करने के निर्देश दिये। योगी ने भी धर्माचार्यों से भूमिका के निर्वाह की अपील की। उन्हें अपने अनुयायियों को लॉक डाउन पर अमल हेतु कहना चाहिए। इसी से समाज का हित होगा। प्रदेश में लॉकडाउन से प्रभावित नागरिकों की समस्या का त्वरित निस्तारण किया जाएगा।
शेल्टर होम टेण्ट अथवा खुले में न बनाकर किसी भवन में ही बनाया जाएगा। शेल्टर होम्स में भोजन, पेयजल, दवा आदि की पूरी व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
प्रत्येक शेल्टर होम में एक इन्चार्ज नियुक्त किया जाएगा। प्रदेश के सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन का सफल संचालन किया जा रहा है। जरूरतमन्दों को उचित माध्यम से कुक्ड फूड के पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जिलाधिकारियों द्वारा खाद्य पदार्थ की जारी की गयी रेट लिस्ट से कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण लगा है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि तबलीगी जमात से सम्बन्धित विदेशियों पर भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप एपिडेमिक एक्ट तथा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए। इन्हें क्वारेन्टाइन भी किया जाए।
कुल मिलाकर स्पष्ट है कि केंद्र की मोदी सरकार और देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महामारी से निपटने के लिए तत्परतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। योगी सरकार का कामकाज अन्य राज्यों के नजीर की तरह है। इसके साथ ही मोदी ने आज जो प्रकाश करने का आह्वान किया है, ये न केवल देशवासियों में एक उत्साह और उल्लास पैदा करेगा बल्कि विश्व को भी इस आपदा के वक़्त हमारी एकता का सन्देश देगा।
(लेखक हिन्दू पीजी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)