प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों का सिर काटे जाने के मामले पर कहा था कि उनकी सरकार एक के बदले दस सिर लाएगी। सिर लाना तो खैर एक प्रतीकात्मक भाषा थी, लेकिन हमारे जवानों द्वारा जिस तरह से अब बदला लिया जा रहा, उससे कह सकते हैं कि मोदी अपनी बात पर खरे साबित हुए हैं। उन्होंने सेना में ऐसा मनोबल भर दिया है कि अब पाकिस्तानी सैनिकों की गोलियों से अगर हमारे एक आरपी हाजरा शहीद होते हैं, तो बदले में हमारे जवान उसके दस सैनिकों को ढेर कर डालते हैं। विपक्षी भले न मानें, मगर देश इस बात को जरूर समझेगा।
गत वर्ष उड़ी हमले के बाद भारतीय जवानों ने जब सर्जिकल स्ट्राइक करके उसका बदला लिया था, तो देश में एक गजब के उत्साह और ऊर्जा का संचार हो उठा था। इसका कारण यह था कि तबसे पहले इस तरह की सैन्य कार्रवाई देश ने लम्बे समय से नहीं देखी थी। संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल में देशवासियों ने सिर्फ पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन से लेकर पाक-प्रेरित आतंकियों द्वारा हमलों के पश्चात् सत्तापक्ष की कड़ी निंदा ही सुनी थी। कभी कोई ठोस कार्रवाई करने का साहस कांग्रेस-नीत संप्रग सरकार नहीं जुटा सकी थी।
लेकिन, जब मोदी सरकार सत्तारूढ़ हुई तो उसने पहले तो पाकिस्तान से मधुर सम्बन्ध बनाने की कोशिश की, मगर उसके बदले जब पठानकोट और उड़ी जैसे हमले सामने आए तो सरकार ने सेना को कार्रवाई की छूट दे दी। परिणाम तब सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में सामने आया था। आज उस सर्जिकल स्ट्राइक को एक वर्ष से भी अधिक का समय हो गया है और इस दौरान जो चीज बदली है, वो ये कि अब हमारे जवान आए दिन उस तरह की कार्यवाहियां करने लगे हैं। अब पाकिस्तानी फायरिंग में अगर हमारा कोई जवान शहीद होता है, तो उसपर कड़ी निंदा नहीं होती, बल्कि हमारे जवानों द्वारा उसका उसी ढंग से तुरंत बदला ले लिया जाता है। लेकिन अब सेना की ऐसी कार्यवाहियों पर कोई विशेष शोर नहीं होता, क्योंकि अब हमारे जवानों के लिए यह सामान्य हो चला है।
अभी बीते बुधवार को पाकिस्तानी रेंजर्स की फायरिंग में भारतीय सीमा सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल आर. पी. हाजरा शहीद हो गए थे। संयोग कि उस रोज उनका जन्मदिन भी था। मगर हमारे जवानों ने हाजरा की इस शहादत का बदला महज चौबीस घंटे के अंदर ले लिया। सीमा सुरक्षा बल के जवानों द्वारा पाकिस्तानी रेंजर्स के दो मचानों को लक्ष्य करके नष्ट कर दिया गया, जिसमें दस से बारह रेंजर्स के मारे जाने तथा कई पाकिस्तानी चौकियों के तबाह होने की खबर है।
इससे पूर्व बीते वर्ष 23 दिसंबर को पाकिस्तानी गोलीबारी में भारत के चार जवान शहीद हुए थे, जिनका बदला 25 दिसंबर को भारतीय जवानों ने पाक द्वारा कब्जाए कश्मीर में घुसकर ले लिया था। बीते वर्ष की ऐसी ही कई और सैन्य कार्यवाहियां हैं, जो दिखाती हैं कि अब पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने में भारतीय जवान किसी भी तरह से पीछे नहीं हट रहे।
दरअसल हमारे जवान हमेशा से ऐसा करने में सक्षम थे, परन्तु पिछली सरकार के समय उन्हें कार्यवाही के लिए पूरी छूट ही नहीं मिलती थी, जिससे वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते थे। मौजूदा सरकार में पहले की अपेक्षा अधिक छूट मिलने के कारण वे अब पाकिस्तान को जोरदार ढंग से जवाब दे रहे हैं।
गौर करें तो प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय जवानों का सिर काटे जाने के मामले पर कहा था कि उनकी सरकार एक के बदले दस सिर लाएगी। सिर लाना तो खैर एक प्रतीकात्मक भाषा थी, लेकिन हमारे जवानों द्वारा जिस तरह से अब बदला लिया जा रहा, उससे कह सकते हैं कि मोदी अपनी बात पर खरे साबित हुए हैं। उन्होंने सेना में ऐसा मनोबल भर दिया है कि अब पाकिस्तानी सैनिकों की गोलियों से अगर हमारे एक आरपी हाजरा शहीद होते हैं, तो बदले में हमारे जवान उसके दस सैनिकों को ढेर कर डालते हैं। विपक्षी भले न मानें, मगर देश इस बात को जरूर समझेगा।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)